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अपनी जवानी को दिनों म अपनो सृजनहार ख याद रख, येको सी पहिले कि विपत्ति को दिन अऊर हि साल आये, जिन्म तय कह्यजो कि मोख इन दिनों म आनन्द नहीं मिलय। येको सी पहिले कि सूरज अऊर प्रकाश अऊर चन्दा अऊर तारा अन्धकारमय होय जाये, अऊर पानी आन को बाद बादर फिर घिर जाये; ऊ समय घर को सब रक्षा करन वालो कापेंन, अऊर ताकतवर झुक जायेंन, संख्या म कम होन को वजह दांत जेवन चबानो छोड़ देयेंन। खिड़की सी झाकन वाली आंखी धुंधली पड़ जायेंन। अऊर सड़क की आवाज तुम्हरो कान ख सुनायी नहीं देयेंन, अऊर चक्की की आवाज धीरू होय जायेंन, अऊर पहेट ख चिड़िया को चिवचिव की आवाज सी एक उठ जायेंन, अऊर सब गावन वाली की आवाज धीरू होय जायेंन। फिर जो ऊंचो हो ओको सी डर लगेंन, अऊर रस्ता म डरावनी चिजे सी डरजो; अऊर बदाम को झाड़ फूलेंन, अऊर फाफा भी रेंग क चलन लगेंन, अऊर भूक बढ़ावन वालो फर फिर काम नहीं देयेंन; कहालीकि आदमी अपनो सदा को घर ख जायेंन, अऊर रोवन पीटन वालो सड़क सड़क फिरेंन। ऊ समय चांदी को तार दोय टुकड़ा होय जायेंन अऊर सोनो को कटोरा टूटेंन, अऊर झरना को जवर घड़ा फूटेंन, अऊर कुंवा को जवर गिरनी टूट जायेंन, तब माटी जसी की वसी माटी म मिल जायेंन, अऊर आत्मा परमेश्वर जवर लौट जायेंन, जेन ओख प्रदान करयो होतो। उपदेशक कह्य हय, सब बेकारच बेकार हय; सब कयी बेकार हय।
आदमी को पूरो कर्तव्य
उपदेशक जो बुद्धिमान होतो, ऊ प्रजा ख ज्ञान भी सिखावत रह्यो, अऊर ध्यान लगाय क अऊर जांच परख कर क् बहुत सो नीतिवचन क्रम सी रखत होतो। 10 उपदेशक न मन भावन वालो शब्द ढूंढ्यो अऊर सच्चायी की शिक्षा देन वालो शब्द लिख्यो। 11 बुद्धिमान लोगों को शब्द धार दार होवय हय, अऊर सभावों को मुखियां को द्वारा दियो गयो शब्द, मजबूती सी ठोकी गयी खूंटियों को जसो हंय, कहालीकि इन्को दाता एकच चरवाहा आय। 12 हे मोरो टुरा, इन्को अलावा दूसरी शिक्षावों को बारे म सावधानी रख। बहुत सी किताबों ख लिख क रखन को कोयी अन्त नहाय, अऊर किताबों ख ज्यादा पढ़नो भी शरीर ख थकाय देवय हय। 13 सब कुछ सुन्यो गयो; अन्त की बात या आय कि परमेश्वर को डर मान अऊर ओकी आज्ञावों को पालन कर; कहालीकि आदमी को पूरो कर्तव्य योच आय। 14 कहालीकि परमेश्वर सब कामों अऊर सब गुप्त बातों को, चाहे हि भली हो या बुरी, न्याय करेंन।