14
फरीसी को घरमा यीसु
यीसु पवीतर दिवस मा कोनी, मोसे को नियम को गुरू को यहान जेवनार मा गयो होतो, लोग वोला फसावन को ताक मा होतिन। यीसु को पुढा एक जलोदर को रोगी आयो। यीसु ना मोसे को नियम को गुरू गीन ला पुसिस, “का मोसे को नियम लक पवीतर दिवस मा कोनी रोगीला साजरो करनो खरो काम सेत का खोटो काम सेत?”
तबा वोना ऊगा-मूगा रह गईन, तबा यीसु ना उ रोगि ला हात धरके ना साजरो कर देइस, अना वोला बिदाई दे देइस। तबा यीसु ना उनला कहीस, अदी कोनी को टूरा या बईल बिहर मा पड़ जाहेत, तो तुमी मा कोन सेत जो पवीतर दिवस मा वोला बिहर लक नही हेडेत?
अखीन वय वोको जवाब देवन को लायक भी ना होतिन।
लहान बननो
जेवनार मा आयो लोग गीन बसन लाय ऊचो-ऊचो जघा निवाड़न लगीन, असो चोवके ना यीसु एक उदाहरन लक, समजावन लगीन। जबा कोनी लगन मा नेवता देवासे, ता सबा लक मूख जघा मा नोको बसने। का मालुम तुमरो लक मोठो लोक ला घरवाला ना नेवता* देइसेस। अना जोना दुई ला निवता देइसेस, वोच आय के सांगेत, का उभो भय अखीन खाल्या जायके बस, तबा लजानो पड़ेत। 10 यो काजी जबा तुमला न्योता मिल्हे तो पूढा नोको बसने, मंघा जायके, बसने, तबा घर को मालीक आयके सागेत, अगो संगी पूढा बस, ता तुमरो महिमा होयेत, 11 काहेका जोन आपरो आप ला, मोठयो मानासे उ लहान कियो जाहेत, अखीन जो लहान सेत, उ मोठयो करो जाहेत
12 मंग यीसु ना निवता देवन वालो, ला सांग्यो। जबा तुमी दूफर या रात मा जेवनार देवो, तबा संगी गीन ला नोको हाकलो अना आपरो, भाऊ कुटुम्ब, धनी सेजारी गीनला नोको हाकलो, कही असो ना होय का आपरो, घर मा नेवता देके, ना बदाला चुकाय देहेत। 13 पर जब तुमी, जेवनार देव तो अँधरा लगंडा लूलो ला हाकलो। 14 तबा उ तुमी धन्य भई जाने, काहेका, उनको कठा बदला देन काजी काही नहात, अखीन तुमला परमेस्वर को अदालत मा, नेक गिनको जित्तो होवन को मघा फर भेटेत।
मोठो जेवनार को उदाहरन
(मत्ती 22:1-10)
15 वोको संग जेवन करन वालो मा लक, एक मानूस यो गोस्टी आयक के सांगिस, धन्य से उ जोन परमेस्वर को राज मा जेवन करयेत।
16 वोना ओको लक कव्हयो, कोनी मानूस ना गजब मोठो जेवनार दियो। अना गजब लोक हीनला न्योता दियो। 17 जबा जेवन तैय्यार भय गयो, ता वोना आपरो दास को हात मा न्योता हारो गीनला, सांग के धाडिस, “आव अबा जेवन तैय्यार से”। 18 पर वय सबा वोको लक माफी माँगन लगीन, पहलो ना नौकर लक, कव्हयो, “मी ना खेत लेयी सेव, वोला चोवन जानो से तोरो लक मोरो अरज से, का मोरो कन लक माफी मांग लेवजो।” 19 अखीन एक ना कव्हयो “मी ना पाँच जोड़ी बईल लेईसेव, अना उनला परख करनो से। तोरो लक मोरो बिनती से, का मोरो कन लक माफी मांग लेव जोस।” 20 अखीन एक ना कव्हयो, “मोरो लगन भइ सेस एको लाय मी नही आ सकसू।” 21 दास ना लवट के आपरो मालीक ला यो सबा हाल सांगीस, तबा मालक हिजड़ के ना आपरो नौकर ला कहीस, “लवकर नगर को बाजार सरक, गली मा जायके ना गरीब गोर, अँधरा लगडा लूलो गीन ला यहान ले आओ।” 22 तबा दास कहीस, मालीक तोरो हुकूम पूरो भई से, पर अबा जघा खाली सेस। 23 ता मालीक ना दास ला कहीस, “सड़क मा अखीन रुधान बाहेर जितरो लोक, चोहेत सबला आनो जीनको लक घर भर जाहेत।” 24 काहेका मी सबा लक कव्हसू, जोनला न्योता दियो होतो, उनमा लक कोनी जेवन नही जेव पाहेत।
चेला बनन को कीमत
(मत्ती 10:37-38)
25 यीसु को संग-संग एक मोठयो भीड़ चलत होत्यो, यीसु ना भीड़ को लोग गीन लक असो सांग्यो, 26 “अदी कोनी मोरो कन आवासे अखीन आपरो माय बाप नवरी, सन्तान, भाऊ बहिन अखीन यहाँ लक की आपरो जान लक बैर§ नही करत, तो उ मोरो चेला नही होय सकासे?” 27 जोन आपरो कूरूस उचलके, नही ले जावासे, अखीन मोरो मंघा नही चलासे, उ मोरो चेला नही होय सकेत*
28 तुमी मा कोन असो सेत, जोन मीनार बनवानो चाव्हासे, अखीन पुढा घर मा बस के, ना खरचा को अन्दाज हिसाब नही करयेत। अखीन यो ना चोवेत, का वोको जवर केतरा रुपया सेत। 29 कही असो ना होयेत, का पाया डाकन को मघा, घर को काम अधूरो छोड़ देहेत, अखीन चोवन वोरो, मजाक उड़ावत कहेत, “यो घर बनान को लायक भी नाहती।” 30 यो मानूस ना घर बनान काजी नीव डाखीस, पर पूरो करन को लायक भी नहाय। 31 अना कोन राजा होयेत, जोन दूसरो राजा लक, लडाई मा जावासे, अखीन पूढा बसके, यो विचार नही करासे, का जोन राजा बीस हजार सेना को, फौज को संग वोको पर चढ़ाई कर रही सेस, तो का उ दहा हजार सैनीक को फौज लक, सामना कर सकासे का नही। 32 यदि उ सामना नही कर सकासेत, तबा दूसरो राजा को, कन सान्ती को लाय, राजदूत लक बिनती धाड़ देहेत। 33 असोच तुम्ही लक जोन कोनी, सबा काही नही छोड़ देसे, उ मोरो चेला नहात।
बे सवाद नोन
(मत्ती 5:13; मरकुस 9:50)
34 “नोन साजरो सेत, पर वोको स्वाद बिगड जाय, तो कसो नमकीन होय सकासेत? 35 उ ना तो जमीन को खात को काम को से, एकोलाय लोकगीन वोला बाहेर फेक देवासे। जोन को कान होयेत, उ आयक लेव।”
* 14:8 कोनी लहान मानूस ला मोठो बसन को जघा मा नही बसन देवनो 14:10 तेरी मान बढाई करेंत 14:11 वोला मोठो कियो जाहेत § 14:26 आपरो जीवन लक पिरेम नही राखासे * 14:27 नही होय सकत