दानिय्येल नामक किताब
दानिय्येल नामक किताब
दानिय्येल को परिचय
दानिय्येल की किताब म इस्राएलियों को निर्वासन को समय को दौरान भविष्यवक्ता दानिय्येल को जीवन अऊर भविष्यवानियां दर्शन सी संबंधित हय। यो दानिय्येल अऊर ओको संगियों को वफादारी को संग संग राष्ट्रों अऊर दुनिया सी संबंधित भविष्यवानियों को बारे म बतावय हंय। या किताब ६०५ सी लगभग ५३५ ईसा, पूर्व ओ बारे म बतावय हय, जित दानिय्येल न बेबीलोन को चार अलग अलग राजावों को शासन काल को दौरान सेवा करी होती। पारंपारिक दृष्टिकोन यो हय कि दानिय्येल न खुद यो समय को दौरान बेबीलोन म किताब लिखी होती, लेकिन कयी आधुनिक विद्वानों को दावा हय कि या बात म ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी को दौरान इस्राएल म लिखी गयी होती। दूसरो को माननो हय कि किताब को कुछ भाग अलग अलग समय पर लिख्यो गयो होतो।
दानिय्येल की किताब बन्धुवायी म रह्य रह्यो इस्राएलियों को संग संग समय आनो पर आन वाली पीढ़ियों ख आशा देन लायी लिखी गयी होती। दानिय्येल को जीवन की घटनावों अऊर भविष्य सी संबंधित भविष्य वानी को माध्यम सी परमेश्वर राजावों अऊर राष्ट्रों पर अपनी शक्ति दिखावय हंय। बाइबल को संदर्भ म, यो नयो नियम म ईश्वर को राज्य ख समझनो म मदद करय हय। दानिय्येल 7:13-14 म मसीहा की भविष्यवानी करी गयी हय। आखरी समय को संबंध म दानिय्येल को दर्शन को उल्लेख यीशु द्वारा करयो गयो हय मत्ती 2४:15; मरकुस १३:१४ अऊर यूहन्ना को प्रकाशितवाक्य सी संबंधित हंय। दानिय्येल यिर्मयाह की भविष्यवानियों पर भी बिचार करय हय दानिय्येल 9:1-3
रूप रेखा
१. नबूकदनेस्सर को शासन काल को दौरान बेबीलोन म दानिय्येल अऊर ओको संगियों को बारे म बतावय हय। १–४
२. राजा बेलतशस्सर को दर्शन को दानिय्येल को व्याख्या को बारे म बतावय हय।
३. दारियस को शासन काल को दौरान शेर को गुफा म दानिय्येल को बारे म बतावय हय। 6
४. भविष्य की घटनावों को संबंध म ईश्वर सी दानिय्येल तक को खुलासा शामिल हंय। ७:१२
५. दानिय्येल भविष्यवक्ता को बारे म दोय दर्शन अऊर उन्की व्याख्यावों को वर्नन करय हय। ७–८
६. दानिय्येल अपनो लोगों लायी प्रार्थना करय हय अऊर स्वर्गदूत जिब्राएल द्वारा ओको उत्तर दियो जावय हय।
७. जिब्राएल आखरी समय म भविष्य की घटनावों को खुलासा करय हय १०–१२
1
दानिय्येल अऊर ओको संगी
(१:१; ६:२८)
चार जवान नबूकदनेस्सर की राज सभा म
यहूदा को राजा यहोयाकीम को राज्य को तीसरो साल म बेबीलोन को राजा नबूकदनेस्सर न यरूशलेम पर चढ़ायी कर क् ओख घेर लियो।* तब प्रभु परमेश्वर न यहूदा को राजा यहोयाकीम ख परमेश्वर को भवन को कयी बर्तनों समेत ओको हाथ म कर दियो; अऊर ओन उन बर्तनों ख शिनार देश म अपनो देवता को मन्दिर म लिजाय क, अपनो देवता को भण्डार घर म रख दियो। तब ऊ राजा न अपनो मुख्य प्रधान अशपनज ख आज्ञा दी कि इस्राएली राज घराना को अऊर प्रतिष्ठित परिवार म सी असो कयी जवानों ख लाव, जो निर्दोष, सुन्दर अऊर सब तरह की बुद्धि म तेज, अऊर आज्ञा म परिपूर्ण अऊर विद्वान, अऊर राजमन्दिर म हाजिर रहन को लायक हो; अऊर उन्ख कसदियों को शास्त्र