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यो तरह आसमान अऊर धरती अऊर जो कुछ उन्म हय, इन सब की रचना पूरी भयी। अऊर परमेश्वर न अपनो काम जेक ऊ करत होतो सातवों दिन ओन खतम करयो, अऊर ओन अपनो करयो हुयो पूरो काम सी सातवों दिन आराम करयो। अऊर परमेश्वर न सातवों दिन ख आशीर्वाद दियो अऊर पवित्र ठहरायो; कहालीकि ओको म ओन जगत की रचना कर क् अपनो पूरो काम सी आराम करयो होतो।
आदमी की उत्पत्ति
आसमान अऊर धरती की उत्पत्ति को वर्नन यो हय कि जब हि पैदा भयो मतलब जो दिन यहोवा परमेश्वर न धरती अऊर आसमान ख बनायो : पर ऊ समय धरती पर कोयी पौधा नहीं होतो अऊर नहीं जमीन की कोयी बीज अंकुरित भयी होती; कहालीकि प्रभु परमेश्वर न धरती पर पानी नहीं बरसायो होतो, अऊर जमीन पर खेती करन लायी आदमी भी नहीं होतो। ओस धरती सी ऊपर उठत होतो, जेको सी पूरी जमीन सिंची जात होती।
तब प्रभु परमेश्वर न जमीन सी माटी निकाली अऊर ओको म सी आदमी* ख बनायो; अऊर ओन अपनी नासिका सी जीवन की श्वास फूक्यो अऊर आदमी एक जीन्दो प्रानी बन गयो।
अऊर प्रभु परमेश्वर न पूर्व दिशा म अदन म एक बगीचा लगायो, अऊर उत ओन ऊ आदमी ख रख्यो जो ओन बनायो होतो। अऊर यहोवा परमेश्वर न जमीन सी सब तरह को झाड़, जो देखनो म सुन्दर अऊर जिन्को फर खानो म अच्छो हंय, जमीन सी जगायो, अऊर बगीचा को बीच म जीवन को झाड़ ख अऊर भलो या बुरो ज्ञान को झाड़ ख भी लगायो।
10 ऊ बगीचा ख सींचन लायी एक महा नदी अदन सी निकली अऊर उत सी बह क चार नदियों म बट गयी। 11 पहिली नदी को नाम पीशोन हय; या वाच नदी आय जो हवीला देश को चारों तरफ बह हय, जित सोनो मिलय हय। 12 ऊ देश को सोनो शुद्ध होवय हय; उत मोती अऊर सुलैमानी गोटा भी मिलय हंय। 13 दूसरी नदी को नाम गीहोन हय; या वाच नदी आय जो कूश देश को चारों तरफ बह हय। 14 अऊर तीसरी नदी को नाम हिद्देकेल हय; या वाच आय जो अश्शूर देश की पूर्व दिशा म बहय हय। अऊर चौथी नदी को नाम फरात हय।
15 तब प्रभु परमेश्वर न आदमी ख ले क अदन को बगीचा म रख दियो, कि ऊ ओको म काम करे अऊर ओकी रक्षा करे। 16 अऊर प्रभु परमेश्वर न आदमी ख आज्ञा दी, “तुम बगीचा को सब झाड़ को फर बिना झीझक खाय सकय हय; 17 पर भलो या बुरो को ज्ञान को जो झाड़ हय, ओको फर तुम कभी मत खाजो : कहालीकि जो दिन तुम ओको फर खावो उच दिन जरूर मर जाजो।”
18 तब प्रभु परमेश्वर न कह्यो, “आदमी को अकेलो रहनो अच्छो नहीं; मय ओकी मदद लायी एक असो संगी बनाऊं जो ओको सी मेल खाये।” 19 येकोलायी प्रभु परमेश्वर जमीन सी कुछ माटी ली अऊर पूरो जनावरों अऊर आसमान को सब पक्षियों ख रच क आदमी को जवर आयो कि ऊ उन्को का का नाम रखेंन; अऊर जो जो जीन्दो प्रानी को जो जो नाम आदम न रख्यो उच ओको नाम होयेंन। 20 त ऊ आदमी न सब जाति को पालतु जनावरों, अऊर आसमान को पक्षियों, अऊर सब जाति को जंगली जनावरों को नाम रख्यो; पर आदमी लायी कोयी असो मदद करन लायी नहीं मिल्यो जो ओको सी मेल खाय सके।
21 तब प्रभु परमेश्वर न आदम ख गहरी नींद म डाल दियो, अऊर जब ऊ सोय गयो, ओन आदम की एक फसली निकाली अऊर मांस ख भर दियो। 22 अऊर प्रभु परमेश्वर न ऊ फसली ख जो ओन आदमी म सी निकाली होती, ओन एक बाई बनायी; अऊर ओख आदम को जवर लायो। 23 तब ऊ आदम न कह्यो,
“अब यो मोरी हड्डियों म की हड्डी अऊर मोरो मांस म को मांस हय;
येकोलायी येको नाम ‘बाई’ होयेंन,
कहालीकि ओख आदम म सी बाहेर निकाली गयी हय।”
24 योच वजह हय कि आदमी अपनो माय बाप ख छोड़ क अपनी पत्नी सी मिल्यो रहेंन, अऊर हि एक जुट बन्यो रहेंन।
25 आदम अऊर ओकी पत्नी दोयी नंगा होतो, पर हि लज्जित नहीं होतो।
2:2 इब्रानियों 4:4,10 2:3 निर्गमन 20:11 2:7 १ कुरिन्थियों 15:45-47 * 2:7 पहिलो आदमी 2:9 प्रकाशितवाक्य 2:7; 22:2; 14 2:10 यहेजकेल 47:11 2:19 भजन 8:6 2:23 उत्पत्ति 29:14 2:24 मत्ती 19:5; मरकुस 10:7,8; १ कुरिन्थियों 6:16; इफिसियों 5:31