यहोशू की किताब
यहोशू की किताब
परिचय
यहोशू की किताब इस्राएल राष्ट्र की कहानी ख आगु बढ़ावय हय जहां व्यवस्थाविवरन खतम होवय हय। इस्राएल को लोग यरदन नदी को पूर्वी किनारे सी शुरू होवय हंय। यहोशू की किताब बतावय हय कि कसो उन्न यरदन नदी ख पार करयो अऊर मूसा को उत्तराधिकारी, यहोशू को अगुवायी म कनान की जमीन पर विजय हासिल करी। उन्न असो येकोलायी करयो कहालीकि परमेश्वर न उन्ख आज्ञा दी होती। यो तरह, परमेश्वर अब्राहम को वंशजों ख कनान जमीन देन को अपनो वादा पूरो कर रह्यो होतो। उत्पत्ति १२:७।
यो मालूम नहाय कि यहोशू कि किताब कौन न लिखी या संकलित करी। कयी बार, लेखक असो बोलय हय जसो की ऊ उन घटनावों को बीच म मौजूद होतो जो होय रही होती उदाहरन लायी, यहोशू ५:१,६ यो वजह सी, कयी विद्वानों को माननो हय कि यहोशू न किताब को अधिकांश भाग खुद लिख्यो हय। हालांकि, यो स्पष्ट हय कि यहोशू को अलावा कोयी अऊर न कुछ खंड लिख्यो हय, जसो को यहोशू को अंतिम संस्कार को विवरन यहोशू २४:२९ दूसरो विद्वानों को माननो हंय। कि घटनावों को घटित होन को लगभग ८०० साल बाद किताब लिखी गयी होती। यहोशू कि किताब म घटनाये संभवत: १२५० ईसा पूर्व को आस पास घटित भयी होती, जो मिस्र म रामेसेस को शासन को ४० साल बाद की रही होना। रामेसेस ऊ राजा आय जेको बारे म मान्यो जावय हय कि ओन मिस्र सी इस्राएल को पलायन को समय शासन करयो होतो। निर्गमन १:११
रूप रेखा
१. कसो इस्राएलियों न यरदन नदी पार करी अऊर कनान देश म प्रवेश करयो। १:५; १२
२. फिर, इस्राएल द्वारा कनान पर विजय को बारे म बतायो गयो हय। ५:१३; १२
३. येको बाद, कनान देश ख इस्राएल को गोत्रों म कसो बाट्यो गयो। १३–२१
४. आखरी म, कसो कुछ जनजातियां यरदन नदी को पूर्वी किनारे पर लौट आयी, यहोशू की बिदायी अऊर अंतिम संस्कार, अऊर कसो परमेश्वर को संग इस्राएल की वाचा को नवीनीकरन भयो। २२–२४
1
यहोशू ख परमेश्वर की आज्ञा
1 परमेश्वर को सेवक मूसा को मरन को बाद परमेश्वर न ओको सेवक यहोशू सी कह्यो जो नून को टुरा होतो,
2 “मोरो सेवक मूसा मर गयो हय; येकोलायी अब तय उठ, तैयार हो, अऊर पूरी इस्राएली प्रजा समेत यरदन नदी को पार होय क ऊ देश म जा जेक मय इस्राएली लोगों ख दे रह्यो हय।
3 ऊ वचन को अनुसार जो मय न मूसा सी कह्यो, मतलब जो जो जागा पर तुम पाय रखो ऊ सब मय तुम्ख देऊं।
4 दक्षिन म जंगल सी उत्तर म लबानोन की पहाड़ियों तक, पूर्व म फरात महानदी अऊर हित्ती जाती को सब लोग देश सी पश्चिम म महासमुन्दर तक ठहरेंन।
5 तोरो जीवन भर कोयी तोरो सामने ठहर नहीं सकेंन; जसो मय मूसा को संग रह्यो वसोच तोरो संग भी रहूं; अऊर नहीं मय तोख धोखा देऊं, अऊर नहीं तोख छोड़ूं।
