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आज्ञा पालन की आशीष
(व्यवस्थाविवरन 7:12-24; 28:1-14)
“तुम अपनो लायी मूर्ती मत बनावो, अऊर नहीं कोयी खोदी हुयी मूर्ती यां खम्बा अपनो लायी खड़ो मत करो, अऊर नहीं अपनो देश म दण्डवत करन लायी नक्काशीदार गोटा स्थापित करो; कहालीकि मय तुम्हरो परमेश्वर यहोवा आय।” तुम मोरो आराम दिनों को पालन करो अऊर मोरो पवित्र जागा को आदर करो; मय परमेश्वर आय।
“यदि तुम मोरी विधियों पर चलो अऊर मोरी आज्ञावों ख मान क ओको पालन करो, त मय तुम्हरो लायी समय समय पर बारीश बरसाऊं, जेकोसी खेत अपनी उपज उपजायेंन, अऊर जमीन को झाड़ अपनो अपनो फर दियो करेंन; यहां तक कि तुम अंगूर तोड़न को समय भी दावनी करतो रहो, अऊर बोवन को समय भी अंगूर तोड़तो रहो, अऊर तुम भरपेट रोटी खावो, अऊर अपनो देश म निश्चिन्त होय क बस्यो रहो।
“अऊर मय तुम्हरो देश ख सुख चैन देऊं, अऊर तुम्ख कोयी नहीं डरायेंन; अऊर मय ऊ देश म हिंसक जनावरों ख नहीं रहन देऊं, अऊर नहीं तुम्हरो देश पर तलवार चलेंन। अऊर तुम अपनो दुश्मनों ख मार भगावों। अऊर हि तुम्हरो सामने तलवार सी मारयो जायेंन। तुम म सी पाच आदमी सौ ख अऊर सौ आदमी दस हजार ख खदेड़ेंन; अऊर तुम्हरो दुश्मन तलवार सी तुम्हरो सामने मारयो जायेंन; अऊर मय तुम्हरो तरफ कृपादृष्टि रखूं अऊर तुम ख फलवन्त करूं अऊर बढ़ाऊं, अऊर तुम्हरो संग अपनी वाचा ख पूरी करूं। 10 अऊर तुम रख्यो हुयो अनाज ख खावो, अऊर नयो रहतो हुयो भी पुरानो ख निकालो। 11 अऊर मय तुम्हरो बीच म अपनो निवास-स्थान बनाऊं, अऊर मोरो जीव तुम सी घृना नहीं करेंन। 12 अऊर मय तुम्हरो बीच म चल्यो फिरयो करूं, अऊर तुम्हरो परमेश्वर बन्यो रहूं, अऊर तुम मोरो लोग बन्यो रहो। 13 मय त तुम्हरो ऊ परमेश्वर यहोवा आय, जो तुम ख मिस्र देश सी येकोलायी निकाल लायो कि तुम मिस्रियों को गुलाम नहीं बन्यो रहो; अऊर मय न तुम्हरो जूवा ख तोड़ डाल्यो हय, अऊर तुम्ख सीधो खड़ो कर क् चलायो हय।”
आज्ञा उल्लंघन की सजा
(व्यवस्थाविवरन 28:15-68)
14 “यदि तुम मोरी नहीं सुनो, अऊर इन सब आज्ञावों ख नहीं मानो, 15 अऊर मोरी विधियों ख निकम्मा जानो, अऊर तुम्हरी आत्मा मोरो फैसला सी घृना करेंन, अऊर तुम मोरी सब आज्ञावों को पालन नहीं करो, बल्की मोरी वाचा ख तोड़ो, 16 त मय तुम सी यो व्यवहार करूं; मतलब मय तुम्ख बेचैन करूं, अऊर क्षयरोग अऊर बुखार सी पीड़ित करूं, अऊर इन्को वजह तुम्हरी आंखी धुंधली होय जायेंन, अऊर तुम्हरो मन जादा उदास होयेंन। अऊर तुम्हरो बीज बोवनो बेकार होयेंन, कहालीकि तुम्हरो दुस्मन उन्की उपज खाय जायेंन; 17 अऊर मय भी तुम्हरो खिलाफ होय जाऊं, अऊर तुम अपनो दुस्मन सी हार जावो; अऊर तुम्हरो दुस्मन तुम्हरो ऊपर अधिकार करेंन, अऊर जब कोयी तुम्हरो पीछा भी नहीं कर रह्यो होना तब भी तुम भगो।”
