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अंगूर की बेला को उदाहरन
फिर परमेश्वर को यो वचन मोरो जवर पहुंच्यो, “हे आदमी की सन्तान,” सब झाड़ो म अंगूर की बेला कि का श्रेष्ठता हय? अंगूर की बेला जो जंगल को झाड़ो को तुलना म अंगूर की एक डगाली को का महत्व हय? का कोयी चिज बनावन लायी ओको म सी लकड़ी लियो जावय हय, यां कोयी बर्तन टंगावन लायी वा लकड़ी म सी खूटी बन सकय हय? वा त केवल आगी म जलावन लायी काम म आवय हय; आगी ओको दोयी कोना ख जलाय देवय हय, बीच को हिस्सा आगी सी कारो पड़ जावय हय, पर लकड़ी पूरी तरह नहीं जलय, का वा लकड़ी कोयी काम म आय सकय हय? देख, जब वा बनी होती, तब भी वा कोयी काम की नहीं होती, फिर जब वा आगी म जल क भस्म भय गयी हय, तब का वा कोयी काम म आय सकय हय?
येकोलायी प्रभु परमेश्वर यो कह्य हय, जसो जंगल को झाड़ो म सी मय अंगूर की बेला ख निकाल क जलाय दियो जावय हय, वसोच मय यरूशलेम नगर को निवासियों को नाश कर देऊं। मय उन्को खिलाफ होऊं, अऊर हि एक आगी म सी निकाल क दूसरी आगी म भस्म होय जायेंन; जब मय उन सी मुंह फिराय लेऊं, तब तुम जान लेवो कि मय परमेश्वर आय। मय उन्को देश उजाड़ देऊं, कहालीकि उन्न मोरो सी विश्वासघात करयो हय, प्रभु परमेश्वर की या वाणी हय।