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इस्राएल को विनाश
“हाय उन पर जो सिय्योन म सुख सी रह्य, अऊर उन पर जो सामरिया की पहाड़ी पर निश्चिन्त रह्य हय, हि जो श्रेष्ठ राज्य म प्रसिद्ध हंय, जेको जवर इस्राएल को घराना आवय हय! कलने नगर ख जाय क देखो, अऊर उत सी हमात नाम को बड़ो नगर ख जावो; फिर पलिश्तियों को गत नगर ख जावो. का हि इन राज्यों सी अच्छो हंय? का उन्की सीमा तुम्हरी सीमा सी कुछ बड़ी हय? तुम बुरो दिन ख दूर कर देवय, अऊर उपद्रव की गद्दी को जवर लावय हय।
“तुम हत्ती दांत को खटिया पर सोवय, अऊर अपनो अपनो बिस्तर पर पाय फैलाये सोवय हय, अऊर मेंढियों अऊर मोटो ताजो बछड़ा ख खावय हय। तय सारंगी को संग गीत गावय, अऊर दाऊद को जसो नयो नयो बाजा को आवाज निकालय हय; अऊर कटोरा म सी अंगूरीरस पीवय, अऊर अच्छो अच्छो तेल लगावय हय, पर यूसुफ पर आवन वाली विपत्ति को हाल सुन क शोकित नहीं होवय! यो वजह हि अब गुलामी म पहले जायेंन, येकोलायी हि अपनो देश सी निकाल्यो जायेंन, अऊर जो पाय फैलाये सोवत होतो, उन्की विलासिता खतम होय जायेंन।” परमेश्वर यहोवा न अपनीच कसम खाय क कह्यो हय: “जेको पर याकूब घमण्ड करय हय, ओको सी मय घृना, अऊर ओको राजगढ़ों सी दुश्मनी रखू हय; अऊर मय यो नगर ख ऊ सब समेत जो ओको म हय, दुश्मन को वश म कर देऊं।”
यदि कोयी घर म दस आदमी बच्यो रहेंन, तब भी हि मर जायेंन। 10 जब कोयी को काका, जो ओको जलावन वालो हय, ओकी हड्डियों ख घर सी निकालन लायी उठायेंन, अऊर जो घर को कोना म लूक्यो होना ओको सी पूछेंन, का तोरो जवर कोयी अऊर हय? तब ऊ कहेंन, “कोयी नहीं;” तब ऊ कहेंन, “चुप रह! हम्ख यहोवा को नाम नहीं लेनो चाहिये।”
11 कहालीकि यहोवा की आज्ञा सी बड़ो घर को तुकड़ा तुकड़ा होयेंन, अऊर छोटो घर म फट होयेंन। 12 का घोड़ा चट्टान पर दौड़े? का कोयी असो जागा म बईलों सी नांगर जोते जहां तुम लोगों न न्याय ख जहेर म, अऊर न्यायीपन को फल ख कड़वो फल म बदल डाल्यो हंय? 13 तुम असो चिज को वजह खुशी मनावय हय जो बेकार हय; अऊर कह्य हय, “हम अपनो बल सी करनईम नगर जीत्यो हय?” 14 यो वजह सेनावों को परमेश्वर यहोवा को वचन आय, “हे इस्राएल को घराना, देख, मय तुम्हरो खिलाफ एक असी राज्य खड़ो करूं, जो हमात की घाटी सी ले क अराबा की नदी तक तुम्ख तंग करेंन।”