18 “अऊर यदि तुम इन बातों को होन पर भी मोरी नहीं सुनो, त मय तुम्हरो पापों को वजह तुम्ख सातगुना सजा देऊं, 19 अऊर मय तुम्हरो बल को घमण्ड तोड़ डालूं, अऊर तुम्हरो लायी आसमान ख लोहा को जसो अऊर जमीन ख पीतल को जसो कठोर बनाय देऊं, 20 अऊर तुम्हरी मेहनत बेकार जायेंन, कहालीकि तुम्हरी खेत उपज नहीं उपजायेंन, अऊर जमीन को झाड़ अपनो फर नहीं देयेंन।”
21 “यदि तुम मोरो खिलाफ चलतोच रहो, अऊर मोरो कहनो नहीं मानो, त मय तुम्हरो पापों को अनुसार तुम पर सातगुना अऊर भी संकट डालूं।” 22 अऊर मय तुम्हरो बीच म जंगली जनावर भेजूं, जो तुम्हरो बच्चां ख अऊर तुम्हरो घरेलू जनावरों ख नाश कर डालेंन, अऊर तुम्हरी गिनती घटायेंन, जेकोसी तुम्हरी सड़के सुनी पड़ जायेंन।
23 “फिर यदि तुम इन बातों पर भी मोरी ताड़ना सी नहीं सुधरो, अऊर मोरो खिलाफ चलतोच रहो, 24 त मय तुम्हरो खिलाफ चलू, अऊर तुम्हरो पापों को वजह मय खुदच तुम्ख सातगुना सजा देऊं।” 25 अऊर मय तुम पर एक असी तलवार चलाऊं, जो वाचा तोड़न को पूरो पूरो बदला लेयेंन; अऊर जब तुम नगरों म जाय क जमा होवो तब मय तुम्हरो बीच म मरी फैलाऊं, अऊर तुम अपनो दुस्मनो को हाथ म सौप दियो जावो। 26 जब मय तुम्हरो लायी अनाज को आधार ख दूर कर डालूं, तब दस बाईयां एकच तंदूर म पकाय क तौल तौल क देयेंन; तुम रोटियां त खावो पर तृप्त नहीं होवो।
27 “फिर यदि तुम येको बाद भी मोरी नहीं सुनो, अऊर मोरो खिलाफ चलतोच रहो, 28 त मय गुस्सा म भर क तुम्हरो खिलाफ चलू, अऊर तुम्हरो पापों को वजह तुम ख सातगुना सजा अऊर भी देऊं।” 29 अऊर तुम ख अपनो बेटावों अऊर बेटियां को मांस खानो पड़ेंन। 30 अऊर मय तुम्हरो पूजा की वेदियों ख गिराय देऊं, अऊर तुम्हरी सूर्य की मूर्तियों ख तोड़ डालूं, अऊर तुम्हरो लाशों ख तुम्हरी तोड़ी हुयी मूर्तियों पर फेक देऊं; अऊर मय तुम सी घृना करूं। 31 अऊर मय तुम्हरो नगरों ख उजाड़ देऊं, अऊर तुम्हरो पवित्र जागावों ख भी उजाड़ देऊं, अऊर तुम्हरो सुखदायक सुगन्ध स्विकार नहीं करूं। 32 अऊर मय तुम्हरो देश ख सुनो कर देऊं, अऊर तुम्हरो दुस्मन जो ओको म रह्य हय हि इन बातों वजह चकित होय जायेंन। 33 अऊर मय तुम्ख राज्य-राज्य को बीच तितर-बितर कर देऊं, अऊर तुम्हरो पीछू पीछू तलवार निकाल्यो रहूं; अऊर तुम्हरो देश सुनो अऊर तुम्हरो नगर उजाड़ होय जायेंन। 34 “तब जितनो दिन ऊ देश सुनो पड़्यो रहेंन अऊर तुम अपनो दुस्मनो को देश म रहो उतनो दिन ऊ अपनो आराम कालों ख मानतो रहेंन, तबच ऊ देश आराम पायेंन, मतलब अपनो आराम कालों ख मानतो रहेंन। 35 जितनो दिन ऊ देश सूनो पड़्यो रहेंन उतनो दिन ओख आराम मिलेंन, मतलब जो आराम ओख तुम्हरो वहां बस्यो रहन को समय तुम्हरो आराम कालों म नहीं मिल्यो होना ऊ ओख तब मिलेंन।
