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याकूब को आखरी शब्द
तब याकूब न अपनो टुरावों ख यो कह्य क बुलायो, “जमा होय जावो, मय तुम ख बताऊं कि आखरी को दिनों म तुम पर का का बीतेंन।
 
“हे याकूब को टुरावों, जमा होय क सुनो,
अपनो बाप याकूब* को तरफ कान लगावो।
 
“हे रूबेन, तय मोरो पहिलो अऊर बड़ो टुरा आय,
अऊर मोरो आदमी होन को नाते पहिलो सबूत तयच आय;
तय मोरो पूरो टुरावों सी बड़ो अभिमानी अऊर ताकतवर तयच हय।
तय एक भयंकर बाढ़ की लहर को जसो प्रचण्ड हय,
येकोलायी तय मोरो पूरो टुरावों सी ज्यादा महत्व को नहीं होय सकजो;
कहालीकि तय मोरी पत्नी को संग सोयो,
अऊर तय न अपनो बाप को बिस्तर ख अशुद्ध करयो।
 
“शिमोन अऊर लेवी भाऊ हंय,
हि अपनी तलवार हिंसा करन लायी इस्तेमाल करय हंय।
हे मोरो जीव, उन्की गुप्त बैठक म मत पड़,
हे मोरी महिमा, उन्की सभा म मत मिल;
कहालीकि उन्न गुस्सा म आदमियों ख मार डाल्यो हय,
अऊर अपनीच इच्छा पर चल क बईलों ख लंगड़ा बनावय हंय।
धिक्कार हय उन्को गुस्सा पर, कहालीकि ऊ भयंकर हय;
अऊर उन्को गुस्सा ख,
जो निर्दयी होतो;
मय उन्ख याकूब को देश म अलग अलग अऊर इस्राएल म तितर बितर कर देऊं।
 
“हे यहूदा, तोरो भाऊ तोरो धन्यवाद करेंन,
तोरो हाथ तोरो दुश्मनों की गर्दन पर पड़ेंन;
तोरो बाप को टुरा तोख दण्डवत करेंन।
यहूदा सिंह को बच्चा हय। हे मोरो टुरा,
तय शिकार कर क् गुफा म गयो हय; ऊ सिंह जसो,
सिंहनी को जसो झुक क बैठ्यो हय;
तब कौन ओख छेड़ क उठाय सकय हय।
10 जब तक शीलो नहीं आये तब
तक राजदण्ड यहूदा सी नहीं छूटेंन,
अऊर न ओको वंश सी व्यवस्था देन वालो अलग होयेंन;
अऊर राज्य राज्य को लोग ओकी आज्ञा को पालन करेंन।
11 ऊ अपनो जवान गधा ख अंगूर की बेला म,
अऊर अपनी गधी को बच्चा ख सब सी अच्छी अंगूर की बेला म बान्ध्यो करेंन; ओन अपनो कपड़ा अंगूर को रस म,
अऊर अपनो पहिनन वालो कपड़ा अंगूरीरस रस म धोवय हय।
12 ओकी आंखी अंगूर को रस पीवन सी लाल होती,
अऊर ओको दात दूध सी ज्यादा सफेद हय।
 
13 “जबूलून समुन्दर को किनार पर निवास करेंन,
ऊ जहाजों लायी बन्दरगाह को काम देयेंन,
अऊर ओको राज्य की सीमा सीदोन देश तक पहुंचेंन।
 
14 “इस्साकार एक ताकतवर गधा हय,
जो जनावरों को झुण्ड को बीच म सोयो रह्य हय।
15 ओन एक आराम की जागा देख क,
कि अच्छी हय, अऊर एक देश, कि मनोहर हय,
अपनो बख्खा ख बोझ उठावन लायी झुकायो,
अऊर बेगारी म दास को जसो काम करन लग्यो।
 
16 “दान इस्राएल को एक गोत्र होय क
अपनो जाति भाऊवों को न्याय करेंन।
17 दान रस्ता म को एक सांप,
अऊर सड़क को किनार को एक नाग होयेंन,
जो घोड़ा की एड़ी ख डंसय हय,
जेको सी ओको सवार पछाड़ खाय क पीछू को तरफ गिर जावय हय।
 
