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नबूकदनेस्सर को दूसरो सपनो
1 नबूकदनेस्सर राजा को तरफ सी देश-देश अऊर राज्य-राज्य को लोगों, अऊर अलग-अलग भाषा बोलन वालो जितनो पूरी धरती पर रह्य हय, उन सभी ख यो वचन मिल्यो : “तुम्ख बहुत शान्ति मिले!”
2 मोख यो अच्छो लग्यो, कि परमप्रधान परमेश्वर न मोख जो जो चिन्ह अऊर चमत्कार दिखायो हय, उन्ख प्रगट करूं।
3 ओको दिखायो हुयो चिन्ह का च बड़ो, अऊर ओको चमत्कारों म का च बड़ी शक्ति प्रगट होवय हय! ओको राज्य त हमेशा को अऊर ओको शासन पीढ़ी सी पीढ़ी तक बनी रह्य हय।
4 “मय, नबूकदनेस्सर, अपनो भवन म चैन सी अऊर सुखी जीवन जी रह्यो होतो।”
5 मय न असो सपनो देख्यो जेको वजह मय डर गयो; अऊर पलंग पर पड़्यो पड़्यो जो बिचार मोरो मन म आयो अऊर जो बातें मय न देखी, उन्को वजह मय घबराय गयो होतो।
6 तब मय आज्ञा दी कि बेबीलोन को सब पंडित मोरो सपनो को अर्थ मोख बतावन लायी मोरो आगु हाजिर करयो जाये।
7 जब ज्योतिषी, तांत्रीक, कसदी अऊर होनहार बतान वालो अन्दर आयो, अऊर मय न उन्ख अपनो सपनो नहीं बतायो, पर हि ओको अर्थ नहीं बताय सक्यो।
8 आखरी म दानिय्येल मोरो जवर आयो, जेको नाम मोरो देवता को नाम को वजह बेलतशस्सर रख्यो गयो होतो, अऊर जेको म पवित्र ईश्वरों की आत्मा रह्य हय; अऊर मय न ओख अपनो सपनो यो कह्य क बताय दियो :
9 हे बेलतशस्सर, तय त सब ज्योतिषियों को प्रधान हय, मय जानु हय कि तोरो म पवित्र ईश्वरों की आत्मा रह्य हय, अऊर कोयी भेद को वजह नहीं घबरावय; येकोलायी जो सपनो मय न देख्यो हय ओख अर्थ सहीत मोख बताय क समझाय दे।
10 जब मय बिस्तर पर होतो, तब मय न यो दर्शन देख्यो : मय न देख्यो, कि धरती को बीचोबीच एक झाड़ लग्यो हय; ओकी ऊंचायी बहुत बड़ी हय।
11 ऊ झाड़ बड़ो होय क मजबूत भय गयो, अऊर ओकी ऊंचायी आसमान तक पहुंची, अऊर ऊ पूरी धरती को कोना तक दिखायी पड़त होतो।
12 ओको पत्ता सुन्दर, अऊर ओको म बहुत फर होतो, यहां तक कि ओको म पूरो लायी भोजन होतो, ओको खल्लो मैदान को सब जनावरों ख छाव मिलत होती, अऊर ओकी डगालियों म आसमान की सब चिड़ियां बसेरा करत होती, अऊर सब जनावर ख भोजन मिलत होतो।
13 “मय न बिस्तर पर दर्शन पातो समय का देख्यो, कि एक पवित्र स्वर्गदूत स्वर्ग सी उतर आयो।”
14 ओन ऊंचो आवाज सी पुकार क यो कह्यो, “झाड़ ख काट डालो, ओकी डगालियों ख छांट देवो, ओको पत्ता झड़ाय देवो अऊर ओको फर बिखराय डालो; अऊर जनावर ओको खल्लो सी हट जाये, अऊर चिड़ियां ओकी डगालियों पर सी उड़ जाये।
15 तब ओको खोड़ ख जड़ी समेत जमीन म छोड़ो, अऊर ओख लोहा अऊर पीतल को बन्धन सी बांध क मैदान की हरी घास को बीच रहन देवो। ऊ आसमान की ओस सी गिलो हो जाये अऊर जमीन की घास खानो म मैदान को जनावरों को संग सहभागी हो।”
16 ओको मन बदले अऊर आदमी को न रहे, पर जनावर को जसो बन जाये; अऊर ओको पर सात साल बीतें।
