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गोटा की दोय नयी पट्टियां
(व्यवस्थाविवरन १०:१-५)
1 फिर परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “पहिली पट्टियों को जसो गोटा की दोय अऊर पट्टियों खोद ख ले; तब जो वचन उन पहिली पट्टियों पर लिख्यो होतो, जिन्ख तय न तोड़ डाल्यो, हिच वचन मय उन पट्टियों पर भी लिखूं।
2 सुबेरे तैयार रहजो, अऊर सुबेरे ख सीनै पहाड़ी पर चढ़ क ओकी सेंडी पर मोरो आगु खड़ो होनो।
3 तोरो संग कोयी नहीं चढ़ पाये, बल्की पहाड़ी भर कोयी आदमी कहीं दिखायी नहीं दे; अऊर नहीं शेरी मेंढी अऊर गाय बईल भी पहाड़ी को आगु चरन पायेंन।”
4 तब मूसा न पहली पट्टियों को समान दोय अऊर पट्टियों खोदी; अऊर सुबेरे उठ क अपनो हाथ म गोटा की हि दोयी पट्टियों ले क परमेश्वर की आज्ञा को अनुसार सीनै पहाड़ी पर चढ़ गयो।
5 तब परमेश्वर न बादर म उतर क ओको संग उत खड़ो होय क परमेश्वर न अपनो नाम को बल्की यहोवा को नाम को प्रचार करयो।
6 परमेश्वर ओको आगु सी निकल्यो अऊर ओन प्रचार करयो, “परमेश्वर! परमेश्वर! ऊ दयालु अऊर अनुग्रहकारी, विलम्ब-क्रोधी, अऊर धीरजवन्त, सच्चो परमेश्वर हय।
7 हजारों पीढ़ियों पर करुना करन वालो, अधर्म, अपराध अऊर पाप ख माफ करन वालो हय, पर ऊ दोषी ख कोयी तरह निर्दोष नहीं ठहरायेंन; ऊ पूर्वजों को अधर्म की सजा तीसरी अऊर चौथी पीढ़ी तक सन्तान अऊर आवन वाली सन्तान ख देतो रहू हय।”
8 तब मूसा न तुरतच धरती को तरफ झुक क प्रभु ख दण्डवत करयो।
9 अऊर मूसा न कह्यो, “हे स्वामी, यदि मय न तोरी अनुग्रह की नजर हासिल करी हय, त मय बिनती करू हय, स्वामी, यदि हठीलो लोग हय, त भी तय हमरो बीच म होय क चल। हमरो अधर्म ख, हमरो पाप ख माफ कर अऊर हम्ख अपनी निज सम्पत्ति बनाव।”
वाचा को दोहरायो जानो
(निर्गमन २३:१४-१९; व्यवस्थाविवरन ७:१-५; १६:१-१७)
10 ओन कह्यो, “देख, मय एक वाचा बान्धू हय। मय तोरो सब लोगों को आगु मय असो आश्चर्यपूर्ण कर्म करूं, जो पूरी धरती पर, पूरो राष्ट्रों म कभी नहीं करयो गयो। जिन लोगों को बीच म तय हय, हि सब परमेश्वर को कार्य ख देखेंन; ऊ आतंकमय कार्य हय, जेख मय तोरो लायी करूं।
11 जो आज्ञा मय तुम्ख देऊ हय, ओको पालन करजो। देख, मय तोरो आगु सी एमोरी, कनानी, हित्ती, परिज्जी, हिव्वी, अऊर यबूसी जातियों ख निकाल देऊं।
12 येकोलायी सावधान रहजो कि जो देश म तय जान वालो हय ओको निवासियों सी वाचा मत बान्धजो; कहीं असो नहीं होय कि ऊ तोरो लायी फन्दा बन जाये।
13 बल्की उन्की वेदियों ख गिराय देजो, उन्की खम्भा ख तोड़ डालजो, अऊर उन्की अशेरा नाम की मूर्तियों ख तोड़ डालजो;
14 कहालीकि तुम्ख कोयी दूसरो ख ईश्वर कर क् दण्डवत करन की आज्ञा नहाय, कहालीकि परमेश्वर जिन्को नाम जलनशील हय, जर क उठन वालो परमेश्वर आय,
15 असो न होय कि तय ऊ देश को निवासियों सी बातचीत करे। असो नहीं हो कि जब हि अपनो देवतावों को व्यभिचार करेंन, अऊर वेश्या को जसो बर्ताव करेंन, अपनो देवतावों ख बलि चढ़ाये अऊर कोयी तोख नेवता देवय तब तय ओकी बली को मांस खाये।
16 अऊर तय उन्की टुरियों ख अपनो टुरावों लायी लाये, जो मोरो टुरा को प्रति विश्वासघात होयेंन अऊर उन्को मूर्ती पूजक देवतावों की पूजा करन लायी प्रेरित करेंन।
