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मसीहियन के बीच मुकदमा
1 का तुम मैं से कोई के पास इतनी हिम्मत है, की जब दुसरे संग लड़ाई होबै, तौ फैसला करन के ताहीं अधर्मियन के झोने जाबै; और पवित्र लोगन के झोने नाय जाबै?
2 का तुम नाय जानथौ, की पवित्र लोग दुनिया को फैसला करंगे? और जब तुमकै दुनिया को हिसाब करने है, तौ का तुम छोटी से छोटी लड़ाई को भी मुकदमा करन के भी काबिल नाय हौ?
3 का तुम नाय जानथौ, कि हम स्वर्गदूतन को हिसाब करंगे? तौ का दुनिया की बातन को फैसला नाय कर सकथैं!
4 अगर तुमकै दुनिया की बातन को मुकदमा करने होबै, तौ का उन्हईं कै बैठागे जो कलीसिया मैं कछु नाय समझे जाथैं?
5 मैं तुमकै लज्जित करन ताहीं जौ कहथौं! का तुम मैं से एकौ अकल बारे नाय हैं, जो अपने मसीह भईय्यन के बीच फैसला कर सकै।
6 बल्किन भईय्या-भईय्या मैं फैसला होथै, और बहो गैरविस्वासियन के सामने!
7 सच्ची को तुम मैं बड़ो दोस तौ जौ है, कि आपस मैं मुकदमा करथौ, बल्किन अन्याय काहे नाय सहथौ? अपनो नुकसान काहे नाय उठाथौ?
8 बल्किन अन्याय करथौ और नुकसान पहोंचाथौ, और बहो भईय्यन और बहेनियन कै!
9 का तुम नाय जानथौ, की अधर्मी परमेस्वर के राज्य के बारिस ना होंगे? धोका मत खाबौ, नाय व्यभिचारी, नाय मूर्ति पूजा करन बारे, नाय दुसरेन की बईय्यर कै अपनो बनाये लेन बारे, नाय लुच्चे, नाय कोई आदमी कै अपनो बनान बारे बनौ
10 नाय चुट्टा, ना लालची, ना पियक्कड़, ना गारी देनबारे, ना अंधेर करन बारे परमेस्वर के राज्य के बारिस होमंगे।
11 और तुम मैं से कित्ते समर्पित रहैं, लेकिन तुम प्रभु ईसु मसीह के नाओं से और हमरे परमेस्वर की आत्मा से धोए गै हौ, और पवित्र भै और धर्मी बने।
सरीर और आत्मा मैं परमेस्वर की महिमा
12 सबै चीज की मेरे ताहीं इजाजत है, हाँ; लेकिन सब चीज सई नाय हैं, और “मैं कोई बात के सुपर्त नाय होंगो।”
13 “खानु पेट के ताहीं, और पेट खानु के ताहीं है,” हाँ; लेकिन परमेस्वर जाकै और बाकै दोनों कै खतम करैगो, लेकिन सरीर व्यभिचार के ताहीं नाय, बल्किन प्रभु के ताहीं है; और प्रभु सरीर के ताहीं है।
14 और परमेस्वर अपनी सामर्थ्य से प्रभु कै मरे मैं से जिंदो करी, और हमउँ कै जिंदो करी।
15 का तुम नाय जानथौ, की तुमरो सरीर मसीह को अंग है? तौ का मैं मसीह के सरीर को अंग लैकै उनकै वेस्या को अंग बनामौं? कतई नाय!
16 का तुम नाय जानथौ की जो कोई वेस्या से संगती रखथै, बौ बाके संग एक सरीर हुई जाथै सास्त्र कहथै, “बे दोनों एक तन होंगे।”
17 और जो प्रभु की संगती मैं रहथै, बौ बाके संग एक आत्मा हुई जाथै।
18 व्यभिचार से बचे रहबौ और जित्ते पाप इंसान करथैं, बे सरीर के बहार हैं, लेकिन व्यभिचार करन बारो अपनेई सरीर के खिलाप पाप करथै।
19 का तुम नाय जानथौ, कि तुमरो सरीर पवित्र आत्मा को मंदिर है, जो तुम मैं बसो भौ है और तुमकै परमेस्वर के घाँईं से मिलो है? और तुम अपने नाय हौ, लेकिन परमेस्वर हौ;
20 परमेस्वर तुमकै दाम दैकै मोल लई है, तभईये अपने सरीर से परमेस्वर की महिमा करौ।