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कुलों म जमीन वितरन
“कुलों को हिस्सा यो होना : उत्तर की सीमा सी लग्यो हुयो हेतलोन को रस्ता को जवर सी हमात की घाटी तक, अऊर दमिश्क की सीमा को जवर को हसरेनान सी उत्तर को तरफ हमात को जवर तक एक हिस्सा दान को होना; अऊर ओको पूर्व को तरफ पश्चिम की सीमा भी होना।”
दान की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक आशेर को एक हिस्सा हो।
आशेर की सीमा सी लग्यो हुयो, पूर्व सी पश्चिम तक नप्ताली को एक हिस्सा हो।
नप्ताली की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक मनश्शे को एक हिस्सा।
मनश्शे की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक एप्रैम को एक हिस्सा हो।
एप्रैम की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक रूबेन को एक हिस्सा हो।
रूबेन की सीमा सी लग्यो हुयो, पूर्व सी पश्चिम तक यहूदा को एक हिस्सा हो।
देश को बीच म जमीन को विशेष हिस्सा
“यहूदा की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक ऊ अर्पन करयो हुयो हिस्सा होना, जेख तुम्ख अर्पन करनो पड़ेंन, ऊ पच्चीस हजार बांस चौड़ो अऊर पूर्व सी पश्चिम तक कोयी एक कुल ख हिस्सा को समान लम्बो हो, अऊर ओको बीच म पवित्र जागा हो।”
जो हिस्सा तुम्ख परमेश्वर ख अर्पन करनो पड़ेंन, उन्की लम्बायी पच्चीस हजार बांस अऊर चौड़ायी दस हजार बांस की होना। 10 यो अर्पन करयो हुयो पवित्र हिस्सा याजकों ख मिले; ऊ उत्तर को तरफ पच्चीस हजार बांस लम्बो, पश्चिम को तरफ दस हजार बांस चौड़ो, पूर्व को तरफ दस हजार बांस चौड़ो अऊर दक्षिन को तरफ पच्चीस हजार बांस लम्बो होना; अऊर ओको बीचोबीच परमेश्वर को पवित्र जागा हो। 11 यो विशेष पवित्र हिस्सा सादोक की सन्तान को उन याजकों को होये जो मोरी आज्ञावों को पालन करतो रहे, अऊर इस्राएलियों को भटक जान को समय लेवियों को समान नहीं भटक्यो होतो। 12 येकोलायी देश को अर्पन करयो हुयो हिस्सा म सी यो उन्को लायी हिस्सा मतलब परमपवित्र देश ठहरे; अऊर लेवियों की सीमा सी लग्यो रहे। 13 याजकों की सीमा सी लग्यो हुयो लेवियों को हिस्सा हो, ऊ पच्चीस हजार बांस लम्बो अऊर दस हजार बांस चौड़ो होना। पूरी लम्बायी पच्चीस हजार बांस की अऊर चौड़ायी दस हजार बांस की होना। 14 हि ओको म सी नहीं त कुछ बेचे, नहीं दूसरी जमीन सी बदले; अऊर नहीं जमीन की पहली फसल अऊर कोयी ख दियो जाये। कहालीकि ऊ परमेश्वर लायी पवित्र हय।
15 “चौड़ायी को पच्चीस हजार बांस को सामने जो पाच हजार बच्यो रहेंन, ऊ नगर अऊर बस्ती अऊर चरायी लायी साधारन हिस्सा होना; अऊर नगर ओको बीच म होना। 16 नगर को यो नाप हो, मतलब उत्तर, दक्षिन, पूर्व अऊर पश्चिम को तरफ साढ़े चार चार हजार हाथ। 17 नगर को जवर उत्तर, दक्षिन, पूर्व, पश्चिम म चराइयां हो। जो ढायी ढायी सौ बांस चौड़ी होना। 18 अर्पन करयो हुयो पवित्र हिस्सा को जवर की लम्बायी म सी जो कुछ बचे, मतलब पूर्व अऊर पश्चिम दोयी तरफ दस दस हजार बांस जो अर्पन करयो हुयो हिस्सा को जवर होना, ओकी फसल नगर म मेहनत करन वालों को खान को लायी होना। 19 इस्राएल को पूरो कुल म सी जो नगर म मेहनत करे, हि ओकी खेती करे।”
