25
सातवों साल आराम दिन को साल
(व्यवस्थाविवरन 15:1-11)
फिर परमेश्वर न सीनै पहाड़ी पर मूसा सी कह्यो, “इस्राएलियों सी कहो कि जब तुम ऊ देश म सिरो जो मय तुम्ख दे रह्यो हय, तब ऊ देश की जमीन भी परमेश्वर लायी आराम करेंन। छय साल तक अपनो अपनो खेत म बीज बोयो करो, अऊर अंगूर की बाड़ी कटायी-छटायी कर क् ओकी फसल जमा करो; पर सातवों साल जमीन ख परमेश्वर लायी आराम मिलेंन; तुम ऊ साल म अपनो खेत मत बोवो अऊर नहीं अपनो अंगूर की बाड़ी छाटो। जो कुछ काट्यो हुयो खेत म अपनो आप सी उग्यो ओख मत काटो, अऊर बिना छाटी हुयी बेलावों को अंगूर मत तोड़ो; कहालीकि यो जमीन लायी परमविश्राम को साल होयेंन। जमीन को आराम साल की फसल सी तुम्ख, अऊर तुम्हरो सेवक-सेविका ख, अऊर तुम्हरो संग रहन वालो मजूरों परदेशियों ख भी भोजन मिलेंन। अऊर तुम्हरो पालतू जनावरों ख अऊर तुम्हरो देश को जंगली जनावरों ख भी जमीन की फसल सी भोजन मिलेंन।
जुबली को साल
“सात आराम साल मतलब सातगुना सात साल गिनो, सातों साल को समय उनपचास साल होयेंन। तब सातवों महिना को दसवों दिन ख, मतलब पश्चाताप को दिन ख, जय जयकार को महाशब्द को नरसिंगा अपनो पूरो देश म सब जागावों पर फूको। 10 अऊर पचासवो साल ख पवित्र मानो, अऊर देश को पूरो निवासियों लायी छुटकारा* को प्रचार करो; ऊ तुम्हरो लायी जुबली को साल कहलायेंन; अऊर तुम अपनो देश अऊर अपनो परिवार म लौट पावों। 11 तुम्हरो यहां ऊ पचासवो साल जुबली को साल कहलायेंन; ओको म तुम मत बोवो, अऊर जो अपनो आप उगेंन ओख भी मत काटो, अऊर बिन छाटी हुयी अंगूर को बेला को अंगूर भी मत तोड़ो। 12 कहालीकि ऊ जुबली को साल होयेंन; ऊ तुम्हरो लायी पवित्र साल होयेंन; जो खेतों की फसल होयेंन तुम ओखच खावो।
13 “यो जुबली को साल म हर आदमी ख अपनी अपनी निजी जमीन फिर सी हासिल होयेंन। 14 अऊर यदि तुम अपनो भाऊबन्धु ख कुछ बेचो यां अपनो भाऊबन्धु सी कुछ लेय लेवो, त तुम एक दूसरो ख ठगानो नहीं। 15 जुबली साल को बाद जितनो साल बित्यो हय उन्की गिनती को अनुसार दाम ठहराय क एक दूसरो सी लेय लेवो, अऊर बच्यो साल फसल को अनुसार ऊ तुम्ख बेचेंन। 16 यदि जादा साल बच्यो हय त दाम बढ़ावो, पर यदि कम साल बच्यो हय त दाम घटावो, कहालीकि साल फसल की संख्या जितनी होना उतनीच ऊ बेचेंन। 17 तुम एक दूसरो ख धोका मत देवो; अपनो परमेश्वर सी डरो; मय तुम्हरो परमेश्वर यहोवा आय।
सातवों साल की समस्या
18 “येकोलायी तुम मोरी विधियों ख मानो, मोरो नियमों को पालन करो; कहालीकि असो करनो सी तुम ऊ देश म निश्चिन्त निवास कर सको। 19 जमीन तुम्ख अपनी फसल देयेंन, अऊर तुम पेट-भर खाय क ऊ देश म निश्चिन्त बस्यो रहो।
20 “अऊर यदि तुम कहो कि सातवों साल म हम बीज नहीं बोयबो, अऊर फसल जमा नहीं करबो, तब हम का खाबो? 21 पर मय तुम्ख छठवो साल असी आशीष देऊं, कि जमीन की पुरानी फसल तीन साल तक पूरेंन। 22 जब तुम आठवों साल म बीज बोवो, तब पुरानी फसल म सीच खावो, अऊर नववों साल की फसल आवन तक पुरानी फसल ख खावो।
