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दस आज्ञाये
(व्यवस्थाविवरन ५:१-२१)
1 तब परमेश्वर न यो सब वचन कह्यो :
2 “मय तोरो परमेश्वर यहोवा आय, जो तोख मिस्र देश की, गुलामी सी बाहेर निकाल्यो हय।
3 “तुम मोख छोड़ क कोयी दूसरो ख ईश्वर कर क् नहीं मानजो।
4 “तय अपनो लायी कोयी मूर्ति नहीं बनावो, न कोयी की मूर्ती बनावो, जो आसमान म, यां धरती पर, या धरती को खल्लो पानी म हय।
5 तय उन्को दण्डवत नहीं करजो, अऊर नहीं उन्की उपासना करजो; कहालीकि मय तोरो परमेश्वर यहोवा जलन रखन वालो परमेश्वर आय, अऊर जो मोरो सी दुश्मनी रखय हंय, उन्को टुरा, नाती, अऊर पन्ती ख भी पीढ़ी को अधर्म को दण्ड देऊ हय,
6 अऊर जो मोरो सी प्रेम रखय अऊर मोरी आज्ञावों ख मानय हंय, उन हजार पीढ़ियों पर दया करू हय।
7 “तय अपनो परमेश्वर को नाम व्यर्थ नहीं लेजो; कहालीकि जो परमेश्वर को नाम बिन काम को लेवय ऊ ओख निर्दोष नहीं ठहरायेंन।
8 “तुम आराम दिन ख पवित्र मानन लायी याद रखजो।
9 छय दिन त तुम मेहनत करजो, अपनो सब काम-काज करजो,
10 पर सातवों दिन तोरो परमेश्वर लायी आराम दिन हय। उन्म नहीं त तुम कोयी भी काम-काज करजो, अऊर नहीं तोरो टुरा-टुरी, सेवक-सेविका, जनावर, अऊर कोयी परदेशी जो तोरो फाटकों को अन्दर रहन वालो हो।
11 कहालीकि छय, दिन म परमेश्वर न आसमान, अऊर धरती, अऊर समुन्दर, अऊर जो कुछ उन्म हंय, सब ख बनायो, अऊर सातवों दिन आराम करयो; या वजह परमेश्वर न आराम दिन ख आशीष दियो अऊर पवित्र ठहरायो।
12 “तुम अपनो माय-बाप को आदर करजो, जेकोसी जो देश तोरो परमेश्वर तोख देवय हय ओख म तुम बहुत दिन तक रहनो पाये।
13 “तय खून नहीं करजो।
14 “तुम व्यभिचार नहीं करजो।
15 “तुम चोरी नहीं करजो।
16 “तुम कोयी को खिलाफ झूठी गवाही नहीं देजो।
17 “तुम कोयी को घर को लालच नहीं करजो; नहीं त कोयी की बाई को लालच करजो, अऊर नहीं कोयी को दास-दासी यां बईल-गधा को, नहीं कोयी की कोयी चीज को लालच करजो।”
लोगों को डर
(व्यवस्थाविवरन ५:२२-३३)
18 सब लोग गर्जन अऊर बिजली अऊर तुरही को आवाज सुनय, अऊर धुवा उठतो हुयो पहाड़ी ख देखतो रह्यो, तब डर क कापतो हुयो दूर खड़ो होय गयो;
19 अऊर हि मूसा सी कहन लग्यो, “तयच हम सी बात कर, हम तोरो सी सुनबों; पर परमेश्वर ख हम सी बात मत करन दे, असो नहीं हो कि हम मर जाबोंन।”
20 मूसा न लोगों सी कह्यो, “डरो मत; कहालीकि परमेश्वर येकोलायी आयो हय कि तुम्हरी परीक्षा करे, अऊर ओको डर तुम्हरो मन म बन्यो रहें कि तुम पाप नहीं करो।”
21 पर हि लोग दूरच खड़ो रह्यो पर मूसा घोर अन्धकार को जवर गयो जित परमेश्वर होतो।
वेदी को बारे म नियम
22 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “तुम इस्राएलियों ख यो वचन सुनाव, तुम न खुदच देख्यो हय कि मय न स्वर्ग सी तुम सी बाते करी हंय।
23 तुम मोरो अलावा कोयी ख सामिल मत करजो, मतलब अपनो लायी चांदी अऊर सोना सी देवतावों की मूर्तियां ख मत बनाजो।
24 मोरो लायी माटी की एक वेदी बनाजो, अऊर अपनी मेंढी-शेरी अऊर गाय-बईलों को होमबलि अऊर मेलबलि ख ओको पर चढ़ाजो; जहां जहां मय अपनो नाम को याद कराऊं वहां वहां मय आय क तुम्ख आशीष देऊं।
25 अऊर यदि तुम मोरो लायी गोटा सी वेदी बनाजो, गोटा म अवजार सी छेदायी कर क् नहीं बनावो; कहालीकि तुम न ओख पर हथियार लगानो सी अशुद्ध होय जायेंन।
26 अऊर मोरी वेदी पर सीढ़ी लगाय क मत चढ़जो, कुछ असो नहीं हो कि तोरो शरीर को नंगोपन ओको पर दिख पड़ेंन।”