कुरिन्थियों के नाम पौलुस प्रेरित की पहली पत्री
कुरिन्थियों को नाम पौलुस प्रेरित की पहिली चिट्ठी
परिचय
पौलुस न पहिली कुरिन्थुस या चिट्ठी यीशु को जनम को ५५ साल बाद लिख्यो। १:१ पौलुस न कुरिन्थियों को जो दोय चिट्ठी लिखी उन्म सी या पहिली चिट्ठी आय। पौलुस की इच्छा होती की ऊ मकिदुनिया जातो समय अऊर वापस आवतो समय कुरिन्थियों सी मुलाखात करबो यो मकिदुनिया की यात्रा को पहिले ओन या चिट्ठी लिखी तब ओको डेरा इफिसियों म होतो १६:५-९।
पौलुस ख कुरिन्थियों की मण्डली म जो अलग अलग समस्याये चल रही होती, उन्ख अहवाल मिल्यो, फूट अऊर अनैतिकता जसी अलग अलग सम्बन्ध कार्य चल रह्यो होतो ओको अहवाल मिल्यो होतो ऊ अहवाल को उत्तर देन को लायी पौलुस न या चिट्ठी लिखी। कुरिन्थुस शहर म लैगिंग अनैतिकता को पापों को बारे म प्रसिद्ध होतो। येकोलायी यो स्वाभाविक होतो कि असी समस्याये मण्डली म भी सिरयो। या चिट्ठी म प्रेम को बारे म सुप्रसिद्ध अध्याय हय, ओको भी समावेश हय, १३
रूप-रेखा
१. पौलुस को कुरिन्थिवासियों ख नमस्कार अऊर ओको लायी परमेश्वर को उपकार मानय। १:१-९
२. जो अहवाल पौलुस न कुरिन्थियों की मण्डली म होन वालो दलबन्दी सुननो अऊर ओको उत्तर देनो। १:१०–४:२१
३. अनैतिकता को समस्या अऊर एक दूसरों ख न्यायालय म खिचनो पारिवारिक जीवन। ५–६
४. बिहाव की अड़चन, मूर्तियों को चढ़ावा, सामूहिक आराधना, आत्मा को दान अऊर पुनरुत्थान। ७–१५
५. व्यावहारिक अऊर व्यक्तिक मुद्दा को बारे म पौलुस को सलाह। १६
1
अभिवादन
1 पौलुस को तरफ सी जो परमेश्वर की इच्छा सी यीशु मसीह को प्रेरित होन लायी बुलायो गयो अऊर भाऊ सोस्थिनेस को तरफ सी।
2 परमेश्वर की ऊ मण्डली को नाम जो कुरिन्थुस म हय, यानेकि उन्को नाम जो मसीह यीशु म पवित्र करयो गयो, अऊर पवित्र होन लायी बुलायो गयो हंय; अऊर उन सब को नाम भी जो सब जागा हमरो अऊर उन्को प्रभु यीशु मसीह को नाम सी प्रार्थना करय हंय।
3 हमरो पिता परमेश्वर अऊर प्रभु यीशु मसीह को तरफ सी तुम्ख अनुग्रह अऊर शान्ति मिलती रहे।
पौलुस को परमेश्वर ख धन्यवाद
4 मय तुम्हरो बारे म अपनो परमेश्वर को धन्यवाद हमेशा करू हय, येकोलायी कि परमेश्वर को यो अनुग्रह तुम पर मसीह यीशु म भयो।
5 यीशु मसीह म एक होन को वजह तुम हर बात म, मतलब पूरो वचन अऊर पूरो ज्ञान म धनी करयो गयो
6 की मसीह की गवाही तुम म पक्की निकली
7 येकोलायी कि कोयी वरदान म तुम्ख कमी नहाय, जसो कि तुम हमरो प्रभु यीशु मसीह को प्रगट होन की रस्ता देखतो रह्य हय।
8 ऊ तुम्ख आखरी तक मजबूत भी करेंन कि तुम हमरो प्रभु यीशु मसीह को फिर सी वापस आवन को दिन म निर्दोष ठहरो।
9 परमेश्वर विश्वास लायक हय, जेन तुम ख अपनो बेटा हमरो प्रभु यीशु मसीह की संगति म बुलायो हय।
विश्वासियों को मण्डली म फूट
10 हे भाऊवों अऊर बहिनों, मय तुम सी हमरो प्रभु यीशु मसीह को नाम सी बिनती करू हय कि तुम सब एकच बात कहो, अऊर तुम म फूट नहीं होय, पर एकच मन अऊर एकच मत होय क मिल्यो रहो।
11 हे मोरो भाऊवों अऊर बहिनों, खलोए को घराना को लोगों न मोख तुम्हरो बारे म बतायो हय कि तुम म झगड़ा होय रह्यो हंय।
12 मोरो कहन को मतलब यो आय कि तुम म सी कोयी त अपनो आप ख “पौलुस को,” कोयी “अपुल्लोस को,” कोयी “कैफा को,” त कोयी “मसीह को” अनुयायी कह्य हय।
13 का मसीह बट गयो? का पौलुस तुम्हरो लायी क्रूस पर चढ़ायो गयो? यां तुम्ख पौलुस को नाम पर बपतिस्मा मिल्यो?