जमीन-जायजाद छुड़ावन की विधि
23 “जमीन हमेशा लायी बेची नहीं जाय, कहालीकि जमीन मोरी आय; अऊर ओको म तुम परदेशी अऊर बाहरी हय।”
24 पर तुम्ख अपनो हिस्सा को पूरो देश म की जमीन ख छुड़ावन को अधिकार हय। 25 “यदि तोरो कोयी जाति-भाऊ गरीब होना अऊर ऊ अपनी निजी जमीन म सी कुछ बेच डालय, त ओको कुटुम्बियों म सी जो जवर को होना ऊ आय क अपनो जाति-भाऊ को बेच्यो हुयो हिस्सा ख छुड़ाय ले। 26 यदि कोयी आदमी लायी कोयी छुड़ावन वालो नहीं होना, अऊर ओको जवर इतनो धन होना कि खुदच अपनो हिस्सा ख छुड़ाय सकेंन, 27 त ऊ ओको बिकन को समय सी गिनती करेंन जो साल ओन ओख बेच्यो होतो, ओख बच्यो साल को दाम चुकाय दे, तब ऊ अपनी निजी जमीन पर अधिकार होयेंन। 28 पर यदि ओको हाथ म अपनी जमीन फिर सी हासिल करन लायी धन नहीं होना, त वा जमीन लेन वालो को हाथ म जुबली को साल तक रहेंन; अऊर जुबली को साल म जमीन खुद मुक्त होय जायेंन अऊर बेचन वालो ख फिर सी हासिल होय जायेंन।
29 “फिर यदि कोयी आदमी शहरपनाह वालो नगर म अपनो घर बेचेंन, त ऊ बेचन को बाद एक साल को अन्दर छुड़ाय सकेंन, मतलब पूरो साल भर ऊ आदमी ख छुड़ावन को अधिकार रहेंन।” 30 पर यदि घर पूरो एक साल म छुड़ायो नहीं गयो, त शहरपनाह नगर को घर पीढ़ी सी पीढ़ी तक ऊ आदमी को अधिकार म होय जायेंन; जेन ओख लियो होतो ऊ जुबली को साल म भी नहीं छूटेंन। 31 पर बिना शहरपनाह को घर त देश को खेतों को जसो गिन्यो जायेंन; उन्को छुड़ानो भी होय सकेंन, अऊर हि जुबली को साल म भी छूट सकेंन। 32 फिर भी जिन नगरों म बन्यो घरों पर लेवियों को अधिकार हय, उन घरों ख लेवियों कोयी भी समय छुड़ाय सकय हय। 33 अऊर यदि कोयी लेवीय अपनो घर नहीं छुड़ाये, त ऊ बेच्यो हुयो घर जो ओको हिस्सा को नगर म होना जुबली को साल म छूट जायेंन; कहालीकि इस्राएलियों को बीच म लेवियों नगरों को घरों पर उन्कोच अधिकार हय। 34 पर उन्को नगरों को चारयी तरफ की चरायी की जमीन बेची नहीं जायेंन; कहालीकि उन पर लेवियों को अधिकार हय।
गरीबों ख उधार देनो
35 फिर यदि तोरो कोयी भाऊबन्धु गरीब होय जाये, अऊर ओकी दशा तोरो सामने तरस खान लायक होय जाये, त तय ओख सम्भाल लेजो; ऊ परदेशी यात्री को जसो तोरो संग रह्य सकेंन। 36 ओको सी ब्याज यां जादा फायदा मत लेजो; बल्की अपनो परमेश्वर को प्रति श्रद्धा-भाव रखजो; जेकोसी तोरो भाऊबन्धु तोरो संग जीवन बिताय सकेंन। 37 तय ओख ब्याज पर रुपया मत देजो, अऊर नहीं ओख भोजन चिज को फायदा कमावन को उद्देश सी देजो। 38 मय तुम्हरो परमेश्वर यहोवा आय; मय तुम्ख मिस्र देश सी येकोलायी निकाल लायो कि तुम्ख कनान देश देऊ अऊर तुम्हरो परमेश्वर होय जाऊ।
सेवकों को छुटकारा
