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परमेश्वर मूसा ख अद्भुत सामर्थ देवय हय
1 तब मूसा न उत्तर दियो, “अगर हि मोरो विश्वास नहीं करेंन अऊर नहीं मोरी सुनेंन, बल्की कहेंन, ‘परमेश्वर न तोख ख दर्शन नहीं दियो’।”
2 परमेश्वर न ओको सी कह्यो, “तोरो हाथ म का हय?” ऊ बोल्यो, “लाठी।”
3 परमेश्वर न कह्यो, “ओख जमीन पर डाल दे।” जब ओन ओख जमीन पर डाल्यो तब वा सांप बन गयी, अऊर मूसा ओको आगु सी भग्यो।
4 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “हाथ बढ़ाय क ओकी पूछ पकड़ ले, जब ओन हाथ बढ़ाय क ओख पकड़्यो तब वा ओको हाथ म फिर लाठी बन गयी।
5 ताकी हि लोग विश्वास करे कि तुम्हरो पूर्वजों को परमेश्वर मतलब अब्राहम को परमेश्वर, इसहाक को परमेश्वर, अऊर याकूब को परमेश्वर, परमेश्वर न तोख दर्शन दियो हय।”
6 परमेश्वर न मूसा ख फिर सी कह्यो, “अपनो हाथ पहिन्यो कपड़ा को अन्दर छाती पर रख।” मूसा न आज्ञा मानी अऊर कपड़ा को अन्दर छाती पर अपनो हाथ रख क झाक लियो; फिर जब ओन हाथ बाहेर निकाल्यो तब ओको हाथ बरफ को समान कोढ़ जसो सफेद भय गयो।
7 तब परमेश्वर न कह्यो, “अब फिर सी अपनो हाथ छाती पर रख।” ओन अपनो हाथ छाती पर रख क झाक लियो; अऊर जब ओन ओख छाती पर सी निकाल्यो तब का देखय हय कि ऊ फिर पूरो शरीर को जसो अच्छो भय गयो।
8 तब परमेश्वर न कह्यो, “यदि हि तोरी बात पर विश्वास नहीं करेंन, अऊर पहिले चिन्ह ख नहीं मानेंन, त दूसरो चिन्ह पर विश्वास करेंन।
9 अऊर यदि हि इन दोयी चिन्हों पर विश्वास नहीं करेंन अऊर तोरी बात ख नहीं मानेंन, तब तय नील नदी सी कुछ पानी ले क सूखी जमीन पर डालजो; अऊर जो पानी तय नदी सी निकालजो ऊ सूखी जमीन पर खून बन जायेंन।”
10 मूसा न परमेश्वर सी कह्यो, “हे मोरो प्रभु, मय बोलनो म अच्छो बोलकार नहाय, नहीं पहिले होतो, अऊर नहीं जब सी तय अपनो दास सी बाते करन लग्यो; मय त मुंह अऊर जीबली सी लड़खड़ाऊ हय।”
11 परमेश्वर न ओको सी कह्यो, “आदमी को मुंह कौन न बनायो हय? अऊर आदमी ख मुक्का, यां बहिरा, यां देखन वालो, यां अन्धा, मोख छोड़ क कौन बनावय हय? का मय ऊ यहोवा नहीं।
12 अब जा, तोरो बोलतो समय मय तोरी मदत करूं, अऊर तोख का कहनो हय सिखातो जाऊं।”
13 पर मूसा न कह्यो, “हे मोरो परमेश्वर, कृपया तय कोयी दूसरो ख भेज।”
14 तब परमेश्वर को गुस्सा मूसा पर भड़क्यो अऊर ओन कह्यो, “का तोरो भाऊ ख नहीं जानय, जो लेवीय वंश को हारून आय? मय जानु हय कि ऊ अच्छो सी बोल सकय हय, देख, ऊ तोरो सी मिलन आय रह्यो हय; अऊर तोख देख क खुश होयेंन।
