योना
योना
परिचय
योना की किताब भविष्यवक्ता योना को नीनवे शहर म सेवकायी को बारे म हय। दूसरी भविष्यवानियों की किताबों को अलावा, या किताब परमेश्वर को सन्देश की तुलना म भविष्यवक्ता अऊर ओको कार्यों पर जादा ध्यान लगावय हय। योना की सेवकायी लगभग उच समय भयो जब यारोबाम दूसरो इस्राएल को राजा होतो, लगभग ८००-७५० ई. स. पहिले, पर विद्वानों ख यो नहीं पता कि किताब खुद कब लिखी गयी होती।
परमेश्वर न योना ख नीनवे को खिलाफ प्रचार करन लायी भेज्यो, पर योना न आज्ञा नहीं मानी अऊर नीनवे सी दूसरी दिशा म चली गयो। १:१-३ ऊ एक जहाज पर सवार भयो जो तर्शीश शहर जाय रह्यो होतो। जब जहाज तर्शीश को तरफ जाय रह्यो होतो, त परमेश्वर न एक बड़ो तुफान भेज्यो। डोंगा चलावन वालो बहुत डर गयो, अऊर उन्न परमेश्वर को गुस्सा ख शान्त करन लायी योना ख समुन्दर म फेंक दियो। फिर परमेश्वर न योना ख गिटकन लायी एक बड़ी मच्छी भेजी। योना न पश्चाताप करयो अऊर परमेश्वर न ओख जीन्दो रहन दियो। आखरी म, योना येको विपरित प्रचार करन लायी नीनवे गयो, अऊर शहर को लोगों न पश्चाताप करयो। योना की किताब या बात पर जोर देवय हय कि परमेश्वर कितनो दयालु हय, भलोच योना नहीं चाहत होतो कि परमेश्वर दयालु हय। ४:२
रूप-रेखा
बतायो गयो हय कि योना कौन्सो तरह परमेश्वर सी दूर भग गयो अऊर मच्छी को पेट म समाय गयो।
योना को द्वारा मच्छी को पेट म रहतो हुयो परमेश्वर सी करी गयी प्रार्थना को वर्णन हय।
योना नीनवे म प्रचार करय हय अऊर शहर को लोग पश्चाताप करय हंय। परमेश्वर उन्ख बचावन को फैसला करय हय।
आखरी म, योना या बात सी गुस्सा हय कि परमेश्वर न नीनवे को लोगों पर दया दिखायी, अऊर परमेश्वर योना सी कह्य हय कि ऊ सब लोगों सी प्रेम करय हय।
1
परमेश्वर की आज्ञा को उल्लंघन
परमेश्वर को वचन अमितै को टुरा योना सी कह्यो: “उठ क ऊ बड़ो नगर नीनवे ख जा, अऊर ओको खिलाफ प्रचार कर; कहालीकि ओकी बुरायी मोरो तक पहुंची हय।” पर योना परमेश्वर को जवर सी तर्शीश नगर ख भगन लायी उठ्यो, अऊर याफा बन्दरगाह ख जाय क तर्शीश जान वालो एक जहाज देख्यो; अऊर किराया दे क ओको अन्दर गयो की उन्को संग परमेश्वर को आगु सी तर्शीश ख चली जाये।
तब परमेश्वर न समुन्दर म एक भयानक आन्धी चलायी, अऊर समुन्दर म बड़ो तुफान उठ्यो, असो लग रह्यो होतो कि जहाज टूट जायेंन। तब जहाज चलावन वालो लोग डर क अपनो अपनो परमेश्वर ख सुमरन लग्यो; अऊर जहाज म जो व्यापार को सामान होतो ओख समुन्दर म फेकन लग्यो कि जहाज हल्को होय जाये। पर योना जहाज को खल्लो को हिस्सा म उतर क सोय गयो होतो, अऊर गहरी नींद म पड़्यो होतो।
तब जहाज को मुखिया ओको जवर आय क कहन लग्यो, “तय गहरी नींद म पड़्यो हुयो का कर रह्यो हय? उठ, अपनो देवता ख सुमर! सम्भव हय की परमेश्वर हमरी चिन्ता करेंन, अऊर हमरो नाश नहीं होयेंन।”
तब उन्न आपस म कह्यो, “आवो, हम चिट्ठी डाल क जान लेबो की या विपत्ति हम पर कौन्को वजह सी आयी हय।” तब उन्न चिट्ठी डाली, अऊर चिट्ठी योना को नाम पर निकली। तब उन्न ओको सी कह्यो, “हम्ख बताव कि या विपत्ति हम पर कहाली आयी हय? तय का काम करय हय? तय कहां सी आयो हय? तय कौन्सो देश को अऊर कौन्सो लोगों म सी आयो हय?”
योना न उन्को सी कह्यो, “मय इब्री आय; अऊर स्वर्ग को परमेश्वर यहोवा न समुन्दर अऊर जमीन दोयी ख बनायो हय, ओकोच डर मानु हय।” 10 तब हि बहुत डर गयो, अऊर ओको सी कहन लग्यो, “तय न यो का करयो हय?” हि जान गयो कि ऊ परमेश्वर को आगु सी भग क आयो हय; कहालीकि की ओन खुदच उन्ख बताय दियो होतो।
11 तब उन्न योना सी पुच्छ्यो, “हम तोरो संग का करबो जेकोसी समुन्दर शान्त होय जायेंन?” उच समय समुन्दर की लहर बढ़तच जात होती।
12 ओन उन्को सी कह्यो, “मोख उठाय क समुन्दर म फेक देवो; तब समुन्दर शान्त होय जायेंन; कहालीकि की मय जानु हय, कि यो बड़ो तुफान तुम्हरो ऊपर मोरोच वजह सी आयो हय।”
13 फिर भी हि बड़ो कोशिश सी चलावत रह्यो कि ओख किनारो पर लगाये, पर पहुंच नहीं सक्यो, कहालीकि की समुन्दर की लहर उन्को विरुद्ध बड़तच जात होती। 14 तब उन्न परमेश्वर ख पुकार क कह्यो, “हे परमेश्वर, हम बिनती करजे हय, कि यो आदमी को जीव को बदला म हमरो नाश नहीं होय, अऊर नहीं हम्ख निर्दोष की हत्या को दोषी ठहराव; कहालीकि हे परमेश्वर, जो कुछ तोरी इच्छा होती उच तय न करयो हय।” 15 तब उन्न योना ख उठाय क समुन्दर म फेक दियो; अऊर समुन्दर की भयानक लहर रुक गयी। 16 तब उन आदमियों न परमेश्वर को बहुतच डर मान्यो, अऊर ओख बलि चड़ायो अऊर मन्नत मानी।
17 परमेश्वर न एक बड़ी मच्छी ठहरायी होती की योना ख गिटक ले; अऊर योना वा बड़ी मच्छी को पेट म तीन दिन अऊर तीन रात पड़्यो रह्यो।