गलातियों को लिखी हुई पौलुस की चिट्ठी
गलातियों कै लिखी भइ पौलुस की चिट्ठी
परिचय
गलातियों की किताब प्रेरित पौलुस के जरिये लिखी गई रहे। जौ एक चिट्ठी रहे जो पौलुस ईसु मसीह के जनम के 48-57 साल के बीच कहु-कहु गलातियन के कलीसिया कै लिखी रहे। गलातियन लमसम रोमन प्रांत के गलातिया मैं रहन बारे आदमी रहैं। विद्वानन कै यकीन नाय है कि जब बौ चिट्ठी लिखी रहे तौ पौलुस कही रहे, लेकिन इफिसुस और कुरिन्थ के सहर दोनों सम्भावित जघा हैं। पौलुस विस्वासियन और गैर यहूदियन दोनों कै सम्बोधित करन के ताहीं, गलातिया के कलीसियन मैं लिखी रहे। बौ बिसेस रूप से एक झूठे सिक्छक को सामना करन के ताहीं लिखी रहे जोमैं कहो गौ रहे कि विस्वासियन कै पुराने नियम से यहूदि नियम को पालन करन की जरूरत है, बिसेस रूप से खतना। जुडाइजर नाओं के विस्वासियन के बीच लोगन को एक समूह रहे, जिनकै गैर यहूदि विस्वासियन को खतना करन की जरूरत रहे। बे सबाल मैं पौलुस के एपोस्टोलिक अधिकार कै भी कही। पौलुस अपनी कछु कहानी1:11–2:14 मैं बताए कै अपने धर्म त्याग को बचाओ करी और उनकै जौ समझाए कै सुसमाचार को बचाओ करी कि उद्धार सिरफ ईसु मसीह मैं बिस्वास जरिये पाओ जाए सकथै2:16। जौ बौ दयालुता को नतीजा है जोकै भगवान दिखात हैं न कि लोग का करथैं।
रूपरेखा
1. पौलुस अपने चिट्ठी की सुरुवात गलातिया मैं कलीसियन कै नमस्ते करकै करी। 1:1-5
2. तौ पौलुस सिखान कै अपने अधिकार की रक्छा करन और दिखान के ताहीं अपनी खुदै की पृस्ठभूमि की ब्याख्या करी कि बौ कानून के जरिये जीन की कोसिस करी रहे लेकिन बौ काम नाय करत रहे। 1:6–2:21
3. अग्गु बौ कानून की भूमिका और मोक्छ मैं अनुग्रह की ब्याख्या करत है। 3–4
4. फिर बौ अच्छी मसीह जिंदगी के ताहीं कछु सामान्य निर्देस देत है। 5:1–6:10
5. पौलुस अपने चिट्ठी कै एक अभिवादन और आखरी दलील के संग खतम करथै जौ याद रखन के ताहीं कि भगवान के जरिये एक नये आदमी मैं बदलनो बड़ा जरूरी है, बाहरी नियम, जैसे कि खतना करो जानो। 6:11-18
1
1 पौलुस से, जोको प्रेरित होन को बुलावा इंसानन या इंसानन से ना है, बल्किन ईसु मसीह और दऊवा परमेस्वर से भौ, जो बाकै मरे भै मैं से जिंदो करी।
2 सबै भईय्यन और बहेनियन के घाँईं से और जो मेरे संग गलातिया की कलीसिया के हैं: उनकै प्रभु मैं नमस्ते।
3 परमेस्वर दऊवा और हमरे प्रभु ईसु मसीह के घाँईं से तुमकै अनुग्रह और सांति मिलत रहबै।
4 आपन सबन कै जौ बुरे वर्तमान युग से छुड़ान ताहीं, मसीह खुदकै हमरे पापन के ताहीं दै दई, ताकी हमरे परमेस्वर दऊवा की इच्छा के जरिया पूरो हुई सकै।
5 परमेस्वर की हमेसा स्तुति होत रहाबै! आमीन।
एक सुसमाचार
6 मोकै अचम्मो होथै! कि जो तुमकै मसीह के अनुग्रह मैं बुलबाई बासे तुम इत्ती जल्दी लौटकै औरौ दुसरे तरहान के सुसमाचार के घाँईं झुकन लागे।
7 बास्तव मैं, “दुसरो सुसमाचार” हईये नाय, लेकिन बात जौ है कि कित्ते ऐसे हैं जो तुमकै घबड़बाए देते, और मसीह को सुसमाचार कै बदलनो चाहथैं।
8 लेकिन अगर हममैं से या स्वर्ग से कोई दूत भी बौ सुसमाचार कै छोड़ जो हम तुमकै सुनाए हैं, कोई और तुमकै सुनाथै तौ स्रापित होबै।
9 जैसे हम पहलिये कह चुके हैं, बैसिये मैं अब दोहराए कै कहथौं: कि बौ सुसमाचार कै जोकै तुम अपनाय हौ अगर कोई दुसरो सुसमाचार सुनाथै, तौ स्रापित होबै!
