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प्रसिद्ध वेश्या
येको बाद उन सात स्वर्गदूतों को जवर हि सात कटोरा होतो, उन्म सी एक न आय क मोरो सी यो कह्यो, “इत आव, ताकी बहुत सी नदियों को किनारे बैठी वा प्रसिद्ध वेश्या को सजा ख दिखाऊं। जेको संग धरती को राजावों न व्यभिचार करयो; अऊर धरती को रहन वालो ओको व्यभिचार की दारू सी नशा म चूर भय गयो होतो।”
तब मोख पूरी रीति सी आत्मा न नियंत्रन करयो, अऊर स्वर्गदूत मोख जंगल को तरफ ले गयो। उत मय न लाल रंग को हिंसक पशु पर वा बाई ख बैठ्यो देख्यो, ओको पर परमेश्वर को निन्दा को नाम ख सब जागा पर लिख्यो होतो, अऊर हिंसक पशु को सात मुंड अऊर दस सींग होतो। या बाई जामुनी अऊर लाल रंग को कपड़ा पहिन्यो होती, अऊर सोनो अऊर बहुमूल्य रत्नों अऊर मोतियों सी सजी हुयी होती, अऊर ओको संग म एक सोनो को कटोरा होतो जो घृणित चिजों सी अऊर ओको व्यभिचार की अशुद्ध चिजों सी भरयो हुयो होतो। ओको मस्तक पर यो नाम लिख्यो होतो, “भेद, महान बेबीलोन धरती की वेश्यावों अऊर घृणित चिजों की माता।”
मय न वा बाई ख परमेश्वर को लोगों को खून अऊर यीशु को प्रति विश्वास लायक होतो ओको वजह मारयो गयो उन्को खून पीनो सी मतवाली भय गयी हय; ओख देख क मय चकित भय गयो। तब ऊ स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “तय कहाली चकित भयो? मय या बाई अऊर ऊ हिंसक पशु को, जेको पर हवा सवार हय अऊर जेको सात मुंड अऊर दस सींग हंय, तोख ओको भेद बताऊ हय।
“जो हिंसक पशु तय न देख्यो हय, ऊ पहिले कभी जीन्दो होतो पर अब जीन्दो नहाय, फिर भी अधोलोक सी निकलेंन तब भी ओको विनाश होय जायेंन; अऊर धरती को रहन वालो जिन्को नाम जगत की उत्पत्ति को समय सी जीवन की किताब म लिख्यो नहीं गयो, यो पशु की या दशा देख क कि पहिले जीन्दो होतो अऊर अब नहाय पर फिर प्रगट होयेंन, यो देख क फिर धरती को सब लोग अचम्भा करेंन। यो समझन लायी बुद्धि अऊर ज्ञान होना, हि सातों मुंड सात पहाड़ी आय जिन पर वा बाई बैठी हय, हि सात मुंड सात राजा भी आय। 10 जिन म सी पाच त गिर चुक्यो हंय, अऊर एक अभी हय, अऊर एक अभी शासन कर रह्यो हय, अऊर दूसरों अभी तक आयो नहाय। पर ऊ जब आयेंन त ओकी या नियत हय ऊ कुछ देरच शासन कर पायेंन। 11 जो हिंसक पशु एक समय जीन्दो होतो, अऊर अब जीन्दो नहाय, ऊ खुद आठवो राजा हय जो उन सातों म सीच एक आय, ओको भी विनाश होन वालो हय। 12 जो दस सींग तय न देख्यो हि दस राजा आय जिन्न अब तक शासन को सुरूवात नहीं करयो हय, पर ओख ऊ हिंसक पशु को संग घड़ी भर शासन करन को अधिकार मिलेंन। 13 हि दस लोग एक मन होयेंन, अऊर हि अपनी अपनी सामर्थ अऊर अधिकार ऊ हिंसक पशु ख सौंप देयेंन। 14 हि मेम्ना को विरुद्ध लड़ाई करेंन, पर मेम्ना अपनो बुलायो हुयो, चुन्यो हुयो अऊर विश्वास लायक अनुयायीयों ख जमा कर क् उन्ख हराय देयेंन, कहालीकि ऊ प्रभुवों को प्रभु अऊर राजावों को राजा आय।”
15 फिर स्वर्गदूत न मोरो सी कह्यो, “जो पानी तय न देख्यो, जिन पर वेश्या बैठी हय, हि त राष्ट्र, लोग अऊर वंश अऊर भाषाये हंय। 16 जो दस सींग तय न देख्यो, हि अऊर हिंसक पशु सी दुस्मनी रखेंन, तथा ओको सब कुछ छीन क ओख बिना कपड़ा को छोड़ जायेंन, अऊर ओको शरीर खाय जायेंन, अऊर ओख आगी म जलाय डालेंन। 17 अपनो इच्छा ख पूरो करन लायी परमेश्वर न उन सब ख एक मत कर क्, उन्को मन म योच बैठाय दियो हय कि, हि जब तक परमेश्वर को वचन पूरो नहीं होय जावय, तब तक शासन करन को अपनो अधिकार ऊ हिंसक पशु ख सौंप दे। 18 वा बाई, जेक तुम न देख्यो हय, ऊ बड़ो नगर आय जो धरती को राजावों पर शासन करय हय।”
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