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सोर नगर को खिलाफ भविष्यवानी
ग्यारावों साल को पहिले महिना को पहिलो दिन ख परमेश्वर को यो वचन मोरो जवर पहुंच्यो : “हे आदमी की सन्तान, सोर नगर न यरूशलेम को बारे म कह्यो, ‘अहा, जनता को सिरन की फाटक टूट गयी! जो देश देश को लोगों को फाटक को जसी होती, ऊ नाश भय गयो हय! ओको उजड़ जान सी मय उन्नति पाऊं।’ ”
यो वजह परमेश्वर यहोवा कह्य हय : हे सोर नगर देख, मय तोरो खिलाफ हय; अऊर असो करूं कि बहुत सी राज्य तोरो खिलाफ असी उठेंन जसी समुन्दर की लहर उठय हय। हि सोर नगर की दीवाल गिरायेंन, अऊर ओको गुम्मटों ख तोड़ डालेंन; अऊर मय उन पर सी उन्की माटी खुरच क ओख नंगी चट्टान कर देऊं। ऊ समुन्दर को बीच को मछवारों को जार सुखावन की जागा बन जायेंन; कहालीकि परमेश्वर यहोवा की या वानी हय, अऊर ऊ राज्य राज्य को लोगों सी लूटी जायेंन; अऊर मुख्य जमीन म बस्ती म रहन वालो ख तलवार सी मार दियो जायेंन। तब हि जान लेयेंन कि मय परमेश्वर आय।
“कहालीकि परमेश्वर यहोवा यो कह्य हय : देख, मय सोर नगर को खिलाफ राजाधिराज बेबीलोन को राजा नबूकदनेस्सर ख घोड़ा, रथों, सवारों, बड़ी भीड़, अऊर दल समेत उत्तर दिशा सी ले आऊं। ऊ तोरी मुख्य जमीन म तुम्हरी बस्ती ख तलवार सी मारेंन, अऊर तोरो खिलाफ घेराबन्दी करेंन अऊर तोरी दीवारों सी ढलान बनायेंन; अऊर ढाल उठायेंन।”
ऊ तोरी शहर की दीवाल को खिलाफ युद्ध को यंत्र चलायेंन अऊर तोरो गुम्मटों ख हथियार सी गिराय देयेंन।
10 उन्को घोड़ा इतनो होयेंन, कि तय उन्की धूल सी झक जाजो, अऊर जब ऊ तोरो फाटकों म असो घुसेंन जसो लोग नाका वालो नगर म घुसय हय, तब तोरी शहर की दीवाल सवारों, छकड़ों, अऊर रथों की आवाज सी काप उठेंन।
11 ऊ अपनी घोड़ा की टापों सी तोरी सब सड़कों ख रौंद डालेंन, अऊर तोरो निवासियों ख तलवार सी मार डालेंन, अऊर तोरो मजबूत खम्बा ख जमीन पर गिराय देयेंन। 12 लोग तोरो धन लूटेंन अऊर तोरो व्यापार की चिजे छीन लेयेंन; हि तोरी शहर की दीवाल गिराय देयेंन अऊर तोरो सुन्दर घरों ख तोड़ डालेंन; तोरो गोटा अऊर लकड़ी, अऊर तोरी घर की माटी सब समुन्दर म फेक देयेंन। 13 मय तोरो सब गाना को सुरताल बन्द कर देऊं, अऊर तोरी वीनावों की आवाज फिर कभी सुनायी नहीं देयेंन। 14 मय तोख नंगी चट्टान बनाय देऊं, तय जार सुखावन कीच जागा बन जाजो, अऊर फिर सी बसायो नहीं जाजो; कहालीकि मय परमेश्वर नच यो कह्य हय, परमेश्वर यहोवा की या वानी हय।
15 “परमेश्वर यहोवा सोर नगर सी यो कह्य हय : तोरो गिरन को आवाज सी जब घायल लोग कराहेंन अऊर तुम्हरो बीच हत्यायें होयेंन, तब का तुम्हरी जमीन काप नहीं उठेंन?”
16 तब समुन्दर किनार को देश को सब मुखिया अपनो अपनो सिंहासन पर सी उतरेंन, अऊर अपनो राजकीय कपड़ा अऊर बुन्यो हुयो कपड़ा उतार क आतंकित कपड़ा पहिनेंन हर क्षन कापतो हुयो, तुम सी डर क जमीन पर बैठ जायेंन। 17 हि तोरो बारे म विलाप को गाना बनाय क मोरो सी कहेंन,
हे प्रसिद्ध नगर, तय कसो नाश भय गयो, समुन्दर किनार पर तुम म लोग बस्यो होतो,
तुम समुन्दर पर एक शक्ति होतो,
तुम अऊर तुम्हरो निवासी;
तुम न उन सब पर आतंक फैलायो जो वहां रहत होतो?
18 तोरो गिरन को दिन टापू काप उठेंन,
अऊर तोरो विनाश को वजह समुन्दर को
सब टापू घबराय जायेंन।
19 “कहालीकि परमेश्वर यहोवा यो कह्य हय : जब मय तोख उजड़्यो हुयो नगरों को समान उजाड़ करूं अऊर तोरो ऊपर महासागर चढ़ाऊं, अऊर तय गहरो पानी म डूब जाजो, 20 तब गड्डा म अऊर गिरन वालों को संग मय तोख भी प्राचीन युग को लोगों म उतार देऊं; अऊर गड्डा म अऊर गिरन वालों को संग तोख भी खल्लो अधोलोक म रख क प्राचीन काल को उजड़्यो हुयो जागा को समान कर देऊं; यहां तक कि तय फिर सी नहीं बसजो अऊर नहीं जीन्दो को देश म तुम्हरी कोयी जागा नहीं रहेंन। 21 मय तोख घबरावन को वजह बनाऊं, अऊर तय भविष्य म फिर नहीं रहजो, बल्की ढूंढन पर भी तोरो पता नहीं लगेंन, परमेश्वर यहोवा की या वानी हय।”
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