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भविष्य को मन्दिर को दर्शन
(४०:१; ४८:३५)
यहेजकेल ख यरूशलेम पहुंचायो जानो
हमरी बन्धुवायी को पच्चीसवों साल मतलब यरूशलेम नगर ख ले लियो जान को बाद चौदा साल को पहले महीना को दसवों दिन ख, परमेश्वर की शक्ति मोरो पर प्रगट भयी, अऊर ओन मोख वहां पहुंचायो। अपनो दर्शनों म परमेश्वर न मोख इस्राएल को देश म पहुंचायो अऊर वहां एक बहुत ऊंचो पहाड़ पर खड़ो करयो, जेको पर दक्षिन को तरफ मानो कोयी नगर को आकार होतो। जब ऊ मोख वहां ले गयो, त मय न का देख्यो कि पीतल को जसो अऊर हाथ म सन को दोरी अऊर नापन को एक बांस लियो हुयो एक आदमी फाटक म खड़ो हय।
ऊ आदमी न मोरो सी कह्यो, “हे आदमी की सन्तान, अपनी आंखी सी देख, अऊर अपनो कानों सी सुन; अऊर जो कुछ मय तोख दिखाऊं ऊ सब पर ध्यान दे, कहालीकि तय येकोलायी यहां तक पहुंचायो गयो हय कि मय तोख या बाते दिखाऊं; अऊर जो कुछ तय देखजो ऊ सब इस्राएल को घराना ख बतायजो।”
पूर्व दिशा की फाटक
अऊर देखो, भवन को बाहेर चारयी तरफ एक दीवाल होती, अऊर ऊ आदमी को हाथ म नापन को बांस होतो, जेकी लम्बायी असी छय हाथ मतलब लगभग तीन मीटर की हय, ओन दीवाल की मोटायी अऊर ऊंचायी नापी त तीन मीटर की निकली। तब ऊ वा फाटक को जवर आयो जेको मुंह पूर्व दिशा को तरफ होतो, अऊर ओकी सीढ़ी पर चढ़ क फाटक की दोयी सिरन को फाटक की चौड़ायी तीन मीटर की होती। पहरा वाली कोठरियां तीन मीटर लम्बी अऊर तीन मीटर चौड़ी होती; अऊर दोय दोय कोठरियों को अन्तर पाच हाथ को होतो; अऊर फाटक को सिरन को द्वार जो फाटक को ओसारा को जवर भवन को तरफ होतो, वा भी तीन मीटर की होती। तब ओन फाटक को ऊ ओसारा जो भवन को सामने होतो, नाप क चार मीटर पायो। ओन फाटक को ओसारा नाप क आठ हाथ को पायो, अऊर ओको खम्बा दोय दोय हाथ को पायो, अऊर फाटक को ओसारा भवन को सामने होतो। 10 पूर्व दिशा को तरफ फाटक को तरफ तीन तीन पहरा वालो कमरा होतो जो सब एकच नाप की होती, अऊर दोयी तरफ को खम्बा भी एकच नाप को होतो।
11 फिर ओन फाटक को द्वार की चौड़ायी नाप क दस हाथ की पायी; अऊर फाटक की लम्बायी नाप क तेरा हाथ की पायी। 12 दोयी तरफ की पहरा वाली कोठरियां को सामने हाथ भर की जागा होती अऊर दोयी तरफ कोठरियां छय छय हाथ की होती। 13 फिर ओन फाटक ख एक तरफ की पहरा वाली कोठरी की छत सी ले क दूसरो तरफ की पहरा वाली कोठरी की छत तक नाप क पच्चीस हाथ की दूरी पायी, अऊर द्वार आमने-सामने होतो। 14 अऊर ओन साठ हाथ को खम्बा नाप्यो, अऊर आंगन, फाटक को आजु-बाजू, खम्बा तक होतो। 15 फाटक को बाहेर को द्वार को आगु सी ले क ओको अन्दर को ओसारा को सामने तक पचास हाथ को अन्तर होतो। 16 पहरा वालो कमरा म, अऊर फाटक को अन्दर चारयी तरफ कोठरियों को बीच को खम्बा को बीच बीच म झिलमिलीदार खिड़कियां होती, अऊर खम्बा को ओसारा म भी वसीच होती; अऊर फाटक को अन्दर को चारयी तरफ खिड़कियां होती, अऊर हर एक खम्बा पर खजूर को झाड़ खुद्यो हुयो होतो।
