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फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “यदि कोयी परमेश्वर को विश्वासघात कर क् पापी ठहरे, जसो कि जायजाद, यां लेन देन यां लूट को बारे म अपनो भाऊ सी छल करे, यां ओको पर अत्याचार करे, यां पड़ी हुयी चिज ख पा क ओको बारे म झूठ बोले अऊर झूठी कसम भी खाये; असी कोयी भी बात कहाली नहीं हो जेक कर क् आदमी पापी ठहरय हय, त जब ऊ असो काम कर क् दोषी होय जाये, तब जो भी चिज ओन लूट, यां अत्याचार कर क्, यां जायजाद, यां पड़ी हुयी पायी होना; चाहे कोयी चिज कहाली नहीं हो जेको बारे म ओन झूठी कसम खायी होना; त ऊ ओख पूरो-पूरो लौटाय दे, अऊर पाचवों हिस्सा भी बढ़ाय क भर दे, जो दिन यो मालूम होय कि ऊ दोषी हय, उच दिन ऊ चिज ख ओको लौटाय दे। अऊर ऊ परमेश्वर को सामने अपनो दोषबलि भी लाये, मतलब एक निर्दोष मेंढा दोषबलि लायी याजक को जवर लाये, ऊ उतनोच दाम को होना जितनो याजक ठहराये। यो तरह याजक ओको लायी परमेश्वर को सामने पाप ख झाके, अऊर जो काम ख कर क् ऊ दोषी भय गयो हय ओकी माफी ओख मिलेंन।”
अलग-अलग तरह को बलिदानों की विधि
होमबलि
फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “हारून अऊर ओको टुरावों ख आज्ञा दे क यो कह्य कि होमबलि की व्यवस्था या हय: होमबलि अग्निकुन्ड को ऊपर रात भर रख क सुबेरे तक वेदी पर पड़ी रहे, अऊर वेदी की आगी वेदी पर जरती रहे। 10 अऊर याजक अपनो सन को कपड़ा अऊर अपनो तन पर सन की जांघियां पहिन क होमबलि की राख, जो आगी को भस्म करन सी वेदी पर रह्य जाये, ओख उठाय क ओख वेदी को बाजू म रखे। 11 तब ऊ अपनो यो कपड़ा उतार क दूसरो कपड़ा पहिन क राख ख छावनी सी बाहेर कोयी शुद्ध जागा पर लिजाये। 12 वेदी पर आगी जरती रहे, अऊर कभी बुझन मत देवो; अऊर याजक हर दिन सुबेरे ओको पर लकड़ियां जलाय क होमबलि को टुकड़ा ख ओको पर सजाय क रख दे, अऊर ओको ऊपर मेल-मिलाप बलिदान पशु की चरबी ख जलायो करे। 13 वेदी पर आगी लगातार जरती रहे; अऊर वा कभी बुझनो नहीं पाये।
अनाज की भेंट
14 “अनाज भेंट चढ़ावन की व्यवस्था यो तरह हय: हारून को टुरा ओख वेदी को आगु परमेश्वर को सामने लाये। 15 अऊर ऊ अनाज भेंट चढ़ावन को तेल मिल्यो हुयो मैदा म सी मुट्ठी भर अऊर ओको पर को सब लुभान उठाय क अनाज भेंट की याद म यो हिस्सा ख परमेश्वर को सामने सुखदायक सुगन्ध लायी वेदी पर जलाये। 16 अऊर ओको म सी जो बच्यो रह्य जाये ओख हारून अऊर ओको टुरा खाये; ऊ बिना खमीर पवित्र जागा म खायो जाये, मतलब हि मिलाप वालो तम्बू को आंगन म ओख खाये। 17 ऊ खमीर को संग पकायो नहीं जाये; कहालीकि मय न अपनो अन्नबलि म सी ओख दियो हय; येकोलायी जसो पापबलि अऊर दोषबलि अती पवित्र हय वसोच ऊ भी हय। 18 तुम्हरी पीढ़ी-पीढ़ी म हारून को वंश को सब आदमी ओको म सी खाय सकय हंय, परमेश्वर को भेंटों म सी यो ओको हिस्सा हमेशा बन्यो रहेंन; जो कोयी उन भेंटों ख छुवय ऊ पवित्र ठहरेंन।”
19 फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, 20 “ जो दिन हारून को अभिषेक होयेंन ऊ दिन ऊ अपनो टुरा को संग परमेश्वर ख यो चढ़ावा चढ़ाये; मतलब एपा को दसवों हिस्सा मैदा रोज अन्नबलि म चढ़ाये, ओको म सी अरधो सुबेरे अऊर अरधो शाम को समय चढ़ाये। 21 ऊ तवा पर तेल को संग पकायो जाय; जब ऊ तेल सी तल क होय जाये तब ओख लायजो, यो अन्नबलि को पक्यो हुयो तुकड़ा परमेश्वर को सुखदायक सुगन्ध लायी चढ़ायजो। 22 हारून को टुरावों म सी जो ऊ याजकपद पर अभिषिक्त होयेंन, ऊ भी उच तरह को चढ़ावा चढ़ायो करे; या विधि हमेशा लायी हय, कि परमेश्वर को सामने ऊ पूरो चढ़ावा जलायो जाये। 23 याजक को पूरो अन्नबलि भी जलायो जाये; ऊ कभी नहीं खायो जाय।”
पापबलि
24 फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, 25 “हारून अऊर ओको टुरावों सी यो कह्य कि पापबलि की व्यवस्था या हय: जो जागा म होमबलिपशु मारयो जावय हय ओकोच म पापबलिपशु भी परमेश्वर को सामने बलि करयो जाय; ऊ परमपवित्र हय।” 26 जो याजक पापबलि चढ़ाये ऊ ओख खाये; ऊ पवित्र जागा म, मतलब मिलाप वालो तम्बू को आंगन म खायो जाय। 27 जो कोयी ओको मांस ख छुयेंन, ऊ पवित्र होय जायेंन। यदि ओको खून को छीटा कपड़ा पर पड़ेंन त ऊ कपड़ा ख जेक पर छीटा पड़ गयो हय, ओख पवित्र जागा म धोय लेजो। 28 जो माटी को बर्तन म ऊ पकायो जायेंन, त ऊ बर्तन ख तोड़ देजो, पर यदि ऊ पीतल को बर्तन म पकायो गयो हय, त ऊ मांज्यो अऊर पानी सी धोयो जाय। 29 याजक म सी सब आदमी ओख खाय सकय हंय; ऊ परमपवित्र चिज आय। 30 पर जो पापबलिपशु को खून म सी कुछ भी खून मिलाप वालो तम्बू को अन्दर पवित्र जागा म पश्चाताप करन लायी पहुंचायो जाय ओको मांस कभी नहीं खायो जाय; ऊ आगी म जलाय दियो जाये।