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तब यूसुफ अपनो बाप को मुंह पर गिर क रोयो अऊर अपनो बाप ख चुम्यो। अऊर यूसुफ न उन बैद्यों ख, जो ओको सेवक होतो, आज्ञा दी कि ओको बाप को शव म सुगन्ध की चिज भरे। तब बैद्यों न याकूब को शव म सुगन्ध की चिज भर दियो। अऊर ओको चालीस दिन पूरो भयो, कहालीकि जिन्को शव म सुगन्ध की चिज भरी जावय हंय, उन्ख इतनोच दिन पूरो लगय हंय : अऊर मिस्री लोग ओको लायी सत्तर दिन तक शोक मनातो रह्यो।
जब ओको शोक को दिन बीत गयो, तब यूसुफ फिरौन को घराना सी कहन लग्यो, “यदि तुम्हरी अनुग्रह की नजर मोरो पर हो त मोरो सन्देश फिरौन ख सुनावो, मोरो बाप न यो कह्य क, मोख यो कसम खिलायी, ‘देख मय मरन पर हय,’ ‘जो कब्र मय न अपनो लायी कनान देश म खुदवायी हय ओकोच म मोख तय माटी देजो।’ येकोलायी अब मोख उत जाय क अपनो बाप ख माटी देन की आज्ञा दे, ओको बादच म लौट आऊं।”
तब फिरौन न कह्यो, “जाय क अपनो बाप की खिलायी हुयी कसम को अनुसार ओख माटी दे।”
येकोलायी यूसुफ अपनो बाप ख माटी देन लायी चली गयो, अऊर फिरौन को सब काम करन वालो अऊर ओको भवन को मुखिया अऊर मिस्र देश को सब मुखिया ओको संग चल्यो, अऊर यूसुफ को घर को सब लोग अऊर ओको भाऊ अऊर ओको बाप को घर को सब लोग भी संग गयो; पर हि अपनो बाल बच्चां, शेरी मेंढियों, अऊर गाय बईल ख गोशेन प्रदेश म छोड़ गयो। अऊर यूसुफ को संग रथ अऊर घुड़सवार भी गयो, यो तरह शव यात्रा म भीड़ बहुत भारी भय गयी।
10 जब हि आताद को खरियान तक, जो यरदन नदी को पार हय, उत पहुंच्यो, तब उत बहुत शोक मनायो; अऊर यूसुफ न अपनो बाप लायी सात दिन तक शोक करयो। 11 आताद को खरियान म को शोक ख देख क ऊ नगर को निवासी कनानियों न कह्यो, “यो त मिस्रियों को कोयी भारी शोक होना।” योच वजह ऊ जागा को नाम आबेलमिस्रैम* पड़्यो, अऊर ऊ यरदन को पार हय।
12 याकूब को टुरावों न ठीक उच काम करयो, जसो ओन उन्ख आज्ञा दी होती 13 अऊर उन्न याकूब ख कनान देश म ले जाय क मकपेला की ऊ जमीन वाली गुफा म, जो मम्रे को आगु हय, उत माटी दी; जेक अब्राहम न हित्ती एप्रोन को हाथ सी येकोलायी लेय लियो होतो कि ऊ कब्रस्थान लायी ओकी निजी जमीन हो।
यूसुफ को अपनो भाऊवों ख दिलासा देनो
14 अपनो बाप ख माटी दे क यूसुफ अपनो भाऊवों अऊर उन सब को संग, जो ओको बाप ख माटी देन लायी ओको संग गयो होतो, उन सब को संग मिस्र लौट आयो। 15 जब यूसुफ को भाऊवों न देख्यो कि हमरो बाप मर गयो हय, तब कहन लग्यो, “अब शायद यूसुफ हमरो सी नफरत करे, अऊर जितनी बुरायी हम न ओको सी करी होती सब को बदला हम सी लेयेंन?” 16 येकोलायी उन्न यूसुफ को जवर एक सन्देश भेज्यो, “तोरो बाप न मरनो सी पहिले हम्ख यो आज्ञा दी होती 17 ‘तुम लोग यूसुफ सी यो तरह कहो, कि हम बिनती करजे हंय कि तय अपनो भाऊवों को अपराध अऊर पाप ख माफ कर; हम न तोरो सी बुरायी करी होती, पर अब अपनो बाप को परमेश्वर को दासों को अपराध माफ कर’।” उन्की या बाते सुन क यूसुफ रोय पड़्यो।
18 अऊर ओको भाऊ खुद भी जाय क ओको आगु गिर पड़्यो, अऊर कह्यो, “देख, हम तोरो दास हंय।”
19 यूसुफ न उन्को सी कह्यो, “मत डरो, का मय परमेश्वर की जागा पर हय? 20 हालांकि तुम लोगों न मोरो लायी बुरायी को बिचार करयो होतो; पर परमेश्वर न उच बात म भलायी को बिचार करयो, जेको सी ऊ असो करे, जसो अज को दिन प्रगट हय, कि बहुत सो लोगों को जीव बच्यो हंय। 21 येकोलायी अब मत डरो; मय तुम्हरो अऊर तुम्हरो बाल बच्चां को पालन पोषन करतो रहूं।” यो तरह यूसुफ न उन्ख समझाय-बुझाय क शान्ति दी।
यूसुफ को मरनो
22 यूसुफ अपनो बाप को घराना सहीत मिस्र देश म निवास करतो रह्यो, अऊर यूसुफ एक सौ दस साल जीन्दो रह्यो। 23 अऊर यूसुफ न एप्रैम की सन्तान ख तीसरी पीढ़ी तक देख्यो; अऊर मनश्शे को नाती, जो माकीर को टुरा होतो, हि पैदा भयो अऊर यूसुफ न उन्ख गोदी म लियो। 24 यूसुफ न अपनो भाऊवों सी कह्यो, “मय त मरन पर हय; पर परमेश्वर जरूरच तुम्हरी चिन्ता करेंन, अऊर तुम्ख यो देश सी निकाल क ऊ देश म पहुंचाय देयेंन, जेक देन की ओन अब्राहम, इसहाक, अऊर याकूब सी कसम खायी होती।” 25 तब यूसुफ न अपनो लोगों सी एक प्रतिज्ञा करन ख कह्यो। यूसुफ न कह्यो, “मोरो सी प्रतिज्ञा करो कि जब परमेश्वर तुम लोगों ख नयो देश म लिजायेंन तब तुम भी मोरी अस्थियां अपनो संग लिजावों।” 26 यो तरह यूसुफ एक सौ दस साल को होय क मर गयो; अऊर ओको शव म सुगन्ध की चिज भरी गयी, अऊर ऊ शव मिस्र देश म एक सन्दूक म रख्यो गयो।
50:5 उत्पत्ति 37:29-31 * 50:11 मिस्री लोगों को विलाप 50:13 प्रेरितों 7:16 50:25 इब्रानियों 11:22; निर्गमन 13:19; यहोशू 24:32