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दानिय्येल द्वारा अपनो दर्शनों को वर्नन
(७:१; १२:१३)
चार जनावर
बेबीलोन को राजा बेलशस्सर को पहिलो साल म, दानिय्येल न बिस्तर पर सपनो अऊर दर्शन देख्यो। तब ओन ऊ सपनो लिख्यो, अऊर बातों को अर्थ भी बयान करयो। दानिय्येल न यो कह्यो, “मय न रात ख यो सपनो देख्यो कि महासागर पर चारों दिशावों सी आंधी तुफान चलन लगी। तब समुन्दर म सी चार बड़ो बड़ो जनावर निकल आयो, जो एक दूसरो सी अलग होतो। पहिलो जनावर सिंह को जसो होतो अऊर ओको पंख गिधाड़ को जसो होतो। मोरो देखतो देखतो ओको पंखों को पर नोच्यो गयो अऊर ऊ जमीन पर सी उठाय क, आदमी को जसो पाय को बल खड़ो करयो गयो; अऊर ओख आदमी को दिल दियो गयो। तब मय न एक अऊर जन्तु देख्यो जो आस्वल को जसो होतो, अऊर पीछू को दोय पाय को बल पर खड़ो होतो, अऊर ओको मुंह म दातों को बीच तीन पसलियां होती; अऊर लोग ओको सी कह्य रह्यो होतो, ‘उठ क बहुत मांस खा।’ येको बाद मय न नजर सी देख्यो, कि चिता को जसो अऊर एक जनावर हय जेकी पीठ पर पक्षी को जसो चार पंख हय; अऊर ऊ जनावर की चार मुंड होती; अऊर ओख अधिकार दियो गयो। तक येको बाद मय न सपनो म नजर सी देख्यो, कि एक चौथो जनावर हय जो भयंकर अऊर डरावनो अऊर बहुत सक्तिशाली हय; अऊर ओको बड़ो बड़ो लोहा को दांत हय; ऊ सब कुछ खाय डालय हय अऊर चूर चूर करय हय, अऊर जो बच जावय हय, ओख पाय सी खुंद डालय हय। ऊ सब पहिलो जनावरों सी अलग हय। मय उन सींगो ख ध्यान सी देखत होतो, त का देख्यो कि उन्को बीच एक अऊर छोटो सो सींग निकल्यो, जेको सी पहिले को तीन सींग उखड़ गयो; तब मय न देख्यो कि यो सींग म आदमी को जसी आंखी, अऊर बड़ी बड़ी बाते मुंह भी हय।”
सदा काल तक रहन वालो को दर्शन
“मय न देखतो देखतो आखरी म यो देख्यो, कि सिंहासन रख्यो गयो, अऊर कोयी अति पूर्वज विराजमान भयो; ओको कपड़ा बरफ जसो सफेद, अऊर मुंड को बाल ऊन को जसो होतो; ओको सिंहासन अग्निमय अऊर ओको पहिया धधकती हुयी आगी को जसो दिखायी देत होतो। 10 ऊ प्राचीन को आगु सी आगी की धारा निकल क बह्य रही होती; तब हजारों हजार लोग ओकी सेवा टहल कर रह्यो होतो, अऊर लाखो लाख लोग ओको आगु हाजिर होतो; तब न्यायी बैठ गयो, अऊर किताबे खोली गयी।” 11 ऊ समय ऊ सींग को बड़ो बोल सुन क मय देखत रह्यो, अऊर देखतो देखतो आखरी म देख्यो कि ऊ जनावर ख मार डाल्यो गयो, अऊर ओको शरीर धधकती हुयी आगी सी भस्म करयो गयो। 12 बच्यो हुयो जनावरों को अधिकार ले लियो गयो, पर उन्को जीव कुछ समय लायी बचायो गयो। 13 मय न रात म दर्शन म यो देख्यो, कि आदमी की सन्तान को जसो कोयी आसमान को बादर सहीत आय रह्यो होतो, अऊर ऊ अति पूर्वज आदमी को जवर पहुंच्यो, अऊर ओख हि ओको जवर लायो। 14 तब ओख असो शासन, महिमा अऊर राज्य दियो गयो, कि देश देश राज्य राज्य को लोग अऊर अलग अलग भाषा बोलन वालो सब ओको अधिकार म हो; ओको शासन हमेशा तक अटल, अऊर ओको राज्य अविनाशी ठह्यरयो।
