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वाचा को सन्दूक बनायो जानो
(निर्गमन २५:१०-२२)
1 तब बसलेल न बबूल की लकड़ी को सन्दूक बनायो; ओकी लम्बायी ढायी हाथ, चौड़ायी डेढ़ हाथ, अऊर ऊंचायी डेढ़ हाथ की होती,
2 ओन ओख अन्दर बाहेर शुद्ध सोनो सी मढ़यो, अऊर ओको चारयी तरफ सोनो की किनार बनायी।
3 अऊर ओको चारयी पाय पर लगान लायी ओन सोनो को चार कड़ा डाल्यो, दोय कड़ा एक तरफ अऊर दोय कड़ा दूसरो तरफ लग्यो।
4 तब ओन बबूल को डन्डा बनाये, अऊर उन्ख सोनो सी मढ़यो,
5 अऊर उन्को सन्दूक को दोयी तरफ को कड़ों म डाल्यो कि उन्को बल सन्दूक उठायो जाये।
6 तब ओन शुद्ध सोनो को प्रायश्चित वालो ढक्कन ख बनायो; ओकी लम्बायी ढायी हाथ अऊर चौड़ायी देढ़ हाथ की होती।
7 अऊर ओन सोनो ढाल क दोय करूब प्रायश्चित को ढक्कन को दोयी कोनो को ऊपर बनाये;
8 एक करूब एक कोना पर, अऊर दूसरो करूब दूसरो कोना पर बनाव; ओन उन्ख प्रायश्चित को ढक्कन को संग एकच तुकड़ा को दोयी कोनो पर बनायो।
9 अऊर करूबों को पंख ऊपर सी फैलायो हुयो बनाव, अऊर उन पंखा सी प्रायश्चित को ढकना झक्यो हुयो बनाव, अऊर उन्को मुख आमने-सामने अऊर प्रायश्चित को ढक्कन को तरफ करयो हुयो बनाव।
पवित्र रोटी को मेज
(निर्गमन २५:२३-३०)
10 तब ओन बबूल की लकड़ी की मेज ख बनायो; ओकी लम्बायी दोय हाथ, चौड़ायी एक हाथ, अऊर ऊचायी देढ़ हाथ की होती;
11 अऊर ओन ओख शुद्ध सोनो सी मढ़यो, अऊर ओको म चारयी तरफ सोनो की एक किनार बनायी;
12 अऊर ओन ओको लायी चार बोट चौड़ी एक चौखट बनायी, अऊर या चौखट लायी चारयी तरफ सोनो की एक किनार बनायी।
13 ओन मेज लायी सोनो को चार कड़ा ढाल क उन चारयी कोनो म लगायो, जो ओको चारयी पाय पर होतो।
14 हि कड़ां चौखट को जवर मेज ख उठावन लायी डन्डो ख सहारा देन लायी बनायो।
15 ओन मेज ख उठावन लायी डन्डा ख बबूल की लकड़ी को बनायो अऊर सोनो सी मढ़यो।
16 अऊर ओन मेज पर को सामान मतलब परात, धूपदान, कटोरा, अऊर पीवन को बर्तन सब शुद्ध सोनो को बनाये।
सोनो को दीया को बनायो जानो
(निर्गमन २५:३१-४०)
17 तब ओन शुद्ध सोनो को एक दीया बनायो; ओको डगाली, गाठ, पंकुड़ी अऊर फूल सब एकच तुकड़ा को बन्यो।
18 अऊर दीया सी निकली हुयी छय डगालियां बनी; तीन डगालियां ओको एक तरफ सी अऊर तीन डगालियां ओको दूसरी तरफ सी निकली हुयी बन्यो।
19 छय डगाली म सी हर एक सजावटी फूल होत होतो, जो कलियां अऊर पंकुड़ियां को संग बादाम को फूलों को तरह होत होतो।
20 अऊर दीया की डन्डी म बादाम को फूल को जसो अपनी अपनी कलियां अऊर फूल सहित चार पंकुड़ी बनाये।
21 अऊर दीया सी निकली हुयी छय डगालियां म सी दोय दोय डगालियां को नीचो एक एक कलियां दीया को संग एकच तुकड़ा की बनाये।
22 कली अऊर डगालियां सब दीया को संग एकच तुकड़ा की बने; शुद्ध सोनो ढाल क पूरो दीया एकच तुकड़ा को बन्यो।
23 अऊर ओन दीया को सातों दीया बनाये, अऊर चिमटे अऊर थारी सब शुद्ध सोनो को बनाये।
24 ओन पूरो सामान सहित दीवट अऊर ओको सब कटोरा लगभग चौतीस किलो शुद्ध सोनो को बनायो।
धूप वेदी को बनायो जानो
(निर्गमन ३०:१-५)
25 तब ओन बबूल की लकड़ी की धूप वेदी भी बनायी; ओकी लम्बायी एक हाथ अऊर चौड़ायी एक हाथ की होती; वा चौकोन बने, अऊर ओकी ऊचायी दोय हाथ की होती; अऊर ओको सींग ओको संग एकच तुकड़ा को बन्यो होतो।
26 ऊपर वालो पल्लां, अऊर चारयी तरफ को बाजुवों अऊर सींगो सहित ओन उच वेदी ख शुद्ध सोनो सी मढ़यो; अऊर ओको चारयी तरफ सोनो की एक किनार बनायी,
27 अऊर ऊ किनार को खल्लो ओको दोयी पल्लां पर ओन सोनो को दोय कड़ा बनायो, जो ओख उठावन को डन्डा ख सहारा को काम दे।
28 अऊर डन्डा ख ओन बबूल की लकड़ी को बनायो अऊर सोनो सी मढ़यो।
धूप अऊर अभिषेक को तेल को बनायो जानो
(निर्गमन ३०:२२-३८)
29 ओन अभिषेक को पवित्र तेल अऊर सुगन्धित द्रव्य को धूप सुगन्ध को रीति को अनुसार बनायो।