14 मय परमेश्वर को धन्यवाद करू हय कि क्रिसपुस अऊर गयुस ख छोड़ क मय न तुम म सी कोयी ख भी बपतिस्मा नहीं दियो।
15 येकोलायी कोयी असो नहीं होय कि कोयी कहेंन कि तुम्ख मोरो नाम पर बपतिस्मा मिल्यो।
16 अऊर हां, मय न स्तिफनास को घराना ख भी बपतिस्मा दियो; इन्क छोड़ मय नहीं जानु कि मय न अऊर कोयी ख बपतिस्मा दियो।
17 कहालीकि मसीह न मोख बपतिस्मा देन ख नहीं, बल्की सुसमाचार सुनावन ख भेज्यो हय, अऊर यो भी आदमियों को ज्ञान को अनुसार नहीं, असो नहीं होय कि यीशु को क्रूस पर को मरनो निष्फल ठहरे।
मसीह परमेश्वर को ज्ञान अऊर सामर्थ हय
18 कहालीकि क्रूस की कथा नाश होन वालो लायी मूर्खता हय, पर हम उद्धार पान वालो लायी परमेश्वर की सामर्थ आय।
19 कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय,
“मय ज्ञान वालो को ज्ञान ख नाश करू,
अऊर समझदार की समझ ख बेकार कर देऊ।”
20 कहां रह्यो ज्ञान वालो? कहां रह्यो धर्मशास्त्री? कहां रह्यो यो जगत को विवादी? का परमेश्वर न जगत को ज्ञान ख मूर्खता नहीं ठहरायो?
21 कहालीकि जब परमेश्वर को ज्ञान को अनुसार जगत न ज्ञान सी परमेश्वर ख नहीं जान्यो, त परमेश्वर ख यो अच्छो लग्यो कि यो प्रचार की “मूर्खता” को द्वारा विश्वास करन वालो ख उद्धार दे।
22 यहूदी त चमत्कार को चिन्ह चाहवय हंय, अऊर गैरयहूदी ज्ञान की खोज म हंय,
23 पर हम त ऊ क्रूस पर चढ़ायो हुयो मसीह को प्रचार करय हंय, जो यहूदिया को लायी ठोकर को वजह अऊर गैरयहूदियों लायी मूर्खता हंय;
24 पर जो बुलायो हुयो हंय, का यहूदी, का गैरयहूदी, उन्को जवर मसीह परमेश्वर की सामर्थ अऊर परमेश्वर को ज्ञान हय।
25 कहालीकि परमेश्वर की मूर्खता आदमियों को ज्ञान सी ज्ञानवान हय, अऊर परमेश्वर की कमजोरी आदमियों को बल सी बहुत ताकतवर हय।
26 हे भाऊवों अऊर बहिनों, अपनो बुलायो जान ख त सोचो कि नहीं शरीर को अनुसार बहुत ज्ञानवान, अऊर नहीं बहुत सामर्थी, अऊर नहीं बहुत बड़ो घराना सी बुलायो गयो।
27 पर परमेश्वर न जगत को मूर्खो ख चुन लियो हय कि ज्ञानवानों ख शर्मिन्दा करे, अऊर परमेश्वर न जगत को कमजोरों ख चुन लियो हय कि ताकतवरों ख शर्मिन्दा करे;
28 अऊर परमेश्वर न जगत को नीच अऊर तुच्छ ख, बल्की जो कुछ हंय भी नहाय उन्ख भी चुन लियो कि उन्ख जो कुछ बाते हंय, बेकार ठहराये।
29 परमेश्वर न असो करयो ताकि कोयी प्रानी ओको आगु घमण्ड नहीं करनो पाये।
30 पर परमेश्वर को तरफ सी तुम मसीह यीशु म एक करयो गयो हय, जो परमेश्वर को तरफ सी हमरो लायी ज्ञान बन्यो हय। जेकोसी सच्चो ठहरे, पवित्र, अऊर छुटकारा पाये;
31 जसो शास्त्र म लिख्यो हय, वसोच होय, “जो घमण्ड करे ऊ प्रभु म घमण्ड करे।”