दर्शन को अर्थ
15 मय दानिय्येल को मन चिन्तित भय गयो, अऊर जो कयी मय न देख्यो होतो ओको वजह मय घबराय गयो। 16 तब जो लोग जवर खड़ो होतो, उन म सी एक को जवर जाय क मय न उन पूरी बातों को भेद पूच्छ्यो, ओन यो कह्य क मोख उन बातो को अर्थ बतायो, 17 उन चार बड़ो बड़ो जन्तुवों को अर्थ चार राजा हंय, जो धरती पर उदय होयेंन। 18 पर परमेश्वर को पवित्र लोग राज्य ख पायेंन, अऊर युगानयुग ओको अधिकारी बन्यो रहेंन। 19 “तब मोरो मन म या इच्छा भयी कि ऊ चौथो जनावर को भेद भी जान लेऊं जो दूसरो तीनों सी अलग अऊर बहुत भयंकर होतो अऊर जेको दांत लोहा को अऊर नख पीतल को होतो; ऊ सब कयी खाय डालत होतो, अऊर चूर चूर करत होतो अऊर बच्यो हुयो ख पाय सी रौंद डालत होतो।” 20 तब ओकी मुंड म को दस सींगो को भेद, अऊर जो नयो सींग को निकलनो सी तीन सींग गिर गयो, मतलब जो सींग की आंखी अऊर बड़ो बोल बोलन वालो मुंह अऊर सब दूसरो सींगो सी ज्यादा भयंकर होतो, ओको भी भेद जानन की मोख इच्छा भयी। 21 तब मय न देख्यो होतो कि ऊ सींग पवित्र लोगों को संग लड़ायी कर रह्यो होतो, तब तक हरातो रह्यो, 22 जब तक ऊ अति पूर्वज नहीं आयो, अऊर परमप्रधान को पवित्र लोग न्यायी नहीं ठह्यरयो, अऊर उन पवित्र लोगों को राज्यधिकारी होन को समय नहीं आय पहुंच्यो। 23 “ओन कह्यो, ‘ऊ चौथो जन्तु को अर्थ, एक चौथो राज्य हय, जो धरती पर होय क अऊर सब राज्यों सी अलग होयेंन, अऊर पूरी धरती को नाश करेंन, अऊर रौंद क चूर चूर करेंन। 24 उन दस सींगों को अर्थ यो हय, कि ऊ राज्य म सी दस राजा उठेंन, अऊर उन्को बाद उन पहिलों सी अलग एक अऊर राजा उठेंन, जो तीन राजावों ख गिराय देयेंन, 25 अऊर ऊ परमप्रधान को खिलाफ बाते कहेंन, अऊर परमप्रधान को पवित्र लोगों ख पीस डालेंन, अऊर समयों अऊर व्यवस्था को बदल देन की आशा करेंन, अऊर साढ़े तीन साल तक हि सब ओको बस म कर दियो जायेंन। 26 पर, स्वर्ग को परमेश्वर न्याय लायी बैठेंन, अऊर ओकी प्रभुता छीन क मिटायी अऊर नाश करी जायेंन; यहां तक कि ओको अन्त होय जायेंन। 27 तब राज्य अऊर प्रभुता अऊर धरती पर को राज्य की महिमा, परमप्रधान परमेश्वरच की प्रजा मतलब ओको पवित्र लोगों ख दी जायेंन, ओको राज्य हमेशा को राज्य हय, अऊर सब प्रभुता करन वालो ओको अधिन होयेंन अऊर ओकी आज्ञा मानेंन।’ ” 28 “यो बात को वर्णन मय अब कर चुक्यो, पर मय दानिय्येल को मन म बड़ी घबराहट बनी रही, अऊर मय बहुत डर गयो; अऊर या बात ख मय अपनो मन म रख्यो रह्यो।”
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