15 येकोलायी तय ओको सी बाते करजो; अऊर ओख बतावो कि का करनो हय मय ओख अऊर ओख बोलन म मदत करूं, अऊर तुम दोयी ख का करनो हय यो सिखाऊं।
16 हारून तोरो तरफ सी लोगों सी बाते करेंन; ऊ तोरो लायी मुंह की वानी अऊर तय ओको लायी परमेश्वर जसो ठहरेंन।
17 अऊर तय यो लाठी ख अपनो संग म लिजाव, अऊर येको सी इन चिन्ह चमत्कार ख दिखाजो।”
मूसा को मिस्र देश लौटनो
18 तब मूसा अपनो ससरो यित्रो को जवर वापस गयो अऊर ओको सी कह्यो, “मोख बिदा कर कि मय मिस्र देश म रहन वालो अपनो भाऊवों को जवर जाय क देखू कि अब तक जीन्दो हय का नहाय।” यित्रो न मूसा सी कह्यो, “तय शान्ति सी जा।”
19 अऊर परमेश्वर न मिद्यान देश म मूसा सी कह्यो, “मिस्र देश वापस जा; कहालीकि जो आदमी तोरो जीव को प्यासो होतो, हि सब मर गयो हंय।”
20 तब मूसा न अपनी पत्नी अऊर अपनो बेटों ख गधा पर बैठाय क मिस्र देश को तरफ परमेश्वर न दी हुयी लाठी ख हाथ म लियो हुयो वापस लौट्यो।
21 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “जब तय मिस्र देश म पहुंचो तब ध्यान रखजो कि जो चमत्कार मय न तोरो वश म करयो हंय उन सब ख फिरौन ख दिखाजो; पर मय ओको मन ख कठोर करूं, अऊर ऊ मोरो लोगों ख नहीं जान देयेंन।
22 अऊर तय फिरौन सी कह्यजो, परमेश्वर यो कह्य हय, कि इस्राएल मोरो पहिलो टुरा आय,
23 अऊर मय तोरो सी कहूं हय कि मोरो टुरा ख जान दे। मोरी आराधना कर सके; अऊर तय न अब तक ओको नहीं जान दियो, त मय तोरो पहिलो टुरा ख मारूं।”
24 मिस्र को रस्ता पर एक जागा म परमेश्वर मूसा को जवर आयो कि ओख मार डालनो चाहयो।
25 तब सिप्पोरा न एक धार वालो गोटा ले क अपनो टुरा को खतना करयो अऊर चमड़ी ख काट क, मूसा को पाय पर डाल दियो अऊर कह्यो, “निश्चय तय मोरो लायी खून बहान वालो मोरो पति आय।”
26 येकोलायी परमेश्वर न मूसा ख छोड़ दियो। जब सिप्पोरा न खतना को समय कह्यो होतो, “तय खून बहानो वालो मोरो पति आय।”
27 तब परमेश्वर न हारून सी कह्यो, “मूसा सी मिलन लायी जंगल म जा।” ऊ गयो। अऊर पवित्र पहाड़ी पर मूसा सी मिल्यो अऊर हारून न मूसा ख चुम्बन लियो।
28 तब मूसा न हारून ख ऊ सब बतायो जो परमेश्वर न ओख मिस्र सी लौटतो समय कह्यो होतो; अऊर उन चिन्ह को बारे म भी बतायो जेक परमेश्वर न मूसा ख करन की आज्ञा दी होती।
29 तब मूसा अऊर हारून मिस्र ख गयो अऊर इस्राएलियों को सब बुजूर्गों ख जमा करयो।
30 जो बाते परमेश्वर न मूसा सी कह्यो होतो, ऊ सब हारून न उन्ख सुनायी, अऊर लोगों को आखी को आगु सब चिन्ह भी दिखाये।
31 अऊर उन्न न उन्को विश्वास करयो; अऊर यो सुन क कि परमेश्वर न इस्राएलियों की सुधि ली अऊर उन्को दु:खो पर नजर करी हय, उन्न अपनो मुंड झुकाय क आराधना करयो।