20 पूरो अर्पन करयो हुयो हिस्सा पच्चीस हजार बांस लम्बो अऊर पच्चीस हजार बांस चौड़ो होना; तुम्ख चौकोन पवित्र हिस्सा अर्पन करनो पड़ेंन जेको म नगर की विशेष जमीन होना।
21 “जो हिस्सा रह जाये, ऊ मुखिया ख मिले। पवित्र अर्पन करयो हुयो हिस्सा को, अऊर नगर की विशेष जमीन को दोयी तरफ मतलब उन्को पूर्व को तरफ पश्चिम को तरफ को पच्चीस पच्चीस हजार बांस की चौड़ायी को जवर, जो अऊर कुलों को हिस्सावों को जवर रहे, ऊ मुखिया ख मिले। अर्पन करयो हुयो पवित्र हिस्सा अऊर भवन को पवित्र जागा उन्को बीच म रहे। 22 जो मुखिया को हिस्सा रहे, ऊ लेवियों को बीच अऊर नगरों की विशेष जमीन होना। मुखिया को हिस्सा यहूदा अऊर बिन्यामीन की सीमा को बीच म रहे।”
दूसरो कुल को हिस्सा
23 दूसरो कुलों को हिस्सा यो तरह हो : पूर्व सी पश्चिम तक बिन्यामीन को एक हिस्सा हो।
24 बिन्यामीन की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक शिमोन को एक हिस्सा।
25 शिमोन की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक इस्साकार को एक हिस्सा।
26 इस्साकार की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक जबूलून को एक हिस्सा।
27 जबूलून की सीमा सी लग्यो हुयो पूर्व सी पश्चिम तक गाद को एक हिस्सा।
28 अऊर गाद की सीमा को जवर दक्षिन को तरफ सीमा तामार सी ले क कादेश को मरीबोत नाम को सोता तक, अऊर मिस्र को नाला अऊर महासागर तक पहुंचे।
29 जो देश तुम्ख इस्राएल को कुलों ख बांटनो पड़ेंन ऊ योच आय, अऊर उन्को हिस्सा भी योच आय, परमेश्वर यहोवा की या वानी आय।
नगर की फाटक
30 “नगर को निकलन को रस्ता यो आय, मतलब उत्तर को तरफ जेकी लम्बायी साढ़े चार हजार बांस की होना। 31 ओको म तीन फाटक होना; मतलब एक रूबेन को फाटक, एक यहूदा को फाटक,अऊर एक लेवी को फाटक होना; कहालीकि नगर की फाटकों को नाम इस्राएल को कुलों को नामों पर रखनो पड़ेंन। 32 पूर्व को तरफ सीमा साढ़े चार हजार बांस लम्बो होना; अऊर ओको म तीन फाटक होना; मतलब एक यूसुफ की फाटक, एक बिन्यामीन की फाटक, अऊर एक दान की फाटक होना। 33 दक्षिन को तरफ सीमा साढ़े चार हजार बांस लम्बो होना, अऊर ओको म तीन फाटक होना; मतलब एक शिमोन की फाटक, एक इस्साकार की फाटक, अऊर एक जबूलून की फाटक होना; 34 अऊर पश्चिम को तरफ सीमा साढ़े चार हजार बांस लम्बी होना, अऊर ओको म तीन फाटक होना; मतलब एक गाद की फाटक, एक आशेर की फाटक अऊर एक नप्ताली की फाटक होना। 35 नगर को चारयी तरफ को घेरा अठरा हजार बांस को होना, अऊर ऊ दिन सी आगु नगर को नाम ‘यहोवा शाम्मा’ रहेंन।”