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याकूब को एप्रैम अऊर आदमी ख आशीर्वाद देनो
1 इन बातों को बाद कोयी न यूसुफ सी कह्यो, “सुन तोरो बाप बीमार हय।” तब यूसुफ मनश्शे अऊर एप्रैम नाम को दोयी टुरावों ख संग ले क याकूब को जवर गयो।
2 कोयी न याकूब ख बताय दियो, “तोरो टुरा यूसुफ तोरो जवर आय रह्यो हय,” तब याकूब अपनो ख सम्भाल क खटिया पर बैठ गयो
3 अऊर याकूब न यूसुफ सी कह्यो, “सर्वशक्तिमान परमेश्वर न कनान देश को लूज नगर को जवर मोख दर्शन दे क आशीष दी,
4 अऊर कह्यो, ‘सुन, मय तोख फलवन्त कर क् बढ़ाऊं, अऊर तोख राज्य राज्य की मण्डली को मूल बनाऊं, अऊर तोरो बाद तोरो वंश ख यो देश देऊं, जेको सी कि ऊ हमेशा तक उन्की निजी जमीन बनी रहे।’ ”
5 अऊर अब तोरो दोयी टुरा, “जो मिस्र म मोरो आन को पहिले पैदा भयो हंय, हि मोरोच ठहरेंन; मतलब जो रीति सी रूबेन अऊर शिमोन मोरो हंय, उच रीति सी एप्रैम अऊर मनश्शे भी मोरो ठहरेंन।
6 अऊर उन्को बाद तोरी जो सन्तान पैदा होयेंन ऊ तोरी त ठहरेंन; पर बंटवारा को समय हि अपनो भाऊवों कोच वंश म गिन्यो जायेंन।
7 जब मय पद्दान सी आय रह्यो होतो, तब एप्राता नगर पहुंचन सी थोड़ोच दूर पहिले राहेल कनान देश म, रस्ता म, मोरो आगु मर गयी; अऊर मय न ओख उतच, मतलब एप्राता नगर जो बैतलहम भी कहलावय हय, उच रस्ता म माटी दी।”
8 तब याकूब न यूसुफ को टुरावों ख देख्यो, तब पुच्छ्यो, “हि टुरा कौन आय?”
9 यूसुफ न अपनो बाप सी कह्यो, “हि मोरो टुरा आय, जो परमेश्वर न मोख इत दियो हंय।”
याकूब न कह्यो, “उन्ख मोरो जवर ले आव कि मय उन्ख आशीर्वाद देऊं।”
10 याकूब की आंखी बुढ़ापा को वजह धुन्धरी भय गयी होती, यहां तक कि ओख कम दिखायी देत होतो। तब यूसुफ अपनो टुरावों ख याकूब को जवर लिजायो; अऊर ओन उन्ख चुम क गरो लगाय लियो।
11 तब याकूब न यूसुफ सी कह्यो, “मय न सोच्यो तो नहीं कि मय तोरो मुख फिर सी देखनो पाऊं : पर देख, परमेश्वर न मोख तोरो वंश भी दिखायो हय।”
12 यूसुफ न उन्ख अपनो बाप को घुटना को बीच सी हटायो अऊर जमीन को तरफ मुंड झुकाय क दण्डवत करयो।
13 तब यूसुफ न उन दिनों ख ले क, मतलब एप्रैम ख अपनो दायो हाथ सी कि ऊ याकूब को बायो हाथ पड़े, अऊर मनश्शे ख अपनो बायो हाथ सी कि ऊ याकूब को दायो हाथ पड़े, उन्ख ओको जवर लिजायो।
14 तब याकूब न अपनो दायो हाथ बढ़ाय क एप्रैम की मुंड पर जो छोटो होतो, अऊर अपनो बायो हाथ बढ़ाय क मनश्शे की मुंड पर रख दियो; ओन जान बुझ क असो करयो नहीं त बड़ो मनश्शेच होतो।
15 तब ओन यूसुफ ख आशीर्वाद दे क कह्यो,
“परमेश्वर जेकी उपस्थिति म रह्य क मोरो बापदादा अब्राहम अऊर इसहाक चल्यो,
उच परमेश्वर मोरो जनम सी ले क अज को दिन तक मोरो देखभाल करन वालो बन्यो हय;
16 अऊर उच स्वर्गदूत मोख पूरी बुरायी सी छुड़ातो आयो हय, उच अब इन टुरावों ख आशीष दे;
अऊर हि मोरो अऊर मोरो बापदादा अब्राहम अऊर इसहाक को कहलाये;
अऊर धरती म बहुतायत सी बढ़े।”
17 जब यूसुफ न देख्यो कि मोरो बाप न अपनो दायो हाथ एप्रैम की मुंड पर रख्यो हय, तब या बात यूसुफ ख बुरी लगी; येकोलायी ओन अपनो बाप को हाथ यो बिचार सी पकड़ लियो कि एप्रैम की मुंड पर सी उठाय क मनश्शे की मुंड पर रख दे।
18 अऊर यूसुफ न अपनो बाप सी कह्यो, “हे बाप, असो नहीं; कहालीकि बड़ो योच आय; अपनो दायो हाथ येकी मुंड पर रख।”
19 ओको बाप न कह्यो, “नहीं; सुन, हे मोरो टुरा, मय या बात ख अच्छो सी जानु हय : अऊर येको सी भी आदमियों की एक मण्डली पैदा होयेंन, अऊर ऊ भी महान होय जायेंन, तब भी येको छोटो भाऊ येको सी बहुत ज्यादा महान होय जायेंन, अऊर ओको वंश सी बहुत सी जातियां निकलेंन।”
20 तब ओको बाप न उच दिन यो कह्य क उन्ख आशीर्वाद दियो, “इस्राएली लोग तोरो नाम ले ले क असो आशीर्वाद दियो करेंन, ‘परमेश्वर तोख एप्रैम अऊर मनश्शे को जसो बना दे,’ ” अऊर ओन मनश्शे सी पहिले एप्रैम को नाम लियो।
21 तब याकूब न यूसुफ सी कह्यो, “देख, मय त मरन पर हय : पर परमेश्वर तुम लोगों को संग रहेंन, अऊर तुम ख तुम्हरो पूर्वजों को देश म फिर पहुंचाय देयेंन।
22 अऊर मय तोख तोरो भाऊवों सी ज्यादा जमीन को एक भाग देऊ हय, जेक मय न एमोरी जाति को हाथ सी अपनी तलवार अऊर धनुष की ताकत सी ले लियो हय।”