17 या आज्ञा पहरेदार को निर्नय सी, अऊर या बात पवित्र दूतों को वचन सी निकली, कि जो जीन्दो हय हि जान ले कि परमप्रधान परमेश्वर आदमियों को राज्य म शासन करय हय, अऊर ओख जेख चाहे ओख दे देवय हय, अऊर ऊ छोटो सी छोटो आदमी ख भी ओको पर अधिकारी ठह्यराय देवय हय।
18 नबूकदनेस्सर राजा न सपनो देख्यो। येकोलायी हे बेलतशस्सर, तय येको अर्थ बता, कहालीकि मोरो राज्य म अऊर कोयी पंडित येको अर्थ मोख समझाय नहीं सकय, पर तोरो म पवित्र ईश्वरों की आत्मा रह्य हय, यो वजह तय ओख समझाय सकय हय।
दानिय्येल द्वारा सपनो को अर्थ बतायो जानो
19 तब दानिय्येल जेको नाम बेलतशस्सर भी होतो, घड़ी भर घबरातो रह्यो, अऊर सोचतो सोचतो व्याकुल भय गयो। तब राजा कहन लग्यो, “हे बेलतशस्सर, यो सपनो सी, या येको अर्थ सी तय व्याकुल मत हो।” बेलतशस्सर न कह्यो, “हे मोरो प्रभु, यो सपनो तोरो नफरत करन वालों पर, अऊर येको अर्थ तोरो द्रोहियों पर पड़े!
20 जो झाड़ क तय न देख्यो, जो बड़ो होय क मजबूत भय गयो, अऊर जो झाड़ को कोना आसमान ख छुवन लग्यो होतो अऊर जेख पूरी धरती सी देख्यो जाय सकत होतो;
21 जेको पत्ता सुन्दर अऊर फर बहुत होतो, अऊर जेको म सभी लायी जेवन होतो; जेको खल्लो मैदान को सब जनावर रहत होतो, अऊर जेकी डालियों म आसमान की चिड़ियां बसेरा करत होती,
22 हे राजा, ऊ तयच आय। तय महान अऊर सामर्थी भय गयो, तोरी महीमा बढ़ी हय अऊर आसमान ख छुवन लगी हय, अऊर तोरी प्रभुता धरती को कोना तक फैली हय।
23 हे राजा, तय न जो एक पवित्र स्वर्गदूत ख स्वर्ग सी उतरतो अऊर यो कह्यतो देख्यो कि झाड़ ख काट डालो अऊर ओको नाश करो, तब ओको खोड़ ख जड़ी समेत जमीन म छोड़ो, अऊर येख लोहा अऊर पीतल को बन्धन सी बांध क मैदान की हरी घास को बीच म रहन देवो; ऊ आसमान की ओस सी गिल्लो होयेंन, अऊर ओख मैदान को जनावरों को संगच भाग मिले; अऊर जब तक सात साल ओको पर बीत न जायेंन; तब तक ओकी असीच दशा रहेंन।
24 हे राजा, येको अर्थ जो परमप्रधान न ठान लियो हय कि राजा पर घटे, ऊ यो आय,
25 कि तय आदमियों को बीच सी निकल्यो जाजों, अऊर मैदान को जनावरों को संग रह्यजों; तय बईल को जसो घास चरजो अऊर आसमान की ओस सी गिल्लो होजो; अऊर सात साल तोरो पर बीतेंन, जब तक कि तय न जान ले कि आदमियों को राज्य म परमप्रधानच प्रभुता करय हय, अऊर जेख चाहे ओख दे देवय हय।
26 ऊ झाड़ को खोड़ ख जड़ी समेत छोड़न की आज्ञा जो भयी हय, येको अर्थ यो हय कि तोरो राज्य तोरो लायी बन्यो रहेंन; अऊर जब तय जान लेजो कि जगत को प्रभु स्वर्गच म हय, तब तय फिर सी राज्य करनो पाजों।
27 यो वजह, हे राजा, मोरी या सलाह स्वीकार कर, कि यदि तय पाप छोड़ क धर्म करन लगजो, अऊर अधर्म छोड़ क गरीब पर दया करन लगजो, त सम्भव हय कि असो करनो सी तोरो चैन बन्यो रहेंन।”
28 यो सब कुछ नबूकदनेस्सर राजा पर बीत गयी।
29 बारा महीना को बीतन पर जब ऊ बेबीलोन को राजभवन की छत पर टहल रह्यो होतो, तब ऊ कहन लग्यो,
30 “का यो बड़ो बेबीलोन नोहोय, जेख मय नच अपनी ताकत अऊर सामर्थ सी राजनिवास होन ख अऊर अपनो प्रताप की बड़ायी लायी बसायो हय?”
