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मुखिया अऊर त्यौहार
“परमेश्वर यहोवा यो कह्य हय : अन्दर को आंगन को पूर्वमुखी फाटक काम-काज को हप्ता को छय दिन बन्द रहे, पर आराम दिन ख खुलो रहे। नयो चन्दा को दिन भी खुलो रहे। मुखिया बाहेर सी फाटक को ओसारा को रस्ता सी आय क फाटक को एक खम्बा को जवर खड़ो होय जाये, अऊर याजक ओको होमबलि अऊर मेलबलि तैयार करे; अऊर ऊ फाटक की डेहरी पर दण्डवत करे; तब ऊ बाहेर जाये, अऊर फाटक शाम सी पहले बन्द नहीं करयो जाये। लोग आराम अऊर नयो चन्दा को दिनो म वा फाटक को दरवाजा म परमेश्वर को सामने दण्डवत करे। आराम दिन म जो होमबलि मुखिया परमेश्वर लायी चढ़ाये, ऊ मेंढा को छय निर्दोष बच्चा अऊर एक निर्दोष मेंढा को होना। अन्नबलि यो होना : मतलब मेंढा को संग एपा भर अनाज अऊर भेड़ को बच्चा को संग यथाशक्ति अनाज अऊर एपा को पीछु हीन भर तेल। नयो चन्दा को दिन ऊ एक निर्दोष बछड़ा अऊर भेड़ को छय बच्चा अऊर एक मेंढा चढ़ाये; हि सब निर्दोष होना। बछड़ा अऊर मेंढा दोयी को संग ऊ एक एक एपा अन्नबलि तैयार करे, अऊर भेड़ को बच्चां को संग यथाशक्ति अनाज, अऊर एपा को पीछु हीन भर तेल। जब मुखिया अन्दर जाये तब वा फाटक को ओसारा सी होय क जाये, अऊर उच रस्ता सी निकल जाये।
“जब साधारन लोग नियमित समयों म परमेश्वर को सामने दण्डवत करन आये, तब जो उत्तरी फाटक सी होय क दण्डवत करन ख अन्दर आये, वा दक्षिनी फाटक सी होय क निकले, अऊर जो दक्षिनी फाटक सी होय क अन्दर आये, ऊ उत्तरी फाटक सी होय क निकले, मतलब जो फाटक सी अन्दर आयो होना, ऊ उच फाटक सी नहीं लौटे, अपनो सामनेच निकल जाये। 10 जब हि अन्दर आयो तब मुखिया उन्को बीच होय क आयो, अऊर जब हि निकल्यो, तब हि एक संग निकल्यो। 11 त्यौहारों अऊर दूसरो नियमित समयो को अन्नबलि एक बछड़ा को पीछु एपा भर, एक मेंढा को पीछु एपा भर को होना; अऊर भेड़ को बच्चां को संग यथाशक्ति अनाज अऊर एपा को पीछु हीन भर तेल।
12 “फिर जब मुखिया होमबलि यां मेलबलि ख खुद की इच्छाबलि कर क् परमेश्वर लायी तैयार करे, तब पूर्वमुखी फाटक उन्को लायी खोल्यो जाये, अऊर ऊ अपनो होमबलि यां मेलबलि वसोच तैयार करे जसो ऊ आराम दिन ख करय हय; तब ऊ निकले, अऊर ओको निकलन को पीछु फाटक बन्द करयो जाये।”
हर दिन की भेंट
13 “हर दिन तय साल भर को एक निर्दोष भेड़ को बच्चा परमेश्वर को होमबलि लायी तैयार करजो, यो हर सुबेरे तैयार करयो जाये। 14 हर सुबेरे ओको संग एक अन्नबलि तैयार करजो, मतलब एपा को छटवों अंश अऊर मैदा म मिलावन लायी हीन भर तेल की तीसरो हिस्सा परमेश्वर लायी हमेशा को अन्नबलि नियमित विधि को अनुसार चढ़ायो जाये। 15 भेड़ को बच्चा, अन्नबलि अऊर तेल, हर सुबेरे नियमित होमबलि कर क् चढ़ायो जाये।”
मुखिया अऊर जमीन को हिस्सा
16 “परमेश्वर यहोवा यो कह्य हय : यदि मुखिया अपनो कोयी टुरा ख कुछ दे, त ऊ ओको हिस्सा होय क ओको नाती ख भी मिले; हिस्सा को नियम को अनुसार ऊ उन्को भी निजी धन ठहरेंन। 17 पर यदि ऊ अपनो हिस्सा म सी अपनो कोयी कर्मचारी ख कुछ दे, त छुट्टी को साल तक त ऊ ओको बन्यो रहे, पर ओको बाद मुखिया ख लौटाय दियो जाये; अऊर ओको निजी हिस्साच ओको टुरावों ख मिले। 18 प्रजा को असो कोयी हिस्सा मुखिया नहीं ले, जो अत्याचार सी उन्की निजी जमीन म सी छीन्यो होना; अपनो टुरावों ख ऊ अपनीच निजी जमीन म सी हिस्सा दे; असो नहीं होय कि मोरी प्रजा को लोग अपनी अपनी निजी जमीन सी तितर-बितर होय जायेंन।”
मन्दिर को रसोईघर
19 फिर ऊ मोख फाटक को दूसरो तरफ को दरवाजा सी होय क याजकों की उत्तरमुखी पवित्र कमरा म ले गयो; वहां पश्चिमी तरफ को कोना म एक जागा होती। 20 तब ओन मोरो सी कह्यो, “यो ऊ जागा आय जेको म याजक लोग दोषबलि अऊर पापबलि को मांस ख पकाये अऊर अन्नबलि ख पकाये, असो नहीं होय कि उन्ख बाहेर को आंगन म लिजान सी साधारन लोग पवित्र ठहरे।”
21 तब ओन मोख बाहेर को आंगन म लिजाय क ऊ आंगन को चारयी तरफ को कोना म घुमायो, अऊर आंगन को हर एक कोना म एक एक छोटो आंगन बन्यो होतो, 22 मतलब आंगन को चारयी कोना म चालीस हाथ लम्बो अऊर तीस हाथ चौड़ो आंगन होतो; चारयी कोना को आंगन को एक जसो नाप होतो। 23 अन्दर चारयी तरफ दीवाल होती, अऊर दीवालों को खल्लो पकावन को चुलो बन्यो हुयो होतो। 24 तब ओन मोरो सी कह्यो, “पकावन को घर, जहां भवन को सेवक लोगों को लायी बलिदानों ख पकाये, हि योच आय।”