6 येकोलायी हिम्मत बान्ध क मजबूत होय जा; कहालीकि जो देश ख देन की कसम मय न इन लोगों को पूर्वजों सी खायी होती ओको अधिकारी तय इन ख करजो।
7 इतनो हो कि तय हिम्मत बान्ध अऊर बहुत मजबूत होय क जो व्यवस्था मोरो सेवक मूसा न तोख दियो हय उन सब को अनुसार करन म चौकसी करजो; अऊर ओको सी नहीं तय दायो मुड़जो अऊर नहीं बायो, तब जहां जहां तय जाजो वहां वहां तोरो काम सफल होयेंन।
8 व्यवस्था की या किताब को शब्द मोरो मुंह सी कभी नहीं अलग होनो पाये, येकोच म रात दिन ध्यान लगायो रहजो, येकोलायी कि जो कुछ ओको म लिख्यो हय ओको अनुसार करन की तय चौकसी करजो; कहालीकि असोच करन सी तोरो सब काम सफल होयेंन, अऊर तय प्रभावशाली होयजो।
9 का मय न तोख आज्ञा नहीं दी? हिम्मत बान्ध क मजबूत होय जा; डर मत, अऊर तोरो मन निराश नहीं हो; कहालीकि जहां जहां तय जाजो वहां वहां तोरो परमेश्वर यहोवा तोरो संग रहेंन।”
यहोशू को लोगों ख आदेश देनो
10 तब यहोशू न प्रजा को मुख्य लोगों ख या आज्ञा दी,
11 “छावनी म इत उत जाय क प्रजा को लोगों ख या आज्ञा देवो, कि अपनो अपनो लायी भोजन तैयार कर क् रखो; कहालीकि तीन दिन को अन्दर तुम ख यो यरदन नदी को पार उतर क ऊ देश ख अपनो अधिकार म लेन लायी जानो हय जेक तुम्हरो परमेश्वर यहोवा तुम्हरो अधिकार म दे रह्यो हय।”
12 फिर यहोशू न रूबेनियों, गादियों, अऊर मनश्शे को अरधो वंश को लोगों सी कह्यो,
13 “जो बात परमेश्वर को सेवक मूसा न तुम सी कही होती कि तुम्हरो परमेश्वर यहोवा तुम्ख आराम देवय हय, अऊर योच देश तुम्ख देयेंन, ओकी सुधि लेवो।
14 तुम्हरी पत्नियां, बाल-बच्चा, अऊर जनावर त यो देश म रहेंन जो मूसा न तुम्ख यरदन को येन पारच दियो, पर तुम जो योद्धा शस्त्र उठाय क अपनो भाऊवों को आगु आगु ओन पार उतर क चलो, अऊर उन्की मदत करो;
15 अऊर जब परमेश्वर उन्ख असो आराम देयेंन जसो ऊ तुम्ख दे चुक्यो हय, अऊर हि भी तुम्हरो परमेश्वर यहोवा को दियो हुयो देश को अधिकारी होय जायेंन; तब तुम अपनो अधिकार को देश म, जो परमेश्वर को सेवक मूसा न यरदन को येन पार पूर्व को तरफ तुम्ख दियो हय, लौट क येको अधिकारी होयेंन।”
16 तब उन्न यहोशू ख उत्तर दियो, “जो कुछ तय न हम्ख करन की आज्ञा दी हय ऊ हम करबोंन, अऊर जहां कहीं तय हम्ख भेजो वहां हम जाबोन।
17 जसो हम सब बातों म मूसा की मानत होतो वसोच तोरी भी मानबो, इतनो होय कि तोरो परमेश्वर यहोवा जसो मूसा को संग रहत होतो वसोच तोरो संग भी रहे।
18 कोयी भी कहाली नहीं होय जो तोरो खिलाफ विद्रोह करे, अऊर जितनी आज्ञाये तय देजो उन्ख नहीं मानय, त ऊ मार डाल्यो जायेंन। पर तय मजबूत अऊर हिम्मत बान्ध्यो रहे।”