9
परमेश्वर को न्याय
1 मय न प्रभु ख वेदी को ऊपर खड़ो देख्यो, अऊर ओन कह्यो खम्भा को सिरा पर मार जेकोसी डेहरी हले, अऊर उन्ख सब लोगों को मुंड पर गिराय क तुकड़ा तुकड़ा कर; अऊर जो नाश होन सी बच्यो, उन्ख मय तलवार सी मार डालूं; उन म सी एक भी नहीं भग सकेंन, अऊर जो अपनो ख बचाये, ऊ बच नहीं पायेंन।
2 कहालीकि चाहे हि गड्डा खोद क अधोलोक म उतर जाये, त वहां सी मय हाथ बढ़ाय क उन्ख लाऊं; चाहे हि आसमान पर चढ़ जाये, त वहां सी मय उन्ख उतार लाऊं।
3 चाहे हि कर्मेल पहाड़ी की सेंडी पर लूक जाये, पर वहां भी मय उन्ख ढूंढ-ढूंढ क पकड़ लेऊं, अऊर चाहे हि समुन्दर की गहरायी म मोरी नजर सी लूक जाये, वहां भी मय सांप ख उन्ख डसन की आज्ञा देऊं।
4 चाहे दुश्मन उन्ख देश सी निकाल क अपनो देश म ले जाये, वहां भी मय आज्ञा दे क तलवार सी उन्ख मार डालूं; अऊर मय उन पर भलायी करन लायी नहीं, बुरायीच करन लायी नजर करूं।
5 सेनावों को परमेश्वर यहोवा को छुवन सी धरती पिघलय हय, अऊर ओको पुरो रहनवालो विलाप करय हय; अऊर हि सब को सब मिस्र की नील नदी को जसो होय जावय हय, जो बढ़य हय, अऊर घट जावय हय।
6 जो आसमान म अपनो घर बनावय, अऊर अपनो आकाशमण्डल की नीव धरती पर डालय, अऊर आज्ञा कर क् समुन्दर को पानी धरती पर बहाय देवय हय, ओकोच नाम यहोवा आय।
7 हे इस्राएलियों, यहोवा यो कह्य हय, “का तुम मोरो लायी कूशियों को जसो नहाय? का मय इस्राएल ख मिस्र देश सी अऊर पलिश्तियों ख कप्तोर क्षेत्र सी नहीं निकाल लायो? अऊर सीरिया वासियों ख कीर क्षेत्र सी नहीं लायो।
8 देखो, प्रभु यहोवा की नजर यो पापमय राज्य पर लगी हय, अऊर मय येख धरती पर सी नाश करूं; तब भी मय पूरी रीति सी याकूब को घराना को नाश नहीं करूं,” यहोवा की याच वानी आय।
9 “मोरी आज्ञा सी इस्राएल को घराना सब राज्यों म असो चाल्यो जायेंन जसो अनाज चालनी म छान्यो जावय हय, पर ओको एक भी कंकड़ दाना जमीन पर नहीं गिरेंन।
10 मोरी प्रजा म को सब पापी जो कह्य हंय, वा विपत्ति हम पर नहीं पड़ेंन, अऊर नहीं हम्ख घेरेंन, हि सब तलवार सी मारयो जायेंन।”
इस्राएल को पुनर्निमाण
11 “ऊ समय मय दाऊद की गिरी हुयी झोपड़ी ख खड़ो करूं, अऊर ओकी दीवाल की फट ख सुधारूं, अऊर ओको खण्डरों ख फिर बनाऊं, अऊर जसो ऊ पुरानो समय म होतो, ओख वसोच बनाय देऊं;
12 जेकोसी हि बच्यो हुयो एदोमियों ख बल्की सब राष्ट्रों ख जो मोरो कहलावय हंय, अपनो अधिकार म ले, यहोवा जो यो काम पूरो करय हय, ओकी याच वानी आय।”
13 यहोवा यो कह्य हय, “देखो, असो दिन आवय हंय, कि नांगर जोतन वालो काटन वालो ख अऊर अंगूर रौंदन वालो बीज बोवन वालो सी आगु निकल जायेंन; अऊर पहाड़ियों सी नयो अंगूरीरस टपकन लगेंन, अऊर सब पहाड़ियों सी बह निकलेंन।
14 मय अपनी प्रजा इस्राएल को बन्दियों ख लौटाय ले आऊं, अऊर हि उजड़्यो हुयो नगरों ख फिर सी बनाय क उन म बसेंन; हि अंगूर की बाड़ियां लगाय क अंगूरीरस पीयेंन, अऊर बगीचा लगाय क उन्को फर खायेंन।
15 मय उन्ख, उन्कीच जमीन म बोऊं, अऊर हि अपनी जमीन म सी जो मय न उन्ख दी हय, फिर कभी उखाड़्यो नहीं जायेंन,” तुम्हरो परमेश्वर यहोवा को योच वचन आय।