31 यो वचन राजा को मुंह सी निकल्यो भी नहीं होतो कि आकाशवानी भयी, “हे राजा नबूकदनेस्सर, तोरो बारे म या आज्ञा निकलय हय : राज्य तोरो हाथ सी निकल गयो,
32 अऊर तय आदमियों को बीच सी निकाल्यो जाजों, अऊर मैदान को जनावरों को संग रह्यजो; अऊर बईल को जसो घास चरजो; अऊर सात साल तोरो पर बीतेंन, जब तक कि तय न जान ले कि परमप्रधान, आदमियों को राज्य म प्रभुता करय हय अऊर जेख चाहे ऊ ओख दे देवय हय।”
33 उच घड़ी यो वचन नबूकदनेस्सर को बारे म पूरो भयो। ऊ आदमियों म सी निकाल्यो गयो, अऊर बईल को जसो घास चरन लग्यो, अऊर ओको शरीर आसमान की ओस म गिलो होत होतो, यहां तक कि ओको बाल गिधाड़ को पंखा जसो अऊर ओको नख पक्षी को पंजा को जसो बढ़ गयो।
नबूकदनेस्सर द्वारा परमेश्वर को स्तुतिगान
34 सात साल को बीतन पर, नबूकदनेस्सर न अपनी आंखी स्वर्ग को तरफ उठायो, अऊर मोरी बुद्धि फिर जसी की वसी भय गयी; तब मय न परमप्रधान ख धन्य कह्यो, अऊर जो हमेशा जीन्दो हय ओकी स्तुति अऊर महिमा यो कह्य क करन लग्यो : ओकी प्रभुता सदा की हय, अऊर ओको राज्य पीढ़ी सी पीढ़ी तक बन्यो रहन वालो हय।
35 धरती को सब रहन वालो ओको आगु बेकार गिन्यो जावय हय, अऊर वा स्वर्ग की सेना अऊर धरती को रहन वालो को बीच अपनी इच्छा को अनुसार काम करय हय; अऊर कोयी ओख रोख क ओको सी नहीं कह्य सकय हय, “तय न यो का करयो हय?”
36 उच समय, मोरी बुद्धि फिर जसी की वसी भय गयी; अऊर मोरो राज्य की महीमा लायी मोरो प्रताप अऊर मुकुट मोरो पर फिर आय गयो। मोरो मन्त्री अऊर प्रधान लोग मोरो सी भेंट करन लायी आवन लग्यो, अऊर मय अपनो राज्य म स्थिर भय गयो; अऊर मोरी अऊर प्रशंसा होन लगी।
37 अब मय नबूकदनेस्सर स्वर्ग को राजा ख सराहतो हय; अऊर ओकी स्तुति महिमा करू हय, कहालीकि ओको सब काम सच्चो, अऊर ओको सब व्यवहार न्याय को हय; अऊर जो लोग घमण्ड सी चलय हय, उन्ख ऊ खल्लो कर सकय हय।