24
1 दुष्ट म्हिमैं म्रोंसि ह्रिस आलद्,
चमैंने बालु थु तबै सैं आलद्,
2 तलेबिस्याँ चमैंइ आगुए न्होह्रों लबै ताँमैं मैंरिम्,
धै चमैंए सुँइ आत-आतबै ताँमैं पोंम्।
3 बुद्धिइ धिं बनेम्,
धै च्हैंब्-मैंब् लसि धिं बनेल् खाँम्।
4 ज्ञान मुँबै म्हिए धिंर
बेल्ले छ्याँ-छ्याँबै सैमैंइ प्लिंब्मुँ।
5 बुद्धि मुँबै म्हि भोंब तम्,
धै ज्ञान मुँबै म्हि शक्ति मुँब तम्।
6 च्हैंब् मैंब् नेरो सल्ला मदो लसि क्हिइ ल्हडें नेल् खाँम्,
धै सल्ला पिंब्मैं ल्हें मुँस्याँ क्हिइ ट्होब्मुँ।
7 आमादुए ल्हागिर बुद्धि स्यालै आखाँल्ले नुल्ले मुँ;
थे-थेबै म्हि च्होंर छलफल लमा चइ तोइ बिल् आखाँ।
8 आछ्याँबै केमैं लबर चाँजोमैं लबै म्हिलाइ
न्होह्रों लबै म्हि बिम्।
9 बुद्धि आरेबै म्हिइ लबै चाजोमैं पाप ग,
आगुलाइ प्ह्रबै म्हिलाइ खाबज्यै आखो।
10 दुःख तमा रालै आखाँन् तइ बिस्याँ
क्हिने भों आरे।
11 सैबर बोब्मैंलाइ जोगेद्;
धै म्हि सैल् म्हैब्मैंलाइ सैल् आपिंन्।
12 क्हिइ “चए बारेर ङिइ तोइ था आयों!” बिलेया
क्हिए खों च्हैंबै परमेश्वरजी आङ्ह्यो रो वा?
क्हिए छ्ह जोगेबै परमेश्वरजी था आसे रो वा?
ताँन् म्हिमैंलाइ चमैंइ लबै केए नों सै खीजी आपिं रो वा?
13 ओ ङए च्ह, क्वे खुदु चब्रें लद्, तलेबिस्याँ क्हिए ज्युए ल्हागिर क्वे खुदु छ्याँबै सै ग;
क्वे च्होंउँइँले युबै खुदु चद्;
क्हिलाइ च लिंल् छोरम्।
14 छलेन बुद्धि क्हिए सोए ल्हागिर खुदु धोंन् ग;
क्हिइ च योंल् खाँइ बिस्याँ, च क्हिए इनाम तब्मुँ,
धै क्हिइ थेंबै आशा पूरा तब्मुँ।
15 ठिक के लबै म्हिए धिंर न्होह्रों लबर लोइ टिबै दुष्ट म्हि धों आतद्;
चने मुँबै सैमैं आलुडिड्;
16 तलेबिस्याँ ठिक के लबै म्हि ङिखे समा क्हुरियालेया धबै रेम्,
दुष्ट म्हिमैं बिस्याँ थेबै दु:ख तसि नास तब्मुँ।
17 क्हिए शत्तुरमैंए न्होहों तमा क्हि सैं आतोंन्,
धै चए क्हुरमा क्हि निआस्योद्।
18 छाबै म्हिमैं याहवेहजी आखो,
छलब् म्रोंमा खीजी चउँइँले खीए ह्रिस स्योमिंब्मुँ।
19 दुष्ट म्हिमैंइ लमा न्हुँ आलद्,
धै चमैंने ह्रिस आलद्,
20 तलेबिस्याँ दुष्ट म्हिमैंए छ्हर आशिक आख;
दुष्ट म्हिमैंए बत्ति सैवाब्मुँ।
21 ओ ङए च्ह, याहवेहए मान् लद्, धै म्रुँ बिब् ङिंन्,
धै याहवेह नेरो म्रुँए बिरोध लब्मैंने आक्ह्रिद्,
22 तलेबिस्याँ थाइ आसेल्ले चमैं नास तयाब्मुँ।
याहवेह नेरो म्रुँइ चमैंलाइ पिंबै दुःख खाबइ था सेमुँ?
बुद्धि मुँबै म्हिइ पोंबै अरू अहानमैं
23 म्हि ङ्ह्यासि निसाफ लल् आत।
24 दुष्ट के लबै म्हिलाइ “क्हि ठिकन् मुँ,” बिबै म्हिलाइ
ताँन् म्हिमैंइ सराप झोंब्मुँ, धै ह्रें-ह्रेंमैं च म्रोंसि छेरब्मुँ।
25 दिलेया दुष्ट म्हिमैंए दोष उँइँबै म्हिमैंल मैंब् धों बिब् धों तब्मुँ,
धै चमैंए फिर बेल्ले आशिक युब्मुँ।
26 स्योर आतेल्ले जवाफ पिंब
थुलाइ म्वैं लब् धों ग।
27 बैरुबै केमैं ताँन् म्हेलिदिद्;
ह्रोंसए म्रोंर्बै केमैं ताँन् खाँन् लद्,
च लिउँइ ह्रोंसए धिं-नाँ चुद्।
28 ह्रोंसए ङ्हेब्-ट्हुब्मैंए बिरोधर तोनतोर्न ग्वाइ आटिद्,
ह्रोंसए सुँइ छलु म्हिलुए ताँमैं आपोंन्।
29 “चइ ङए न्होह्रों लइ, छतसि ङज्यै या चए न्होह्रों लवाम्;
ङइ चने खि किंब्मुँ,” आबिद्।
30 ङ प्ल्हेगु म्हिए म्रोंए घ्याँ ततै ह्यामा
बुद्धि आरेबै म्हिए अँगुरए बारि ततै ह्यामा
31 चर खन्तोदोंन् पुजुमैं मुँल,
पोलो नेरो नोइ म्रों हुवाल,
धै युँमाए गारामैं ताँन् फुयाल।
32 छाब् म्रोंसि ङए सैंर ताँ घ्रि खइ,
च ताँमैंउँइँले ङइ चु ताँमैं क्होइ:
33 “ङ तिस्याँदे रोम्, तिस्याँदे प्लिंम्,
तिस्याँदे यो च्याफैसि भों न्हम्,” िबसि टिमा
34 क्हिए फिर ह्योमैं धोंले ङ्हाँदु,
नेरो हतियार किंबै म्हि धोंले आयोंब्-आख्युब तिखेर्न कुखब्मुँ।