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होमबलि वेदी ख बनायो जानो
(निर्गमन २७:१-८)
1 तब ओन बबूल की लकड़ी की होमबलि वेदी भी बनायी; ओकी लम्बायी पाच हाथ अऊर चौड़ायी पाच हाथ की होती; यो तरह सी ऊ चौकोन बनी, अऊर ऊचायी तीन हाथ की होती।
2 ओन ओको चारयी कोनो पर ओको चार सींग बनाये, हि ओको संग बिना जोड़ क् बन्यो; अऊर ओन ओख ख पीतल सी मढ़यो।
3 अऊर ओन वेदी को पूरो सामान, यानेकि ओकी हान्डियों, फावडां, कटोरा, काटे अऊर आगी कटोराच सब पीतल सी बनाये।
4 ओन वेदी लायी पेटी को नीचो, एक पीतल की जाली एक असी एक जाली बनायी, ऊ नीचो सी वेदी की ऊचायी को बीच तक पहुंची।
5 ओन पीतल की जाली को चारयी कोनो लायी चार कड़ा ढाल्यो, जो डन्डों को खाना को काम दे।
6 तब ओन डन्डों ख बबूल की लकड़ी को बनायो अऊर पीतल सी मढ़यो।
7 तब ओन डन्डों ख वेदी को किनारो को कड़ों म वेदी क् उठान लायी डाल दियो। वेदी ख ओन तक्ता सी खोखली बनायो।
पीतल को गंगार बनायो जानो
(निर्गमन ३०:१८)
8 ओन गंगार अऊर ओको पाया दोयी पीतल को बनाये, यो मिलाप वालो तम्बू को फाटक पर सेवा करन वालो बाईयों को आरसा को पीतल सी बनाये गयो।
निवास-जागा को आंगन बनायो जानो
(निर्गमन २७:९-१९)
9 तब ओन आंगन बनायो; अऊर दक्षिन की तरफ लायी आंगन को परदा पतलो सूत सी बुन्यो हुयो कपड़ा को होतो, अऊर सब मिलाय क सौ हाथ लम्बो होतो;
10 उन्को लायी बीस खम्बा, अऊर पीतल को बीस पाया बन्यो; अऊर खम्बा की घुंड़ियां अऊर जोड़न की पट्टियां चांदी की बनी।
11 अऊर उत्तर की तरफ लायी भी सौ हाथ लम्बो परदा बन्यो; अऊर उन्को लायी बीस खम्बा अऊर पीतल को बीस पाया बन्यो, अऊर खम्बां की घुंड़ियां अऊर जोड़न की पट्टियां चांदी को बनी होती।
12 अऊर पश्चिम की तरफ परदा साढ़े बावीस मीटर लम्बो होतो; उन्को लायी दस खम्बा अऊर दस उन्को पाया होतो, अऊर खम्बां की घुन्डियां अऊर जोड़न वाली पट्टियां चांदी की होती।
13 अऊर पूर्व हिस्सा म आगु को तरफ को परदा पचास लम्बो होतो।
14 आंगन को फाटक को एक तरफ लायी पन्द्रा हाथ को परदा बन्यो; अऊर उन्को लायी तीन खम्बा अऊर तीन पाया होतो।
15 अऊर आंगन को फाटक को दूसरी तरफ भी वसोच बन्यो होतो; अऊर आंगन को दरवाजा को इत अऊर उत पन्द्रा पन्द्रा हाथ को परदा बन्यो होतो; अऊर उन्को लायी तीन तीन खम्बा, अऊर तीन तीन पाया भी होतो।
16 आंगन को चारयी तरफ सब परदा पतलो बुन्यो हुयो सूती कपड़ा को होतो।
17 अऊर खम्बां को पाया पीतल को अऊर घुन्डियां अऊर पट्टियां चांदी को बन्यो होतो, अऊर उन्को ऊपर को कोना चांदी सी मढ़यो हुयो होतो, अऊर आंगन को सब खम्बां चांदी की पट्टियां सी जुड़ गयो।
18 आंगन को फाटक को परदा पर बुनायी करी गयी होती, अऊर ऊ नीलो, जामुनी तब लाल रंग को कपड़ा को; पतलो बुन्यो हुयो सूती कपड़ा को होतो; अऊर ओकी ऊचायी आंगन को बराबर को चौड़ायी को समान पाच हाथ की बन्यो।
19 अऊर उन्को लायी चार खम्बां, अऊर खम्बों की चारयी पाया पीतल को बन्यो, उन्की घुन्डियां चांदी की बन्यो, अऊर उन्को कोना चांदी सी मढ़यो गयो होतो, अऊर उन्की पट्टियां चांदी को बन्यो होती।
20 निवास जागा तब आंगन को चारयी तरफ को सब खूटा पीतल को बन्यो होतो।
निवास जागा म प्रयुक्त धातुवों को विवरन
21 निवास जागा मतलब गवाही चिट्ठी को तम्बू को सामान जो लेवियों को सेवा लायी बन्यो होतो, अऊर जेकी गिनती मूसा को आज्ञा को अनुसार हारून याजक को टुरा ईतामार को द्वारा हुयी होती, ओको वर्नन यो हय।
22 जेको जेको चिज को बनान की आज्ञा परमेश्वर न मूसा ख दियो होती ओख ख बसलेल न बनायो, ऊ ऊरी को टुरा, हूर को नाती अऊर यहूदा को वंश को होतो।
23 अऊर ओको संग दान वंश वालो, अहीसामाक को टुरा, ओहोलीआब होतो, जो नक्कासी करन अऊर गढ़न वालो अऊर नीलो, जामुनी अऊर लाल रंग को पतलो धागा सी बुन्यो हुयो कपड़ा म बुनायी करन वालो निपुन कारीगर होतो।
24 पवित्र जागा को पूरो काम म जो भेंट को सोनो लग्यो ऊ पवित्र जागा को शेकेल को हिसाब सी एक हजार दोय किलो होतो।
25 अऊर मण्डली को गिन्यो हुयो लोगों की भेंट की चांदी पवित्र जागा को शेकेल को हिसाब सी सौ किक्कार अऊर सतरा सौ पचहत्तर शेकेल होती।
26 मतलब जितनो बीस साल अऊर ओख सी जादा उमर को होतो, जो गिनती म छय लाख तीन हजार पाच सौ पचास आदमी होतो, उन सी एक बेका हर आदमी ख मतलब पवित्र जागा को शेकेल को अनुसार अरधो शेकेल मिल्यो।
27 अऊर ऊ सौ किक्कार चांदी पवित्र जागा अऊर बीच वालो परदा दोयी को पाया को ढालन म लग गयो; सौ किक्कार सी सौ पाया बन्यो, हर एक पाया एक किक्कार को बन्यो।
28 अऊर शेष एक हजार सात सौ पछत्तर शेकेल सी ओन खम्बों की घुन्डियां बनायी अऊर खम्बों को ऊपर को भाग मढ़यो, अऊर उन्की पट्टियां भी बनायी।
29 अऊर भेंट को पीतल सत्तर किक्कार अऊर दोय हजार चार सौ शेकेल होतो
30 ओको सी मिलाप वालो तम्बू को फाटक को पाया अऊर पीतल की वेदी, ओकी पीतल की जाली, अऊर वेदी को पूरो सामान;
31 अऊर आंगन को चारयी तरफ को पाया, अऊर ओको फाटक को पाया, अऊर निवास, अऊर आंगन को चारयी तरफ को खूटा भी बनाये गयो।