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सुलेमान की हिकमत भरी हिदायात
ज़ैल में सुलेमान की अमसाल क़लमबंद हैं।
ज़िंदगीबख़्श बातें
दानिशमंद बेटा अपने बाप को ख़ुशी दिलाता जबकि अहमक़ बेटा अपनी माँ को दुख पहुँचाता है।
ख़ज़ानों का कोई फ़ायदा नहीं अगर वह बेदीन तरीक़ों से जमा हो गए हों, लेकिन रास्तबाज़ी मौत से बचाए रखती है।
रब रास्तबाज़ को भूके मरने नहीं देता, लेकिन बेदीनों का लालच रोक देता है।
ढीले हाथ ग़ुरबत और मेहनती हाथ दौलत की तरफ़ ले जाते हैं।
जो गरमियों में फ़सल जमा करता है वह दानिशमंद बेटा है जबकि जो फ़सल की कटाई के वक़्त सोया रहता है वह वालिदैन के लिए शर्म का बाइस है।
रास्तबाज़ का सर बरकत के ताज से आरास्ता रहता है जबकि बेदीनों के मुँह पर ज़ुल्म का परदा पड़ा रहता है।
लोग रास्तबाज़ को याद करके उसे मुबारक कहते हैं, लेकिन बेदीन का नाम सड़कर मिट जाएगा।
जो दिल से दानिशमंद है वह अहकाम क़बूल करता है, लेकिन बकवासी तबाह हो जाएगा।
जिसका चाल-चलन बेइलज़ाम है वह सुकून से ज़िंदगी गुज़ारता है, लेकिन जो टेढ़ा रास्ता इख़्तियार करे उसे पकड़ा जाएगा।
10 आँख मारनेवाला दुख पहुँचाता है, और बकवासी तबाह हो जाएगा।
11 रास्तबाज़ का मुँह ज़िंदगी का सरचश्मा है, लेकिन बेदीन के मुँह पर ज़ुल्म का परदा पड़ा रहता है।
12 नफ़रत झगड़े छेड़ती रहती जबकि मुहब्बत तमाम ख़ताओं पर परदा डाल देती है।
13 समझदार के होंटों पर हिकमत पाई जाती है, लेकिन नासमझ सिर्फ़ डंडे का पैग़ाम समझता है।
14 दानिशमंद अपना इल्म महफ़ूज़ रखते हैं, लेकिन अहमक़ का मुँह जल्द ही तबाही की तरफ़ ले जाता है।
15 अमीर की दौलत क़िलाबंद शहर है जिसमें वह महफ़ूज़ है जबकि ग़रीब की ग़ुरबत उस की तबाही का बाइस है।
16 जो कुछ रास्तबाज़ कमा लेता है वह ज़िंदगी का बाइस है, लेकिन बेदीन अपनी रोज़ी गुनाह करने के लिए इस्तेमाल करता है।
17 जो तरबियत क़बूल करे वह दूसरों को ज़िंदगी की राह पर लाता है, जो नसीहत नज़रंदाज़ करे वह दूसरों को सहीह राह से दूर ले जाता है।
18 जो अपनी नफ़रत छुपाए रखे वह झूट बोलता है, जो दूसरों के बारे में ग़लत ख़बरें फैलाए वह अहमक़ है।
19 जहाँ बहुत बातें की जाती हैं वहाँ गुनाह भी आ मौजूद होता है, जो अपनी ज़बान को क़ाबू में रखे वह दानिशमंद है।
20 रास्तबाज़ की ज़बान उम्दा चाँदी है जबकि बेदीन के दिल की कोई क़दर नहीं।
21 रास्तबाज़ की ज़बान बहुतों की परवरिश करती है, * लेकिन अहमक़ अपनी बेअक़्ली के बाइस हलाक हो जाते हैं।
22 रब की बरकत दौलत का बाइस है, हमारी अपनी मेहनत-मशक़्क़त इसमें इज़ाफ़ा नहीं करती।
23 अहमक़ ग़लत काम से अपना दिल बहलाता, लेकिन समझदार हिकमत से लुत्फ़अंदोज़ होता है।
24 जिस चीज़ से बेदीन दहशत खाता है वही उस पर आएगी, लेकिन रास्तबाज़ की आरज़ू पूरी हो जाएगी।
25 जब तूफ़ान आते हैं तो बेदीन का नामो-निशान मिट जाता जबकि रास्तबाज़ हमेशा तक क़ायम रहता है।
26 जिस तरह दाँत सिरके से और आँखें धुएँ से तंग आ जाती हैं उसी तरह वह तंग आ जाता है जो सुस्त आदमी से काम करवाता है।
27 जो रब का ख़ौफ़ माने उस की ज़िंदगी के दिनों में इज़ाफ़ा होता है जबकि बेदीन की ज़िंदगी वक़्त से पहले ही ख़त्म हो जाती है।
28 रास्तबाज़ आख़िरकार ख़ुशी मनाएँगे, क्योंकि उनकी उम्मीद बर आएगी। लेकिन बेदीनों की उम्मीद जाती रहेगी।
29 रब की राह बेइलज़ाम शख़्स के लिए पनाहगाह, लेकिन बदकार के लिए तबाही का बाइस है।
30 रास्तबाज़ कभी डाँवाँडोल नहीं होगा, लेकिन बेदीन मुल्क में आबाद नहीं रहेंगे।
31 रास्तबाज़ का मुँह हिकमत का फल लाता रहता है, लेकिन कजगो ज़बान को काट डाला जाएगा।
32 रास्तबाज़ के होंट जानते हैं कि अल्लाह को क्या पसंद है, लेकिन बेदीन का मुँह टेढ़ी बातें ही जानता है।
* 10:21 लफ़्ज़ी तरजुमा : रास्तबाज़ के होंट बहुतों को चराते हैं।