बाहेर को आंगन
17 तब ऊ मोख बाहेर को आंगन म ले गयो, अऊर ऊ आंगन को चारयी तरफ कमरा होतो; अऊर एक फर्स बन्यो हुयो होतो, जेको पर तीस कमरा बन्यो होतो। 18 यो फर्स मतलब खल्लो को फर्स फाटक सी लग्यो हुयो होतो अऊर उन्की लम्बायी को अनुसार होतो।
19 फिर ओन खल्लो को फाटक को आगु सी ले क अन्दर को आंगन को बाहेर को भाग तक नाप क सौ हाथ निकल्यो; ऊ पूर्व अऊर उत्तर दिशा दोयी तरफ असोच होतो।
उत्तरी फाटक
20 तब बाहेर को आंगन को उत्तर मुंह को फाटक की लम्बायी अऊर चौड़ायी ओन नापी। 21 ओको दोयी तरफ तीन तीन पहरा देन वालो कमरा होतो, अऊर ओको भी खम्बा को ओसारा को नाप पहिलो फाटक को अनुसार होतो; येकी लम्बायी पचास हाथ अऊर चौड़ायी पच्चीस हाथ की होती। 22 येकी भी खिड़कियां अऊर खम्बा को ओसारा अऊर खजूर को झाड़ को नाप पूर्व मुंह को फाटक को जसी होती; अऊर येको पर चढ़न लायी सात सीढ़ी होती; अऊर उन्को सामने येको ओसारा होतो। 23 अन्दर को आंगन को उत्तर अऊर पूर्व को तरफ दूसरो फाटक को सामने फाटक होतो अऊर ओन फाटक की दूरी नाप क सौ हाथ की पायी।
दक्षिनी फाटक
24 फिर ऊ मोख दक्षिन को तरफ ले गयो, अऊर दक्षिन को तरफ एक फाटक होतो; अऊर ओन येको खम्बा अऊर खम्बा को ओसारा नाप क इन्की भी वसीच लम्बायी पायी। 25 उन खिड़कियों को समान येको अऊर येको खम्बा को ओसारा को चारयी तरफ भी खिड़कियां होती; येकी भी लम्बायी पचास अऊर चौड़ायी पच्चीस हाथ की होती। 26 येको म भी चढ़न लायी सात सीढ़ियां होती अऊर उन्को सामने खम्बा को ओसारा होतो; अऊर ओको दोयी तरफ को खम्बा पर खजूर को झाड़ खुद्यो होतो। 27 दक्षिन को तरफ भी अन्दर को आंगन को एक फाटक होतो, अऊर ओन दक्षिन तरफ को दोयी फाटकों की दूरी नाप क सौ हाथ पायी।
अन्दर को आंगन अऊर दक्षिनी फाटक
28 तब ऊ दक्षिन दिशा की फाटक सी होय क मोख अन्दर आंगन म ले गयो, अऊर ओन दक्षिनी फाटक ख नाप क वसोच पायो। 29 मतलब येको भी पहरा देन वालो कमरा, अऊर खम्बा, अऊर खम्बा को ओसारा, सब वसोच होतो; अऊर येको अऊर येको खम्बा को ओसारा को भी चारयी तरफ खिड़कियां होती; अऊर येकी लम्बायी पचास अऊर चौड़ायी पच्चीस हाथ की होती। 30 येको चारयी तरफ को खम्बा को ओसारा भी पच्चीस हाथ लम्बो, अऊर पचास हाथ चौड़ो होतो। 31 येको खम्बा को ओसारा बाहेर को आंगन को तरफ होतो, अऊर येको खम्बा पर भी खजूर को झाड़ खुद्यो हुयो होतो, अऊर येको पर चढ़न लायी आठ सीढ़ियां होती।
अन्दर को आंगन अऊर पूर्वी फाटक
