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भविष्यवक्ता को रूप म यहेजकेल ख परमेश्वर की बुलाहट
1 ओन मोरो सी कह्यो, “हे आदमी को सन्तान, अपनो पाय को बल खड़ो हो, अऊर मय तोरो सी बाते करूं।”
2 जसोच ओन मोरो सी कह्यो, तबच आत्मा न मोरो म समाय क मोख पाय को बल खड़ो कर दियो; अऊर जो मोरो सी बाते करत होतो मय न ओकी सुनी।
3 ओन मोरो सी कह्यो, “हे आदमी को सन्तान, मय तोख इस्राएलियों को जवर मतलब विद्रोह करन वाली राष्ट्र को जवर भेजू हय, जिन्न मोरो खिलाफ विद्रोह करयो हय; उन्को पूर्वज अऊर हि भी अज को दिन तक मोरो खिलाफ अपराध करतो चल्यो आयो हय।
4 यो पीढ़ी को लोग जिन्को जवर मय तोख भेजू हय, हि निर्लज्ज अऊर जिद्दी हय;
5 अऊर तय उन्को सी कहजो, ‘प्रभु परमेश्वर यो कह्य हय,’ येकोसी हि, जो विद्रोह करन वालो घराना को हय, चाहे हि सुने यां नहीं सुने, तब भी हि इतनो जान लेयेंन कि हमरो बीच एक भविष्यवक्ता प्रगट भयो हय।
6 “हे आदमियों की सन्तान, तय इन्को सी मत डरजो; चाहे तोख काटां, ऊंटकटारों अऊर बिच्छुवों को बीच भी रहनो पड़े, तब भी उन्को वचनों सी मत डरजो; यदि हि विद्रोही घराना को हय, तब भी नहीं त उन्को वचनों सी डरजो, अऊर नहीं उन्को मुंह देख क तोरो मन कच्चो होय।
7 येकोलायी चाहे हि सुने यां नहीं सुने; तब भी तय मोरो वचन उन्को सी कहजो, हि त बड़ो विद्रोही हंय।
8 “पर हे आदमी को सन्तान, जो मय तोरो सी कहू हय, ओख तय सुन ले, ऊ विद्रोही घराना को समान तय भी मत बनजो, जो मय तोख देऊ हय, ओख मुंह खोल क खाय ले।”
9 तब मय न नजर कर क् देख्यो, कि मोरो तरफ एक हाथ बढ़्यो हुयो हय अऊर ओको म एक किताब हय।
10 ओख ओन मोरो सामने खोल क फैलायो, अऊर वा दोयी तरफ लिखी हुयी होती; अऊर जो ओको म लिख्यो होतो, हि विलाप अऊर शोक अऊर दु:ख भरयो वचन होतो।