18 “हे परमेश्वर, मय तोरो सीच उद्धार पावन की बाट देखत आयो हय।
 
19 “गाद पर एक डाकुवों को दल आक्रमन त करेंन;
पर ऊ पीछू सी उन पर आक्रमन करेंन।
 
20 “आशेर सी जो अनाज पैदा होयेंन ऊ उत्तम होयेंन,
अऊर ऊ राजा को लायक स्वादिष्ट जेवन दियो करेंन।
 
21 “नप्ताली एक छूटी हुयी
हरिन की जसी हय वा सुन्दर बाते बोलय हय।
 
22 “यूसुफ फलवन्त डगाली की एक बेला आय, वा झरना को जवर लगी हुयी फलवन्त डगाली की एक बेला आय;
ओकी डगालियां दीवार पर सी चढ़ क फैल जावय हंय।
23 धनुर्धारियों न ओको पर भयंकर आक्रमन करयो,
अऊर ओको पर बान छोड्यो, अऊर ओख बहुत ज्यादा सतायो।
24 तब भी ओको धनुष स्थिर रह्यो,
अऊर ओकी भुजा अऊर हाथ याकूब को उच शक्तिमान परमेश्वर को हाथों को द्वारा फुर्तीलो भयो,
जेको जवर ऊ चरवाहा आयेंन,
जो इस्राएल नगर की चट्टान भी ठहरेंन।
25 यो तोरो बाप को ऊ परमेश्वर को नाम आय,
जो तोरी मदत करेंन,
ऊ सर्वशक्तिमान को जो तोख ऊपर सी आसमान म की आशीषें,
अऊर खल्लो सी गहिरो पानी म की आशीषें,
अऊर स्तनों अऊर गर्भ की आशीषें देयेंन।
26 तोरो बाप को आशीर्वाद,
मोरो पूर्वजों को आशीर्वादों सी ज्यादा बढ़ गयो हंय अऊर सनातन पहाड़ियों की मनचाही चिजों को जसो बन्यो रहेंन :
हि यूसुफ की मुंड पर,
जो अपनो भाऊवों सी अलग करयो गयो होतो,
ओकोच मुंड को मुकुट पर फूले फलेंन।
 
27 “बिन्यामीन बहुत खूंखार भेड़िया हय,
सुबेरे त ऊ शिकार ख फाड़य, अऊर शाम ख लूट को माल बाटय हय।”
 
28 इस्राएल को बारा गोत्र हिच आय : अऊर उन्को बाप न जो जो वचन सी उन्ख आशीर्वाद दियो, ऊ हिच आय; एक एक ख ओको लायक आशीर्वाद को अनुसार ओन आशीर्वाद दियो।
याकूब को मरनो अऊर गाड़्यो जानो
29 तब ओन यो कह्य क उन्ख आज्ञा दी, “मय अपनो लोगों को संग मिलन पर हय : येकोलायी मोख हित्ती जाति एप्रोन की जमीन वाली गुफा म मोरो बापदादों को संग माटी देजो 30 अऊर उच गुफा म जो कनान देश म मम्रे को आगु वाली मकपेला की जमीन म हय; ऊ जमीन ख अब्राहम न हित्ती जाति एप्रोन को हाथ सी येकोच लायी लेय लियो होतो कि ऊ कब्रस्थान लायी ओकी निजी जमीन हो। 31 उत अब्राहम अऊर ओकी पत्नी सारा ख माटी दी गयी होती, अऊर उतच इसहाक अऊर ओकी पत्नी रिबका ख भी माटी दी गयी होती; अऊर उतच मय न लिआ : ख भी माटी दी। 32 ऊ जमीन अऊर ओको म की गुफा हित्तियों को हाथ सी ले ली होती।” 33 याकूब जब अपनो टुरावों ख यो आज्ञा दे चुक्यो, तब अपनो पाय खटिया पर जमा कर क् जीव छोड़्यो, अऊर अपनो लोगों म जाय मिल्यो।
* 49:2 इस्राएल 49:9 प्रकाशितवाक्य 5:5; गिनती 24:9 49:11 अंगूर को खून 49:30 उत्पत्ति 23:3-20 49:31 उत्पत्ति 35:29 49:33 प्रेरितों 7:15