अऊर भाषा की शिक्षा दे। राजा न आज्ञा दी कि ओको जेवन अऊर पीवन को अंगूरीरस म सी उन्ख हर दिन खान पीवन ख दियो जाये। यो तरह तीन साल तक उन्को पालन पोषन होतो रहे; तब ओको बाद हि राजा को आगु हाजिर करयो जाये। उन्म यहूदा की सन्तान सी चुन्यो हुयो दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, अऊर अजर्याह नाम को यहूदी होतो। खोजों को प्रधान न उन्को दूसरो नाम रख्यो; मतलब दानिय्येल को नाम ओन बेलतशस्सर, हनन्याह को शद्रक, मीशाएल को मेशक, अऊर अजर्याह को नाम अबेदनगो रख्यो।
पर दानिय्येल न अपनो मन म ठान लियो कि ऊ राजा को जेवन खाय क, अऊर ओको पीवन को अंगूरीरस पी क अपवित्र न होये; येकोलायी ओन मुख्य प्रधान सी बिनती करी कि ओख अपवित्र न होनो पड़े। परमेश्वर न मुख्य प्रधान को मन म दानिय्येल को प्रति कृपा अऊर दया भर दी। 10 खोजों को प्रधान न दानिय्येल सी कह्यो, “मय अपनो स्वामी राजा सी डरू हय, कहालीकि तुम्हरो खानो पीनो ओनच ठहरायो हय, कही असो नहीं होय कि ऊ तोरो मुंह तोरो संग को जवानों सी उतरयो हुयो अऊर उदास देखे अऊर तुम मोरी मुंड राजा को आगु जोखिम म डालो।” 11 तब दानिय्येल न ऊ मुखिया सी, जेख खोजों को प्रधान न दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, अऊर अजर्याह को खान पिवन की व्यवस्था करन लायी नियुक्त करयो होतो, कह्यो, 12 “मय तोरो सी बिनती करू हय, कि अपनो दासों ख दस दिन तक जांच, हमरो खान लायी सब्जी भाजी अऊर पीवन लायी पानीच दियो जाये। 13 तब दस दिन को बाद हमरो मुंह अऊर जो जवान राजा को जेवन खावय हंय उन्को मुंह ख देख; अऊर जसो तोख दिखेंन, ओकोच अनुसार अपनो दासों सी व्यवहार करजो।” 14 उन्की या बिनती ओन मान ली, अऊर दस दिन तक उन्ख जांचतो रह्यो। 15 दस दिन को बाद उन्को मुंह राजा को जेवन ख खान वालो सब जवानों सी बहुत अच्छो अऊर मोटो दिखायी पड़्यो। 16 तब जो जेवन की व्यवस्था करत होतो ऊ मुखिया उन्को जेवन अऊर उन्को पीवन लायी ठह्यरायो हुयो अंगूरी रस दोयी छुड़ाय क, उन्ख सब्जी भाजी देन लग्यो।
17 परमेश्वर न उन चारों जवानों ख सब तरह को पढ़नो लिखनो अऊर सब तरह की शिक्षा म बुद्धिमानी अऊर चतुरायी दी; अऊर दानिय्येल सब तरह को दर्शन अऊर सपनो को अर्थ को ज्ञानी भय गयो। 18 तब तीन साल को बाद नबूकदनेस्सर राजा न जवानों ख अन्दर ले आवन की आज्ञा दी होती, उतनो दिनों को बीतन पर खोजों को प्रधान उन्ख ओको आगु ले गयो। 19 राजा उन सी बातचीत करन लग्यो; अऊर दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, अऊर अजर्याह को जसो उन सब म सी कोयी नहीं ठह्यरयो; येकोलायी हि राजा को आगु मौजूद रहन लग्यो। 20 बुद्धि अऊर हर तरह की समझ को बारे म जो कयी राजा उन्को सी पूछत होतो ओको म हि राज्य भर को सब ज्योतिषियों अऊर तंत्रियों सी दसगुना होशियार ठह्यरत होतो। 21 अऊर दानिय्येल बेबीलोन को दरबार म कुस्रू राजा को राज्यकाल को पहिलो साल तक बन्यो रह्यो।
* 1:1 २ राजा २४:१; २ इतिहास ३६:५–७ 1:2 २ राजा २०:१७-१८; २४:१०-१६; २ इतिहास ३६:१०; यशायाह ३९:७-८ 1:4 २ राजा २०:१७-१८; २४:१०-१६; २ इतिहास ३६:१०; यशायाह ३९:७,८