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पवित्र दीयावों ख सजानो
(निर्गमन 27:20,21)
फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “इस्राएलियों ख या आज्ञा देवो कि मोरो जवर उजाड़ो देन लायी कुट क निकाल्यो हुयो जैतून को शुद्ध तेल लावो कि एक दीया हमेशा जलतो रहे। हारून ओख, मिलापवालो तम्बू म, वाचा को सन्दूक को बीच वालो परदा को बाहेर, शाम सी ले क सबेरे तक परमेश्वर को सामने सजाय क रखे; यो तुम्हरी पीढ़ी सी पीढ़ी लायी हमेशा की विधि ठहरेंन। हारून ऊ दीयावों ख शुद्ध सोनो को दीवट पर परमेश्वर को सामने हमेशा सजायो करे।
भेंट की रोटियां
“तय मैदा ले क बारा रोटियां बनावो, हर एक रोटी दोय किलो मैदा की बनायी जाय। तब उन्की दोय पंगत कर क्, एक एक पंगत म छय छय रोटियां, शुद्ध सोनो को मेज पर परमेश्वर को सामने रखो। अऊर एक एक पंगत पर शुद्ध लुभान रखो कि वा रोटी याद दिलावन वाली चिज अऊर परमेश्वर लायी भेंट हो। हर आराम दिन ख ऊ ओख हमेशा परमेश्वर को सामने एक को बाद एक रख्यो जाये, या हमेशा वाचा की रीति इस्राएलियों को तरफ सी होयेंन। अऊर हि रोटियां हारून अऊर ओको टुरावों की होयेंन, अऊर हि ओख कोयी पवित्र जागा म खायेंन, कहालीकि वा परमेश्वर को भेंटों म सी हमेशा की विधि को अनुसार हारून लायी परमपवित्र हिस्सा ठहरी हय।”
परमेश्वर की निन्दा की सजा
10 उन दिनों म इस्राएली बाई को टुरा, जेको बाप मिस्री होतो, अऊर ऊ टुरा इस्राएलियों को बीच म चली गयो; अऊर ऊ इस्राएली बाई को टुरा अऊर एक इस्राएली आदमी छावनी को बीच म आपस म झगड़न लग्यो, 11 अऊर वा इस्राएली बाई को टुरा परमेश्वर को नाम की निन्दा कर क् श्राप देन लग्यो। यो सुन क ओख मूसा को जवर ले गयो। ओकी माय को नाम शलोमीत होतो, जो दान वंशीय दिब्री की टुरी होती। 12 उन्न ओख देखभाल म रख्यो, जेकोसी परमेश्वर को मन उन पर प्रगट होय सके ।
13 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, 14 तुम लोग ऊ श्राप देन वालो ख छावनी सी बाहेर लि जावो; अऊर जितनो लोगों न वा निन्दा सुनी होना हि सब अपनो अपनो हाथ ओको मुंड पर रखे, तब पूरी मण्डली को लोग ओको पर पथराव करेंन। 15 अऊर तय इस्राएलियों सी कहजो कि कोयी भी व्यक्ति अपनो परमेश्वर ख श्राप देयेंन ओख अपनो पाप को बोझ उठानो पड़ेंन। 16 परमेश्वर को नाम की निन्दा करन वालो निश्चितच मार डाल्यो जाय; पूरी मण्डली को लोग निश्चित ओको पर पथराव करे; चाहे देशी होना यां परदेशी होना, यदि कोयी परमेश्वर को नाम की निन्दा करेंन त ऊ मार डाल्यो जायेंन।
17 “फिर कोयी आदमी कोयी व्यक्ति ख जान सी मार डालेंन त ओख निश्चित मार डाल्यो जायेंन। 18 यदि कोयी व्यक्ति कोयी जनावर ख जान सी मार दे त ऊ येको नुकसान की भरपाई कर दे, जनावर को बदला जनावर दे।
19 “फिर यदि कोयी दूसरो ख घाव पहुंचायो हय, त जसो ओन करयो हय वसोच ओको संग भी करयो जाय, 20 मतलब तोड़-फोड़ करन को बदला तोड़-फोड़ करयो जाय, आंखी को बदला आंखी, दात को बदला दात, जसो दु:ख जेन कोयी ख दियो होना वसोच दु:ख ओख भी दियो जाय। 21 जनावर ख मार डालन वालो ओको बदला भर दे, पर आदमी ख मार डालन वालो ख जरूर मार डाल्यो जाय। 22 तुम्हरो नियम एकच हो, जसो देशी लायी वसोच परदेशी लायी भी हो; मय तुम्हरो परमेश्वर यहोवा आय।”
23 येको बाद मूसा न इस्राएलियों ख यो समझायो; तब उन्न ऊ श्राप देन वालो आदमी ख छावनी सी बाहेर लाय क ओको पर पथराव करयो। अऊर इस्राएलियों न वसोच करयो जसो परमेश्वर न मूसा ख आज्ञा दी होती।
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