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नयो आसमान अऊर नयी धरती
फिर मय न नयो आसमान अऊर नयी धरती ख देख्यो, कहालीकि पहिलो आसमान अऊर पहिली धरती गायब होय चुकी होती, अऊर सब समुन्दर भी नहीं रह्यो। फिर मय न पवित्र नगर नयो यरूशलेम ख स्वर्ग सी परमेश्वर को जवर सी उतरतो देख्यो। ऊ नगरी ख जो दुल्हिन को समान होती जो अपनो पति लायी सिंगार करयो होना। फिर मय न सिंहासन म सी कोयी ख ऊचो आवाज सी यो कहतो हुयो सुन्यो, “देखो, अब परमेश्वर को घर आदमियों को बीच म हय। अऊर ऊ उन्को संग रहेंन, अऊर हि ओको लोग होयेंन। अऊर परमेश्वर खुद उन्को संग रहेंन अऊर उन्को परमेश्वर होयेंन। ऊ उन्की आंखी सी सब आसु पोछ डालेंन। अऊर येको बाद मृत्यु नहीं रहेंन, अऊर नहीं शोक, नहीं विलाप, नहीं तकलीफ रहेंन; पुरानी सब बाते खतम भय गयी हय।”
अऊर जो सिंहासन पर बैठ्यो होतो, ओन कह्यो, “देख, मय सब कुछ नयो कर देऊ हय।” तब ओन कह्यो, “लिख ले, कहालीकि यो वचन विश्वास लायक अऊर सत्य हंय।” फिर ओन मोरो सी कह्यो, “या बाते पूरी भय गयी हंय। मय अल्फा अऊर ओमेगा आय, पहिलो अऊर आखरी आय। अऊर जो कोयी प्यासो हय ओख मय जीवन को जल को सोता सी फुकट म पिवन को अधिकार देऊ। जो विजयी होयेंन उच यो सब मोरो सी पायेंन, अऊर मय ओको परमेश्वर होऊं अऊर हि मोरो बेटा होयेंन। पर डरपोकों, अऊर अविश्वासियों, घिनौना, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, अऊर सब झूठो को भाग ऊ झील म मिलेंन जो आगी अऊर गन्धक सी जरती रह्य हय: या दूसरी मृत्यु आय।”
नयो यरूशलेम
फिर जिन सात स्वर्गदूतों को जवर सात आखरी विपत्तियों सी भरयो हुयो सात कटोरा होतो, उन्म सी एक मोरो जवर आयो, अऊर मोरो संग बाते कर क् कह्यो, “इत आव, मय तोख दुल्हिन मतलब मेम्ना की पत्नी दिखाऊं।” 10 अऊर आत्मा को द्वारा नियंत्रित भयो अऊर स्वर्गदूत न मोख एक बड़ो अऊर ऊचो पहाड़ी पर ले गयो, अऊर ओन मोख पवित्र नगरी यरूशलेम दिखायो ऊ परमेश्वर को तरफ सी स्वर्ग सी खल्लो उतर रही होती। 11 अऊर ऊ परमेश्वर की महिमा को संग चमक रही होती, अऊर नगरी बहुमूल्य गोटा, यशब को जसो अऊर काच तरह साफ होती। 12 नगरी को चारयी तरफ बड़ो ऊचो शहरपनाह होतो जेको म बारा द्वार होतो। उन बारा द्वारों पर स्वर्गदूत होतो। तथा बारा द्वारों पर इस्राएल को बारा गोत्रों को नाम लिख्यो होतो। 13 इन म सी तीन द्वार पूर्व को तरफ तीन द्वार, उत्तर को तरफ तीन द्वार, दक्षिन को तरफ तीन द्वार, अऊर पश्चिम को तरफ तीन द्वार होती। 14 नगर को शहरपनाह बारा गोटावों को नीव पर बनायो गयो होतो, अऊर हर एक पर मेम्ना को बारा प्रेरितों को बारा नाम लिख्यो होतो। 15 जो स्वर्गदूत मोरो संग बाते कर रह्यो होतो ओको जवर नगर अऊर ओको द्वारों अऊर ओकी शहरपनाह ख नापन लायी एक सोनो को छड़ी होतो। 16 ऊ नगर ख वर्गाकार म बसायो गयो होतो अऊर ओकी लम्बाई, चौड़ाई को बराबर होती; अऊर ओन ऊ छड़ी सी नगर ख नाप्यो, त दोय हजार चार सौ को निकल्यो: ओकी लम्बाई अऊर चौड़ाई अऊर ऊचाई बराबर होती। 17 ओन ओकी शहरपनाह ख यानेकि जो आदमियों को नाप होतो ऊ स्वर्गदूत को हाथ म होतो नाप सी नाप्यो, त एक सौ चौवालीस हाथ निकली। 18 ओकी शहरपनाह यशब की बनी होती, अऊर नगर असो शुद्ध सोनो को होतो जो साफ काच को जसो हो। 19 ऊ शहरपनाह की नीव हर तरह को बहुमूल्य गोटावों सी सवारी हुयी होती; पहिली नीव यशब की, दूसरी नीलमणि की, तीसरी स्फटिक की, चौथी मलकत की, 20 पाचवी गोमेदक की, छठवी माणिक्य की, सातवी पीतमणि की, आठवी पेरोज की, नववी पुखराज की, दसवी लहसनिए की, ग्यारहवी धूम्रकान्त की, अऊर बारहवी याकूत की होती। 21 बारा द्वार बारा मोतियों को होतो; एक एक द्वार एक एक मोती को बन्यो होतो। नगर की सड़क साफ काच को जसो शुद्ध सोनो की होती।
22 मय न ओको म कोयी मन्दिर नहीं देख्यो, कहालीकि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर अऊर मेम्ना ओको मन्दिर हय। 23 ऊ नगर म सूरज अऊर चन्दा को उजाड़ो की जरूरत नहीं, कहालीकि परमेश्वर को तेज सी ओको म उजाड़ो होय रह्यो हय, अऊर मेम्ना ओको दीया हय। 24 जाति–जाति को लोग ओकी ज्योति म चले–फिरेंन, अऊर धरती को राजा अपनो अपनो वैभव ओको म लायेंन। 25 ओकी द्वार पूरो दिन भर खुली रहेंन, अऊर रात उत नहीं होयेंन। 26 अऊर लोग राष्ट्रों को वैभव अऊर धन को सामान ओको म लायेंन। 27 पर ओको म कोयी अपवित्र चिज, या घृणित काम करन वालो, या झूठ को गढ़न वालो कोयी रीति सी सिरय नहीं, पर केवल हि लोग जिन्को नाम मेम्ना को जीवन की किताब म लिख्यो हंय।
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