10 का मैं इंसानी अबाज कै जीतन की कोसिस कर रौ हौं? बास्तव मैं नाय! मैं जो चाहथौं बामै परमेस्वर की रजामंदी है! का मैं लोगन के बीच एक तैयार नामी इंसान होन की कोसिस कर रौ हौं? अगर मैं अभै भी ऐसो करन की कोसिस करथौं, तौ मैं मसीह को सेवक नाय बन पांगो।
कैसे पौलुस प्रेरित बनो
11 भईय्यौ और बहेनियौ मैं तुमकै बताए देथौं कि जो सुसमाचार मैं सुनो हौं, बौ इंसान को नाय।
12 बौ मोकै आदमिन के घाँईं से नाय पुगो, और ना मोकै सिखाओ गौ। लेकिन ईसु मसीह के दर्सन से मिलो।
13 यहूदि मत मैं जो अग्गु मेरो चाल-चलन रहै, तुम बाके बारे मैं सुन चुके हौ। मैं परमेस्वर की कलीसिया कै भौत सतात और उजाड़त रहौं।
14 मेरे खुद के देस मैं और भौत से आदमिन की तुलना मैं जो यहूदि मत के रहैं, मैं अग्गु बढ़ चुको रहौं, अपने बड़े-बूढ़ेन की रीति रिवाजन से जद्धे उनकी तुलना मैं मेरे भीतर जोस रहै।
15 लेकिन परमेस्वर जो मेरी अईय्या के गरब से मोकै ठहराई और मोकै बाकी सेवा करन के ताहीं अपने अनुग्रह से बुलाई
16 और जब अपनी इच्छा भइ कि मेरे मैं अपने लौड़ा कै उजागर करै कि मैं गैर यहूदियन मैं ईसु को सुसमाचार सुनामौ तौ ना मैं मास और खून से राय लौ,
17 और ना यरूसलेम कै उनके झोने गौ जो मोसे अग्गु प्रेरित रहैं, और तुरंतै अरब देस कै चले गौ और फिरौंकी हुँआँ से दमिस्क कै लौटियाओ।
18 फिरौंकी तीन साल के बाद मैं कैफा से भेंटा करन के ताहीं यरूसलेम गौ, और बाके झोने पन्द्रह दिन ले रहो।
19 लेकिन प्रभु के भईय्या याकूब कै छोड़ और कोई प्रेरितन से भेंटा नाय भौ।
20 लेकिन मैं जो लिखथौं बौ सच्ची है। परमेस्वर जानथै कि मैं लबारी नाय दे रौ हौं!
21 जाके बाद मैं सीरिया और किलिकिया के जघन मैं गौ।
22 बौ समय यहूदिया परदेस की कलीसिया के लोग, जो मसीह मैं हैं, मोकै निजी तौर से नाय जानत रहैं।
23 बे सिरफ बहे जानत रहैं जो दुसरे कहत रहैं: “जो आदमी हमकै सतात रहै, बौ अब बहे बिस्वास को सुसमाचार प्रचार कर रहो है, जोकै पहले उजाड़त रहै!”
24 और तभई जौ बजह से बे मोकै ऐसे जानन के बाद परमेस्वर की महिमा करीं।