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नए साल की ईद की क़ुरबानियाँ
सातवें माह के पंद्रहवें दिन भी काम न करना बल्कि मुक़द्दस इजतिमा के लिए इकट्ठे होना। उस दिन नरसिंगे फूँके जाएँ। रब को भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश की जाए जिसकी ख़ुशबू उसे पसंद हो यानी एक जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे। सब नुक़्स के बग़ैर हों। हर जानवर के साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश करना जिसके लिए तेल के साथ मिलाया गया बेहतरीन मैदा इस्तेमाल किया जाए। बैल के साथ साढ़े 4 किलोग्राम, मेंढे के साथ 3 किलोग्राम और भेड़ के हर बच्चे के साथ डेढ़ किलोग्राम मैदा पेश करना। एक बकरा भी गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करना ताकि तुम्हारा कफ़्फ़ारा दिया जाए। यह क़ुरबानियाँ रोज़ाना और हर माह के पहले दिन की क़ुरबानियों और उनके साथ की ग़ल्ला और मै की नज़रों के अलावा हैं। इनकी ख़ुशबू रब को पसंद है।
कफ़्फ़ारा के दिन की क़ुरबानियाँ
सातवें महीने के दसवें दिन मुक़द्दस इजतिमा के लिए इकट्ठे होना। उस दिन काम न करना और अपनी जान को दुख देना। 8-11 रब को वही क़ुरबानियाँ पेश करना जो इसी महीने के पहले दिन पेश की जाती हैं। सिर्फ़ एक फ़रक़ है, उस दिन एक नहीं बल्कि दो बकरे गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश किए जाएँ ताकि तुम्हारा कफ़्फ़ारा दिया जाए। ऐसी क़ुरबानियाँ रब को पसंद हैं।
झोंपड़ियों की ईद की क़ुरबानियाँ
12 सातवें महीने के पंद्रहवें दिन भी काम न करना बल्कि मुक़द्दस इजतिमा के लिए इकट्ठे होना। सात दिन तक रब की ताज़ीम में ईद मनाना। 13 ईद के पहले दिन रब को 13 जवान बैल, 2 मेंढे और 14 भेड़ के यकसाला बच्चे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करना। इनकी ख़ुशबू उसे पसंद है। सब नुक़्स के बग़ैर हों। 14 हर जानवर के साथ ग़ल्ला की नज़र भी पेश करना जिसके लिए तेल से मिलाया गया बेहतरीन मैदा इस्तेमाल किया जाए। हर बैल के साथ साढ़े 4 किलोग्राम, हर मेंढे के साथ 3 किलोग्राम 15 और भेड़ के हर बच्चे के साथ डेढ़ किलोग्राम मैदा पेश करना। 16 इसके अलावा एक बकरा भी गुनाह की क़ुरबानी के तौर पर पेश करना। यह क़ुरबानियाँ रोज़ाना की भस्म होनेवाली क़ुरबानियों और उनके साथवाली ग़ल्ला और मै की नज़रों के अलावा हैं। 17-34 ईद के बाक़ी छः दिन यही क़ुरबानियाँ पेश करनी हैं। लेकिन हर दिन एक बैल कम हो यानी दूसरे दिन 12, तीसरे दिन 11, चौथे दिन 10, पाँचवें दिन 9, छटे दिन 8 और सातवें दिन 7 बैल। हर दिन गुनाह की क़ुरबानी के लिए बकरा और मामूल की रोज़ाना की क़ुरबानियाँ भी पेश करना। 35 ईद के आठवें दिन काम न करना बल्कि मुक़द्दस इजतिमा के लिए इकट्ठे होना। 36 रब को एक जवान बैल, एक मेंढा और भेड़ के सात यकसाला बच्चे भस्म होनेवाली क़ुरबानी के तौर पर पेश करना। इनकी ख़ुशबू रब को पसंद है। सब नुक़्स के बग़ैर हों। 37-38 साथ ही वह तमाम क़ुरबानियाँ भी पेश करना जो पहले दिन पेश की जाती हैं। 39 यह सब वही क़ुरबानियाँ हैं जो तुम्हें रब को अपनी ईदों पर पेश करनी हैं। यह उन तमाम क़ुरबानियों के अलावा हैं जो तुम दिली ख़ुशी से या मन्नत मानकर देते हो, चाहे वह भस्म होनेवाली, ग़ल्ला की, मै की या सलामती की क़ुरबानियाँ क्यों न हों।”
40 मूसा ने रब की यह तमाम हिदायात इसराईलियों को बता दीं।