39 फिर यदि कोयी तोरो भाऊबन्धु तोरो सामने गरीब होय क अपनो आप ख तोरो हाथ म बेच डाले, त ओको सी सेवक को जसो काम मत कराजो। 40 ऊ तोरो संग मजूर यां यात्री को समान रहेंन, अऊर जुबली को साल तक तोरो संग रह्य क सेवा करतो रहे; 41 फिर ऊ अपनो बच्चावों को संग तोरो जवर सी निकल जाय, अऊर अपनो कुटुम्ब म अऊर अपनो पूर्वजों की सम्पत्ति फिर सी हासिल करेंन। 42 कहालीकि हि मोरोच सेवक आय, जिन्ख मय न मिस्र देश सी निकाल लायो हय; येकोलायी हि गुलाम को समान नहीं बेच्यो जाय। 43 उन पर कठोरता सी अधिकार मत करजो; अपनो परमेश्वर को भय मानजो। 44 यदि तुम्ख दास-दासियों की जरूरत हय त अपनो आस-पास की राज्यों म सी दास अऊर दासियों ख लेय लेजो। 45 जो यात्री लोग तुम्हरो बीच म रहेंन, उन म सी अऊर उन्को घराना म सी भी जो तुम्हरो आस-पास होना, अऊर जिन्को जनम तुम्हरो देश म भयो हय, उन म सी तुम दास-दासियों ख लेय लेवो; अऊर हि तुम्हरी जायजाद होयेंन। 46 तुम अपनो टुरावों ख भी जो तुम्हरो बाद होयेंन उन्को अधिकार म कर सको, अऊर हि उन्को हिस्सा ठहरेंन; उन म सी तुम हमेशा अपनो लायी दास लियो करो, पर तुम्हरो भाऊबन्धु जो इस्राएली होना उन पर अपनो अधिकार कठोरता सी मत जताजो।
47 “फिर यदि तोरो सामने परदेशी यां यात्री धनी होय जाये, अऊर ओको सामने तोरो भाऊ गरीब होय क अपनो आप ख तोरो सामने ऊ परदेशी यां यात्री को कुटुम्ब को कोयी सदस्य को हाथ म बेच डाले, 48 त ओको बेच्यो जान को बाद ऊ फिर छुड़ायो जाय सकय हय; ओको भाऊवों म सी कोयी ओख छुड़ाय सकय हय, 49 यां ओको काका, यां काका भाऊ, यां ओको कुल को कोयी भी जवर को कुटुम्बी ओख छुड़ाय सकय हय; यां यदि ऊ धनी होय जाये, त ऊ खुदच अपनो ख छुड़ाय सकय हय।” 50 ऊ अपनो लेन वालो को संग अपनो बेच्यो जान को साल सी जुबली को साल तक गिनती करे, अऊर ओको बेचन को दाम साल की गिनती को अनुसार होयेंन, मतलब ऊ दाम मजूरों को समय को समान ओको संग होयेंन। 51 यदि जुबली को साल को बहुत साल बाकी रह्य जाये, त जितनो रुपयों सी ऊ लियो गयो होना उन म सी ऊ अपनो छुड़ावन को दाम उतनो साल को अनुसार लौटाय देयेंन। 52 यदि जुबली को साल को थोड़ो साल बाकी रह्य गयो होना, तब भी ऊ अपनो मालिक को संग हिसाब कर क् अपनो छुड़ावन को दाम उतनोच साल को अनुसार लौटाय देयेंन। 53 ऊ अपनो मालिक को संग ऊ मजूर को समान रहे जेकी वार्षिक मजूरी ठहरायी जावय हय; अऊर ओको मालिक ओको पर तोरो सामने कठोरता सी अधिकार नहीं जतानो पाये। 54 अऊर यदि ऊ इन रीतियों सी छुड़ायो नहीं जाये, त ऊ जुबली को साल म अपनो बाल-बच्चां समेत छूट जायेंन। 55 कहालीकि इस्राएली मोरोच सेवक आय; हि मिस्र देश सी मोरोच निकाल्यो हुयो सेवक आय; मय तुम्हरो परमेश्वर यहोवा आय।
* 25:10 यो छुटकारा गुलामगिरी को, अऊर जमीन को भी आय 25:36 लूका 6:35 25:53 कुलुस्सियों 4:1