3
योना को आज्ञा माननो
1 तब परमेश्वर न दूसरी बार योना सी कह्यो:
2 “उठ क ऊ बड़ो नगर नीनवे ख जा, अऊर जो बात मय तोरो सी कहूं, ओको प्रचार कर।”
3 तब योना यहोवा को वचन को अनुसार नीनवे ख गयो। नीनवे एक बहुत बड़ो नगर होतो, ऊ तीन दिन की यात्रा को होतो,
4 योना नगर म सिरयो एक दिन की यात्रा पूरी कर ली, अऊर यो प्रचार करतच गयो, “अब सी चालीस दिन बीतन पर नीनवे ख नाश कर दियो जायेंन।”
5 तब नीनवे को आदमियों न परमेश्वर को वचन पर विश्वास करयो; अऊर उपवास को प्रचार करयो गयो अऊर छोटो सी ले क बड़ो तक सब लोग न दु:ख को कपड़ा पहिन्यो।
6 तब यो समाचार नीनवे को राजा को कान म पहुंच्यो; अऊर ओन सिंहासन पर सी उठ क, अपनो राजकीय कपड़ा उतार क दु:ख को कपड़ा ओढ़ लियो, अऊर लाखड़ पर बैठ गयो।
7 राजा न मुखियावों सी सलाह ले क नीनवे म या आज्ञा को ढिंढोरा पिटवायो : “का आदमी, का गाय-बईल, का मेंढी-शेरी, यां अऊर कोयी पशु, कोयी कुछ भी नहीं खाये अऊर नहीं पानी पीये।
8 मनुष्य अऊर पशु दोयी दु:ख को कपड़ा ओढ़ेंन, अऊर हि रोय रोय क परमेश्वर सी प्रार्थना करे; अऊर अपनो बुरो मार्ग सी फिरे; अऊर ऊ उपद्रव सी, जो हि करय हय, ओख छोड़ दे।
9 सम्भव हय, परमेश्वर दया करे अऊर अपनी मर्जी बदल दे, अऊर ओको भड़क्यो हुयो क्रोध शान्त होय जायेंन अऊर हम नाश होन सी बच जाये।”
10 जब परमेश्वर न उन्को आचरन ख देख्यो, कि हि बुरो रस्ता सी फिर रह्यो हय, तब परमेश्वर न अपनी इच्छा बदल दियो, अऊर उन्की जो हानि करन कि ठानी होती, ओख नहीं करयो।