17 “तय देवतावों की मूर्तियां ढाल क मत बनायजो।
18 “अखमीरी रोटी को त्यौहार मनाजो। ओको म मोरी आज्ञा को अनुसार आबीब को महीना को उचित समय पर सात दिन तक अखमीरी रोटी खायो करजो; कहालीकि तय मिस्र देश सी आबीब को महीने म निकल क आयो।”
19 हर एक पहिलौठा मोरो आय; अऊर का बछड़ा, का मेम्ना, तोरो जनावरों म सी जो नर पहिलौठा होना हि सब मोरोच आय।
20 गधी को पहिलौठा को बदला मेम्ना दे क ओख छुड़ायजो, यदि तय ओख छुड़ावनो नहीं चाहवय त ओकी गर्दन तोड़ देजो। पर अपनो सब पहिलौठा टुरावों ख बदला दे क छुड़ायजो। मोख कोयी खाली हाथ अपनो मुंह मत दिखाये।
21 “छय दिन त मेहनत करजो, पर सातवों दिन आराम करजो; बल्की नांगर जोतन अऊर फसल काटतो समय म भी आराम करजो।
22 अऊर हप्ता को त्यौहार मनायजो जो पहिली गहूं की फसल को त्यौहार कहलावय हय, अऊर साल को आखरी म जमा करन को भी त्यौहार मनायजो।
23 साल म तीन बार तोरो सब आदमी इस्राएल को परमेश्वर प्रभु यहोवा ख अपनो मुंह दिखाये।
24 कहालीकि मय दूसरो राष्ट्रों ख तोरो आगु सी निकाल क तोरी सीमावों ख बढ़ाऊं; अऊर जब तय अपनो परमेश्वर यहोवा ख अपनो मुंह दिखावन लायी साल म तीन बार आयो करजो, तब कोयी तोरी जमीन को लालच नहीं करेंन।
25 “मोरो बलिदान को खून ख खमीर सहित मत चढ़ायजो, अऊर नहीं फसह को त्यौहार को बलिदान म सी कुछ सुबेरे तक रहन देजो।
26 अपनी जमीन की पहिली फसल को पहिलो हिस्सा अपनो परमेश्वर यहोवा को भवन म ले आजो। शेरी को बच्चा ख ओकी माय को दूध म मत पकायजो।”
27 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “यो वचन लिख ले; कहालीकि योच वचनों को अनुसार मय न तोरो अऊर इस्राएल को संग वाचा बान्धी हय।”
28 मूसा वहां परमेश्वर को संग चालीस दिन अऊर रात; अऊर तब तक नहीं त ओन रोटी खायी अऊर नहीं पानी पीयो। अऊर ओन उन पट्टियों पर वाचा को वचन मतलब दस आज्ञाये लिख दियो।
मूसा को पहाड़ी सी उतरनो
29 जब मूसा गवाही की दोयी पट्टियां हाथ म लियो हुयो सीनै पहाड़ी सी उतर रह्यो होतो तब परमेश्वर को संग बाते करन को वजह ओको चेहरा चमकत होतो, पर ऊ यो नहीं जानत होतो कि ओको चेहरा चमक रह्यो हंय।
30 जब हारून अऊर सब इस्राएली लोगों न मूसा ख देख्यो कि ओको चेहरा चमक रह्यो होतो, तब हि ओको जवर जान सी डर गयो।
31 तब मूसा न उन्ख बुलायो; अऊर हारून मण्डली को पूरो मुखियावों सहित ओको जवर आयो, अऊर मूसा उन्को सी बाते करन लग्यो।
32 येको बाद सब इस्राएली लोग जवर आयो, अऊर जितनी आज्ञाये परमेश्वर न सीनै पहाड़ी पर ओको संग बात करतो समय दी होती, हि सब ओन उन्ख बतायी।
33 जब तक मूसा उन्को सी बात नहीं कर चुक्यो तब तक अपनो मुंह पर गमछा झाक्यो रह्यो;
34 पर जब जब मूसा अन्दर परमेश्वर सी बात करन ख ओको आगु जात होतो, तब तब ऊ ऊ गमछा ख उतारयो हुयो रहत होतो; फिर बाहेर आय क जो जो आज्ञा ओख मिलत होती ओख इस्राएलियों ख कह्य देत होतो।
35 इस्राएली लोग मूसा को चेहरा देखत होतो कि ओको सी चमक निकलत होती; अऊर जब तक ऊ परमेश्वर सी बात करन ख अन्दर नहीं जात होतो तब तक ऊ ऊ गमछा ख डाल्यो रहत होतो।