36 “अऊर तुम म सी जो बच्यो हुयो को दिल म जो तुम्हरो दुस्मनो को देश म होना उन्को दिलो म कायरता पैदा करूं; अऊर हि सुख्यो पत्ता को खड़कन को आवाज सीच भग जायेंन, अऊर हि असो भगेंन जसो कोयी तलवार सी बचन लायी भगय हय, उन्को पीछा करन वालो नहीं होनो पर भी हि गिर पड़ेंन। 37 जब कोयी पीछा करन वालो नहीं होना तब भी तलवार को डर सी लड़खड़ाय क एक दूसरो पर गिरतो जायेंन, अऊर तुम्ख अपनो दुस्मनो को सामने खड़ो रहन की तुम म कुछ भी शक्ति नहीं रहेंन। 38 तब तुम राज्य-राज्य को बीच पहुंच क नाश होय जावो, अऊर तुम्हरो दुस्मनो की जमीन तुम्ख खाय जायेंन। 39 अऊर तुम सी जो बच्यो रहेंन हि अपनो दुस्मनो को देश म अपनो पाप को वजह गल जायेंन; अऊर अपनो पुरखावों को बुरो कामों को वजह भी हि उन्कोच जसो गल जायेंन।
40 “पर यदि हि अपनो पितरों को बुरो काम ख मान लेयेंन, मतलब ऊ जो मोरो विश्वासघात करेंन, अऊर यो भी मान लेयेंन कि हम परमेश्वर को खिलाफ चल्यो होतो, 41 यो वजह ऊ हमरो खिलाफ होय क हम्ख दुस्मनो को देश म लायो हय। यदि ऊ समय उन्को खतनारहित दिल दब जायेंन अऊर हि ऊ समय अपनो बुरो काम की सजा ख स्विकार करेंन; 42 तब जो वाचा मय न याकूब को संग बान्धी होती ओख मय याद करूं, अऊर जो वाचा मय न इसहाक अऊर अब्राहम सी बान्धी होती ओख भी याद करूं, अऊर यो देश ख भी मय याद करूं। 43 पर ऊ देश उन्को निकल जानो सी सुनो पड़्यो रहेंन, अऊर उन्को बिना सुनो रह्य क भी आराम कालों ख मानतो रहेंन; अऊर हि लोग अपनो बुरो काम की सजा ख स्विकार करेंन, योच वजह सी उन्न मोरी आज्ञावों को उल्लंघन करयो होतो, अऊर उन्की आत्मावों ख मोरी विधियों सी घृना होती। 44 इतनो होनो पर भी हि अपनो दुस्मनो को देश म रहेंन तब मय उन्ख यो तरह नहीं छोड़ूं, अऊर नहीं उन्कोसी असी घृना करूं कि उन्को सत्यानाश कर डालूं अऊर अपनी वा वाचा ख तोड़ देऊ जो मय न उन्कोसी बान्धी होती; कहालीकि मय उन्को परमेश्वर यहोवा आय; 45 पर मय उन्की भलायी लायी उन्को पितरों सी बान्धी हुयी वाचा ख याद करूं; जिन्ख मय न दूसरो राज्यों को लोगों की आंखी को सामने मिस्र देश सी निकाल क लायो कि मय उन्को परमेश्वर ठहरू मय परमेश्वर आय।”
46 जो जो विधियां अऊर नियम अऊर व्यवस्था परमेश्वर न अपनो तरफ सी इस्राएलियों लायी सीनै पहाड़ी पर मूसा को द्वारा ठहरायी होती हि याच आय।
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