32 फिर ऊ आदमी मोख पूर्व दिशा को तरफ अन्दर को आंगन म ले गयो, अऊर ऊ तरफ को फाटक ख नाप क वसोच पायो। 33 येको भी पहरा देन वालो कमरा अऊर खम्बा अऊर खम्बा को ओसारा, सब वसोच होतो; अऊर येको अऊर येको खम्बा को ओसारा को चारयी तरफ भी खिड़कियां होती; येकी लम्बायी पचास अऊर चौड़ायी पच्चीस हाथ की होती। 34 येको ओसारा भी बाहेर को आंगन को तरफ होतो, अऊर ओको दोयी तरफ को खम्बा पर खजूर को झाड़ खुद्यो हुयो होतो; अऊर येको पर भी चढ़न लायी आठ सीढ़ियां होती।
अन्दर को आंगन अऊर उत्तरी फाटक
35 फिर ऊ आदमी न मोख उत्तर दिशा की फाटक को जवर लिजाय क ओख नाप्यो, अऊर ओको भी नाप वसोच पायो। 36 ओको भी पहरा देन वालो कमरा अऊर खम्बा अऊर ओको ओसारा होतो; अऊर ओको भी चारयी तरफ खिड़कियां होती, ओकी लम्बायी पचास अऊर चौड़ायी पच्चीस हाथ की होती। 37 ओको खम्बा बाहेर को आंगन को तरफ होतो, अऊर उन पर भी दोयी तरफ खजूर को झाड़ खुद्यो हुयो होतो; अऊर ओको म चढ़न लायी आठ सीढ़ियां होती।
उत्तरी फाटक को जवर मौजूद कमरा
38 फिर फाटकों को जवर को खम्बा को जवर दरवाजा समेत कमरा होतो, जहां होमबलि म चढ़ायो जान वालो पशु ख धोयो जात होतो। 39 होमबलि, पापबलि, अऊर दोषबलि को पशुवों ख चढ़ावन लायी फाटक को ओसारा को जवर ओको दोयी तरफ दोय दोय तक्ता होतो। 40 फाटक को एक बाहरी बाजू पर मतलब उत्तर दिशा को द्वार को चढ़ायी पर दोय तक्ता होतो; अऊर ओको दूसरो बहरी बाजू पर भी, जो फाटक को ओसारा को जवर होती, दोय तक्ता होतो। 41 फाटक को दोयी तरफ चार चार तक्ता होतो, सब मिल क आठ तक्ता होतो, जो बलिपशु काट्यो जात होतो। 42 फिर होमबलि लायी तरास्यो हुयो गोटा की चार चौकी होती, जो देढ़ हाथ लम्बी, देढ़ हाथ चौड़ी, अऊर एक हाथ ऊंची होती; उन पर होमबलि अऊर मेलबलि को पशुवों ख काटन को औजार रख्यो जात होतो। 43 अन्दर चारयी तरफ किनार पर आंकड़ी लगी होती, अऊर चौकियों को ऊपर चढ़ावन को मांस रख्यो जात होतो।
44 अन्दर आंगन को उत्तरी फाटक को बाहेर गान वालो को कमरा होतो जेको दरवाजा दक्षिन दिशा को तरफ होतो; अऊर पूर्व दिशा को फाटक को तरफ एक कमरा होतो, जेको दरवाजा उत्तर दिशा को तरफ होतो। 45 ओन मोरो सी कह्यो, “यो कमरा, जेको दरवाजा दक्षिन को तरफ हय, उन याजकों को लायी हय जो भवन की चौकसी करय हंय, 46 अऊर जो कमरा को दरवाजा उत्तर को तरफ हय, ऊ उन याजकों को हय जो वेदी की चौकसी करय हय; हि सादोक की सन्तान आय; अऊर लेवियों म सी परमेश्वर की सेवा करन लायी केवल हिच ओको जवर आय सकय हय।”
अन्दर को आंगन अऊर मन्दिर को भवन
47 फिर ओन आंगन ख नाप क ओख चौकोन मतलब सौ हाथ लम्बो अऊर सौ हाथ चौड़ो पायो; अऊर भवन को सामने वेदी होती। 48 फिर ऊ मोख भवन को ओसारा म ले गयो, अऊर ओसारा को दोयी तरफ को खम्बा ख नाप क पाच पाच हाथ को पायो; अऊर दोयी तरफ फाटक की चौड़ायी तीन तीन हाथ की होती। 49 ओसारा की लम्बायी बीस हाथ अऊर चौड़ायी ग्यारा हाथ की होती; अऊर ओको पर चढ़न लायी सीढ़ियां होती; अऊर दोयी तरफ को खम्बा को जवर एक खम्बा होतो।
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