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विलाप को एक गीत
इस्राएल को मुखियावों को बारे म तय यो विलापगीत सुनाव :
तोरी माय एक कसी सिंहनी होती!
वा सिंहों को बीच म बैठत होती अऊर अपनो बच्चां ख जवान सिंहों को बीच म पालन पोसन करत होती।
अपनो बच्चा म सी ओन एक ख पाल्यो अऊर ऊ सिंह जवान भय गयो, अऊर ऊ शिकार करनो सीख गयो;
ओन आदमियों ख भी फाड़ खायो।
राज्य राज्य को लोगों न ओको बारे म सुन्यो,
अऊर ओख अपनो खोद्यो हुयो गड्डा म फसायो,
अऊर ओको नाक म हुक डाल क मिस्र देश म ले गयो।
जब ओकी माय सिंहनी न देख्यो कि ओकी आशा पूरी नहीं भयी,
ओकी आशा टूट गयी,
तब ओन अपनो एक बच्चा ख पाल्यो अऊर ओख जवान सिंह बनायो।
तब ऊ सिंह जवान होय क सिंहों को बीच चलन फिरन लग्यो,
अऊर ऊ भी शिकार करनो सीख गयो;
अऊर आदमियों ख भी फाड़ खायो।
ओन उन्को भवनों ख नाश कर दियो,
अऊर उन्को नगरों ख उजाड़ दियो,
पूरो देश अऊर ओको म रहन वालो सब लोग ओकी दहाड़ सी डर गयो।
तब चारयी तरफ को राज्य राज्य को लोग
अपनो अपनो प्रान्त सी ओको खिलाफ भय गयो,
अऊर ओको लायी जार बिछायो;
अऊर ऊ उन्को खोद्यो हुयो गड्डा म फस गयो
तब उन्न ओको नाक म हुक
डाल क कठघरा म बन्द कर क्
बेबीलोन को राजा को जवर ले गयो,
अऊर किल्ला म पिंजरा को अन्दर बन्द कर दियो,
ताकी ओकी दहाड़ इस्राएल को पहाड़ी देश म फिर कभी सुनायी नहीं दे।
10 तोरी माय जेकोसी तय पैदा भयो,
वा किनार पर लगायो गयो अंगूर की बाड़ी म अंगूर एक बेला को समान होती,
अऊर गहरो पानी को वजह फर
अऊर डगालियों सी लदी होती।
11 ओकी डगालियां मजबूत होती,
अऊर एक शासन करन वालो राजा को राजदण्ड बनन लायक होती;
अऊर ओकी ऊंचायी इतनी भयी कि वा बादलो तक पहुंच गयी;
अऊर अपनी बहुत सी डगालियों समेत बहुतच लम्बी भय गयी।
12 तब भी ओख क्रोध म भर क उखाड़ क
जमीन पर फेक दियो गयो,
अऊर ओको फर पूर्व की हवा लगन सी सूख गयो;
अऊर ओकी मोटी डगालियां टूट क सूख गयी;
अऊर ओख आगी म जलाय क नाश कर दियो गयो।
13 अब ओख निर्जन प्रदेश म एक
सूखी अऊर प्यासी जमीन म लगायो गयो हय।
14 ओकी मुख्य डगाली म सी आगी निकली,
जेकोसी ओको फर जर क भस्म भय गयो,
ओको म अऊर कोयी मजबूत डगाली नहीं बची जो शासन करन वालो को राजदण्ड को लायी लायक हो,
यो एक विलापगीत आय,
अऊर यो एक विलापगीत को रूप म प्रचलित हय।